अलीगढ: पश्चिम बंगाल से मजदूरी कर पैसे कमाने आई एक महिला की बीमारी के चलते जेएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं, मृतका की बेटी पैसे के अभाव के कारण मौके पर पहुंचने में असमर्थता व्यक्त की है. जिसके बाद पुलिस ने मृतका के शव को अंतिम संस्कार के लिए मानव उपकार संस्था के सुपुर्द कर दिया. संस्था ने न केवल उस शव का अंतिम संस्कार कराया बल्कि उसकी बेटी से मोबाइल फोन पर वीडियो कॉलिंग के जरिए अंतिम दर्शन भी कराए. बेटी इस दौरान फफक-फफक कर रोने लगी.
जानकरी के मुताबिक, मानव उपकार संस्था के संस्थापक विष्णु कुमार बंटी को रविवार को सिविल लाइन थाना पुलिस द्वारा फोन पर सूचना दी गई कि 16 नवम्बर को जेएन मेडिकल कॉलेज से एक महिला का शव प्राप्त हुआ हैं. मृतक महिला के पास से एक मोबाइल फोन मिला ,जिसके आधार पर महिला की शिनाख्त बुलबुली पत्नी स्वःविपुल बर्मन निवासी शिघुलकुशी जनपद कुश विहार, पश्चिम बंगाल के् रूप में हुई. इसी फोन से जब मृतका के बेटी से बात की गई तो बेटी ने पैसे के अभाव में आने में असमर्थता वयक्त की. जिसके बाद पुलिस ने मानव उपकार संस्था को महिला के शव का अंतिम संस्कार के करने के लिए कहा.
मानव उपकार संस्था के संस्थाध्यक्ष विष्णु कुमार बंटी ने नियमानुसार शव को रविवार को नुमाइश मैदान स्थित मुक्तिधाम लेकर आने को कहा और तैयारी में जुट गए. इसी दौरान सिपाही नवीन कुमार के मोबाइल पर मृतका की बेटी विपली बर्मन का फोन आया और कहा कि उसे अपनी का मां का अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार देखना है. सिपाही नवीन कुमार ने मानव उपकार संस्था के संस्थाध्यक्ष से अनुरोध किया. संस्थाध्यक्ष ने बेटी से अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल न होने का कारण पूछा, तब विपली ने बताया कि वह अपनी मां के घर पर रहती है. वह गर्भवती है. उसका पति मजदूरी करता है. उसके पास डिलवरी के लिए पैसे नहीं था. जिसके कारण उसकी मां नोएडा कमाने गई थी. इस दौरान उसकी मौत हो गई.
बेटी ने बताया कि उसके पास पैसा नहीं है. इसलिए वह मौके पर पहुंच नहीं पाई. वह अपनी मां का अंतिम संस्कार देखना चाहती है, इसलिए वह मोबाइल पर मां अंतिम संस्कार देखना चाहती है. इस तरह उसने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से अपनी मां का अंतिम दर्शन किया.
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