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अलीगढ़ जेल के 3 हजार कैदियों में से सिर्फ एक के पास है वोट का अधिकार

जेल में रहकर चुनाव तो लड़ा जा सकता है, लेकिन अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया जा सकता. निर्वाचन आयोग के नियमानुसार किसी मुकदमे में प्रत्याशी दोषी करार नहीं हुआ है तो वह चुनाव लड़ सकता है. वहीं जेल में निरुद्ध दोष सिद्ध ना होने वाला व्यक्ति मतदान नहीं कर सकता है.

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Published : Apr 3, 2019, 9:11 PM IST

बंदियों के वोट अधिकार के बारे में बताते जेल अधीक्षक.

अलीगढ़ : जिला कारागार में इस समय लगभग तीन हजार बंदी निरुद्ध है. जिनमें से सिर्फ एक बंदी को ही अपने मतदान करने का अधिकार मिला हुआ है. जिला कारागार में इस वक्त एक बंदी ही ऐसा है जो लोकसभा चुनावों में वोट डाल सकेगा.

बंदियों के वोट अधिकार के बारे में बताते जेल अधीक्षक.


निर्वाचन आयोग के नियमानुसार निवारक निरोध अधिनियम में पाबंद व्यक्ति को ही अपने मतदान का अधिकार है. वहीं जिला कारागार की बात करे तों इस समय तीन हजार बंदी जिला कारागार में निरुद्ध है. जिनमें से निवारक निरोध अधिनियम के तहत एक बंदी ही ऐसा है जिसको मतदान करने अधिकार प्राप्त होगा .


जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि कारागार में कलन्दरान थाना कोतवाली का रहने वाला नईम खान ही एक मात्र ऐसा बन्दी है. जो मतदान कर सकता है. इसके लिए मतपत्र निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त होगा उसके माध्यम से वह अपना मतदान कर पायेगा.

अलीगढ़ : जिला कारागार में इस समय लगभग तीन हजार बंदी निरुद्ध है. जिनमें से सिर्फ एक बंदी को ही अपने मतदान करने का अधिकार मिला हुआ है. जिला कारागार में इस वक्त एक बंदी ही ऐसा है जो लोकसभा चुनावों में वोट डाल सकेगा.

बंदियों के वोट अधिकार के बारे में बताते जेल अधीक्षक.


निर्वाचन आयोग के नियमानुसार निवारक निरोध अधिनियम में पाबंद व्यक्ति को ही अपने मतदान का अधिकार है. वहीं जिला कारागार की बात करे तों इस समय तीन हजार बंदी जिला कारागार में निरुद्ध है. जिनमें से निवारक निरोध अधिनियम के तहत एक बंदी ही ऐसा है जिसको मतदान करने अधिकार प्राप्त होगा .


जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि कारागार में कलन्दरान थाना कोतवाली का रहने वाला नईम खान ही एक मात्र ऐसा बन्दी है. जो मतदान कर सकता है. इसके लिए मतपत्र निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त होगा उसके माध्यम से वह अपना मतदान कर पायेगा.

Intro:अलीगढ़: अलीगढ़ जिला कारागार में इस समय लगभग तीन हजार बंदी निरुद्ध है. जिनमें से सिर्फ एक बंदी को मिला है अपना मतदान करने का है अधिकार. इस बार लोकसभा चुनावों में जिला कारागार से एक बंदी ही डाल सकेगा अपना वोट. निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार जो भी बंदी सिर्फ रासुका या अन्य किसी निरोधादेश के तहत जेल में होगा. उस पर अन्य कोई मुक़द्दमा लंबित नहीं होगा, वो ही बंदी कर सकेगा अपने मतदान का प्रयोग. निरोधादेश में पाबंद व्यक्ति को ही रहता है मतदान करने का अधिकार.


Body:यह कैसी विडंबना है,जेल में रहकर चुनाव तो लड़ा जा सकता है. पर अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया जा सकता. निर्वाचन आयोग के नियमानुसार किसी मुकदमे में प्रत्याशी दोषी करार नहीं हुआ है तो वह चुनाव लड़ सकता है. मगर जेल में निरुद्ध दोष सिद्ध ना होने वाला व्यक्ति मतदान नही कर सकता है. वहीं दूसरी ओर निर्वाचन आयोग के ही नियम के अनुसार निरोधादेश में पाबंद व्यक्ति को ही रहता है अपने मतदान करने का अधिकार. जिला कारागार में इस समय तीन हजार बंदी निरुद्ध है. जिनमें से रासुका में निरुद्ध सिर्फ एक बंदी ऐसा है जिसको मतदान करने का होगा अधिकार.


Conclusion:जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया वर्तमान में कारागार में लगभग तीन हजार बंदी निरुद्ध चल रहे हैं.लेकिन जो मतदान के पात्र हैं. वो केवल निवारण अधिनियम के अंतर्गत जो बंदी निरुद्ध रहते हैं कारागार में केवल वही अपना मतदान कर सकते हैं. इस श्रेणी में केवल एक ही बंदी है. इरफान पुत्र नईम खान है.वो कलन्दरान थाना कोतवाली का रहने वाला है.एक मात्र वही एक ऐसा बन्दी है जो मतदान कर सकता है. इसके लिए मतपत्र निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त होगा उसके माध्यम से वह अपना मतदान कर पायेगा.

बाईट- आलोक सिंह,जेल अधीक्षक -जिला कारागार,अलीगढ़


ललित कुमार, अलीगढ़
UP10052
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