अलीगढ़ः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने हरियाणा के मंदसौर में हुई मुस्लिम युवकों की हत्या के विरोध में सोमवार को प्रोटेस्ट मार्च निकालकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एएमयू प्रशासन को सौंपा. छात्रों ने मांग की है कि हत्यारों के खिलाफ सख्त और कठोर कार्रवाई की जाए. साथ ही परिवार के 2 सदस्यों को सरकारी नौकरी और सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं. प्रोटेस्ट निकालने वाले छात्रों ने सरकारों के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए. यह प्रोटेस्ट मार्च AMU कैंटीन से बाबे सयैद गेट तक निकाला गया.
छात्रों ने ज्ञापन में कहा है कि पूरे देश के अंदर मोब लिंचिंग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और मुस्लिम समुदाय के लोगों को टारगेट कर उनकी हत्या की जा रही हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इतना नहीं छात्रों का आरोप है कि जिस तरीके से हरियाणा के मंदसौर में दो मुस्लिम युवकों को जिंदा जला दिया गया और उसके बावजूद भी पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. एएमयू छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति से मांग की है कि जिन लोगों की पूरे प्रकरण में लापरवाही देखने को मिल रही है, उनके खिलाफ सख्त और कठोर कार्रवाई की जाए.
एएमयू छात्रों का आरोप है कि पूरे देश के अंदर चुन-चुनकर मुसलमानों के साथ मॉब लिंचिंग की घटनाएं लगातार हो रही हैं. छात्रों का कहना है कि अगर ऐसी घटनाओं पर जल्द लगाम नहीं लेने लगी तो वह बड़ा प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे. प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने हरियाणा सरकार मुर्दाबाद और राजस्थान सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.
AMU छात्र नेता मोहम्मद नासिर ने बताया कि हरियाणा में जुनैद और नासिर के अपहरण और जिंदा जलाने की घटना हुई है. इसमें पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. मोनू मानेसर नाम के युवक के खिलाफ 10 एफआईआर दर्ज हैं. छात्र ने सरकार से मांग की है कि इस तरह घटनाएं रोकी जाएं. हर तीसरे दिन मॉब लिंचिंग का शिकार मुसलमान हो रहा है. छात्र ने मांग की है कि मुसलमान की कीमत 15 लाख नहीं होती, ऐसे फैसला नहीं होता है. न्याय का एक तरीका है. आर्थिक रूप से परिवार की मदद की जाए और परिवार को नौकरी दी जाए.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रॉक्टर मोहम्मद जैदी ने ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के द्वारा हरियाणा और राजस्थान में हुई घटनाओं के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया है. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी आर्थिक सहायता और सुरक्षा दिए जाने की मांग की है.