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महंगाई की मार: अलीगढ़ में घरेलू गैस सिलेंडर से फसल की सिंचाई कर रहे किसान

महंगाई की मार से बचने के लिए अलीगढ़ में किसान डीजल के बजाय घरेलू गैस सिलेंडर से धान फसल की सिंचाई कर रहे हैं. किसानों का मानना है कि इससे उन्हें 3 हजार रुपये तक का फायदा हो रहा है.

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घरेलू गैस सिलेंडर से सिंचाई
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Published : Jul 11, 2022, 8:27 AM IST

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में सूखे और महंगाई की मार झेल रहे किसानों ने एक नई तकनीकी विकसित कर ली है. घरेलू गैस सिलेंडर (domestic gas cylinder) से पंपिंग सेट चलाकर अब किसान डीजल की बचत कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि एक सिलेंडर से करीब 60 घंटे सिंचाई होती है और डीजल की अपेक्षा गैस सिलेंडर से सिंचाई (Irrigation with domestic gas cylinder) करने में करीब 3 हजार रुपये तक का फायदा हो रहा है.

कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. इसी फार्मूले को ध्यान में रखकर जिले की इगलास तहसील क्षेत्र के गांवों में अब किसानों ने कुकिंग गैस से पंपिंग सेट चलाने शुरू कर दिए हैं. यहां के कई किसान अपने लिस्टर इंजनों को रसोई गैस से चला रहे हैं. नाम न उजागर करने की शर्त पर किसानों ने बताया कि इंजन के एयर क्लीनर के माध्यम से गैस दी जाती है, जिससे इंजन खूब पानी फेंकता है.

घरेलू गैस सिलेंडर से सिंचाई करते किसान

किसानों ने बताया कि एक सिलेंडर से लिस्टर इंजन पूरे पांच दिन यानी साठ घंटे तक चलता है. इस दौरान इंजन की स्टार्टिंग डीजल से होती है. 12 घंटे में सिर्फ दो लीटर डीजल की खपत होती है. पांच दिन में 950 रुपये का 10 लीटर डीजल और 1062 रुपये का घरेलू सिलेंडर का कुल खर्चा दो हजार रुपये आता है. अगर 60 घंटे डीजल से यही इंजन चलाया जाए तो इसका खर्चा 55 सौ रुपये तक आएगा. इसलिए किसानों को तीन हजार तक की लगभग बचत हो रही है.

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Price Today: पेट्रोल-डीजल के दाम पर लगा ब्रेक, गाड़ी में तेल भरवाने से पहले जानें आज का रेट

खास बात तो यह है कि सिलेंडर से इंजन चलाने के लिए अलग से कोई महंगे उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती है. किसानों ने बताया कि धान की फसल का मौसम है और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की जमकर कटौती की जा रही है. सिंचाई करने के लिए गंग नहर में भरपूर मात्रा में पानी नहीं आ रहा है. बरसात भी नहीं हो रही है. इसके कारण यह नई तकनीकी अपनाई जा रही है.

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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में सूखे और महंगाई की मार झेल रहे किसानों ने एक नई तकनीकी विकसित कर ली है. घरेलू गैस सिलेंडर (domestic gas cylinder) से पंपिंग सेट चलाकर अब किसान डीजल की बचत कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि एक सिलेंडर से करीब 60 घंटे सिंचाई होती है और डीजल की अपेक्षा गैस सिलेंडर से सिंचाई (Irrigation with domestic gas cylinder) करने में करीब 3 हजार रुपये तक का फायदा हो रहा है.

कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. इसी फार्मूले को ध्यान में रखकर जिले की इगलास तहसील क्षेत्र के गांवों में अब किसानों ने कुकिंग गैस से पंपिंग सेट चलाने शुरू कर दिए हैं. यहां के कई किसान अपने लिस्टर इंजनों को रसोई गैस से चला रहे हैं. नाम न उजागर करने की शर्त पर किसानों ने बताया कि इंजन के एयर क्लीनर के माध्यम से गैस दी जाती है, जिससे इंजन खूब पानी फेंकता है.

घरेलू गैस सिलेंडर से सिंचाई करते किसान

किसानों ने बताया कि एक सिलेंडर से लिस्टर इंजन पूरे पांच दिन यानी साठ घंटे तक चलता है. इस दौरान इंजन की स्टार्टिंग डीजल से होती है. 12 घंटे में सिर्फ दो लीटर डीजल की खपत होती है. पांच दिन में 950 रुपये का 10 लीटर डीजल और 1062 रुपये का घरेलू सिलेंडर का कुल खर्चा दो हजार रुपये आता है. अगर 60 घंटे डीजल से यही इंजन चलाया जाए तो इसका खर्चा 55 सौ रुपये तक आएगा. इसलिए किसानों को तीन हजार तक की लगभग बचत हो रही है.

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खास बात तो यह है कि सिलेंडर से इंजन चलाने के लिए अलग से कोई महंगे उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती है. किसानों ने बताया कि धान की फसल का मौसम है और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की जमकर कटौती की जा रही है. सिंचाई करने के लिए गंग नहर में भरपूर मात्रा में पानी नहीं आ रहा है. बरसात भी नहीं हो रही है. इसके कारण यह नई तकनीकी अपनाई जा रही है.

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