अलीगढ़: अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रविवार को कैलाश फार्म पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सामाजिक एकता के माध्यम से समाज का विकास करें. सामूहिकता के साथ समाज के पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाएं, जिससे कि राष्ट्र निर्माण हो सके. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला रविवार को तकनीकी कारणों से हेलीकॉप्टर से अलीगढ़ नहीं पहुंच सके और सड़क मार्ग द्वारा वह कार्यक्रम में देरी से पहुंचे.
जातियों की विविधता को तोड़ने का काम न करें
ओम बिरला ने कहा कि मैं आप लोगों की पीड़ा के साथ खड़ा हूं. आपके सुख-दुख के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा. उन्होंने बताया कि हम उस समाज से हैं, जिसने देश को जोड़ने का काम किया है. देश के अंदर तोड़ने का काम नहीं किया. जब हमारे पूर्वजों ने जाति, धर्म के आधार पर समाज को खड़ा किया. उस समय एक विचार था. लोग अपने-अपने समाज को विकास की ओर आगे ले जाएं. जो हम से पिछड़े रह गए हैं, उनको आगे ले जाने का काम करें. यह समाज निर्माण की भावना होनी चाहिए. हमारा किसी तरीके से जातियों को जातियों से लड़ाना नहीं है. संपूर्ण जातियों के समाज निर्माण के विकास को आगे ले जाना है. लेकिन जब जातियों के आधार पर हम एक नया संघर्ष खड़ा कर देंगे तो हमारे देश की विविधता को तोड़ने का काम होगा.
देश की विविधता हमें जोड़ती है
ओम बिरला ने लोकसभा का जिक्र करते हुए कहा कि देश इतना बड़ा है कि यहां अलग-अलग जाति, धर्म,वेशभूषा, खानपान व राजनीतिक प्रतिबद्धता है. लेकिन उस सारी विविधता के अंदर संपूर्ण भारत है. हमारा देश इसी तरीके का माना जाता है कि विविधता हमें जोड़ती है. हमें तोड़ती नहीं है. इसीलिए समाज में जाति प्रथा हमें तोड़ने का काम नहीं करती. हमें एक नए भारत के निर्माण का काम करती है. यह विचार हमारे मन में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विचार जब सभी जाति और समाज में होगा तो हम अपने अपने समाज को मजबूत करते हुए देश को मजबूत और ताकतवर करेंगे और नए भारतवर्ष का निर्माण करेंगे.
जातियों के सम्मेलन में कटुता बढ़ाने का काम नहीं करना चाहिेए
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जब भी जातियों का सम्मेलन होता है तो उनसे एक ही आग्रह करता हूं कि हमें आपस में जातियों की कटुता को बढ़ाने का काम नहीं करना चाहिए. भारत में जाति प्रथा के आधार पर कटुता बढ़ाने का काम किया गया तो हम देश को तोड़ने का काम होगा. हमारा एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि जिस समाज में पैदा हुए हैं, उस संपूर्ण समाज की सेवा करने का काम करें और यह सेवा और संस्कार हमारे बीच होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें ईश्वर ने सक्षम बनाया है तो हमारी यह शक्ति होनी चाहिए कि हम संपूर्ण समाज के कल्याण के लिए काम करें.