अलीगढ़: जिले में गुरुवार को धनीपुर मंडी परिसर में जैविक कृषि उत्पाद विक्रय केंद्र का शुभारंभ किया गया. केंद्र का उद्घाटन करते हुए अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने कहा कि जैविक खेती में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशकों के बिना फसलों का उत्पादन किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बनाये रखना है, इससे फसलों का उत्पादन भी बढ़ता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों को जैविक खेती करने पर अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है. इस दौरान मंडी में जैविक कृषि उत्पाद विक्रय केंद्र में किसानों ने जैविक उत्पाद के स्टॉल भी लगाये.
इस मौके पर जैविक खेती करने वाले किसानों को टिप्स दिए गए. इसके तहत किसानों को बताया गया कि रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग नहीं करना है. मिट्टी में पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए गोबर से तैयार की गई जैविक खाद, नाफेड कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट, नील हरित शैवाल का प्रयोग करने पर बल दिया गया. वहीं बीज शोधन में जैविक औषधियों के प्रयोग करने की बात कही गई. कीट पतंगों पर नियंत्रण के लिए नीम के उत्पाद का प्रयोग करने के लिए किसानों से कहा गया.
इस दौरान किसानों ने जैविक खाद का उपयोग कर उत्पादित सामानों को प्रदर्शन के लिए रखा. इसमें गेहूं, चावल, सरसों का तेल, आटा, दाल, हरी मिर्च, लौकी, तुरई, आलू आदि बिक्री के लिए रखा गया. केंद्र पर जैविक खाद के बारे में किसानों को बताया गया. जैविक खेती के जरिए किसान अपनी आमदनी को दोगुनी कर सकते हैं. जैविक खाद से उत्पन्न हुई सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं. इस केंद्र में स्टॉल लगाने वाले रोहित ने बताया कि जैविक खेती कर पैदा की गई सब्जियां लोगों को ऑनलाइन पहुंचा रहे हैं, ताकि ताजा और स्वस्थ सब्जी घरों तक पहुंचे.
अलीगढ़: कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने जैविक खेती के जरिए आमदनी दोगुनी करने का दिया मंत्र
यूपी के अलीगढ़ में इन दिनों किसान जैविक खेती पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. यहां बुधवार को जैविक कृषि उत्पाद विक्रय केंद्र का शुभारंभ किया गया. इस दौरान अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने किसानों को जैविक खेती और उससे होने वाले उत्पादों के बारे में बताया.
अलीगढ़: जिले में गुरुवार को धनीपुर मंडी परिसर में जैविक कृषि उत्पाद विक्रय केंद्र का शुभारंभ किया गया. केंद्र का उद्घाटन करते हुए अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने कहा कि जैविक खेती में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशकों के बिना फसलों का उत्पादन किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बनाये रखना है, इससे फसलों का उत्पादन भी बढ़ता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों को जैविक खेती करने पर अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है. इस दौरान मंडी में जैविक कृषि उत्पाद विक्रय केंद्र में किसानों ने जैविक उत्पाद के स्टॉल भी लगाये.
इस मौके पर जैविक खेती करने वाले किसानों को टिप्स दिए गए. इसके तहत किसानों को बताया गया कि रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग नहीं करना है. मिट्टी में पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए गोबर से तैयार की गई जैविक खाद, नाफेड कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट, नील हरित शैवाल का प्रयोग करने पर बल दिया गया. वहीं बीज शोधन में जैविक औषधियों के प्रयोग करने की बात कही गई. कीट पतंगों पर नियंत्रण के लिए नीम के उत्पाद का प्रयोग करने के लिए किसानों से कहा गया.
इस दौरान किसानों ने जैविक खाद का उपयोग कर उत्पादित सामानों को प्रदर्शन के लिए रखा. इसमें गेहूं, चावल, सरसों का तेल, आटा, दाल, हरी मिर्च, लौकी, तुरई, आलू आदि बिक्री के लिए रखा गया. केंद्र पर जैविक खाद के बारे में किसानों को बताया गया. जैविक खेती के जरिए किसान अपनी आमदनी को दोगुनी कर सकते हैं. जैविक खाद से उत्पन्न हुई सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं. इस केंद्र में स्टॉल लगाने वाले रोहित ने बताया कि जैविक खेती कर पैदा की गई सब्जियां लोगों को ऑनलाइन पहुंचा रहे हैं, ताकि ताजा और स्वस्थ सब्जी घरों तक पहुंचे.