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2 साल से खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा 'भूत'

यूपी के अलीगढ़ में सरकारी सिस्टम की लापरवाही ने जिंदा आदमी को भूत बना दिया है. पीड़ित भूरे खां का कहना है कि उनके नाम से जारी हुए मृत्यु प्रमाण पत्र को उनके जमीन के दस्तावेजों में भी दाखिल कर दिया गया है. अब पीड़ित बुजुर्ग खुद को जीवित साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.

पीड़ित भूरे खां.
पीड़ित भूरे खां.
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Published : Feb 27, 2021, 2:25 PM IST

अलीगढ़: सरकारी कार्यालयों में लापरवाही के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन आदमी के जिंदा रहते अगर सरकारी सिस्टम उसे कागजों में मृत घोषित कर दे तो इसे क्या कहा जाए. जी हां ऐसा ही मामला तहसील इगलास के गांव भौरा गौरबा से सामने आया है. यहां के रहने वाले एक जीवित बुजुर्ग के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. पीड़ित भूरे खां के नाम से जारी हुए इस प्रमाण पत्र को उनके जमीन के दस्तावेजों में भी दाखिल कर दिया गया है. यह गड़बड़ी थाना क्वार्सी के नगला पटवारी इलाके की एक महिला के पति की मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन पर हुई है. मगर अब पीड़ित बुजुर्ग खुद को जीवित साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.

पीड़ित भूरे खां.

जानें पूरा मामला
शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित भूरे खां ने बताया वह तहसील इगलास के भौरा गौरबा गांव के रहने वाले हैं. वह गरीबी रेखा से नीचे आते हैं. इसके चलते उन्हें 23 साल पहले सरकार ने ढाई बीघा जमीन जीवन यापन करने के लिए दी थी. भूरे खां का आरोप है कि कागजों में मुन्नी बेगम पत्नी भूरे खां निवासी नगला पटवारी थाना को क्वार्सी के आवेदन पर 21 दिसंबर 2018 को भूरे खां को मृत बताते हुए 23 फरवरी 2019 को उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है. जबकि उनकी पत्नी हमीदा बेगम है. मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने की बात लेखपाल के द्वारा बताई गई.

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र.
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र.

इस मामले में जब पीड़ित भूरे खां ने तहसील इगलास में संपर्क किया तो पता चला कि उनकी ढाई बीघा जमीन के दस्तावेजों में भी यह मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल कर दिया गया है. पिछले दो साल से वह इस मामले में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. जिस महिला ने यह प्रमाण पत्र जारी कराया है, आवेदन के समय उसने अपना मोबाइल नंबर भी दर्ज कराया. मगर उस नंबर पर फोन करने पर कोई पुरुष फोन उठाता है और किसी भी मुन्नी बेगम को न जानने की बात कहता है. हालांकि जमीन अभी भूरे खां के नाम दर्ज है, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र के कारण वह उसमें अपने वारिसान दर्ज नहीं करा पा रहे हैं. मृत्यु प्रमाण पत्र में उनका पता नगला पटवारी लिख दिया गया है, जबकि वह मूल रूप से गांव भौरा गौरबा तहसील इगलास के रहने वाले हैं.

अपनी शिकायत लेकर पीड़ित भूरे खां डीएम और एसएसपी से मिलने पहुंचे. मगर देर से पहुंचने के कारण उनकी मुलाकात अधिकारियों से नहीं हो सकी. हालांकि जांच के बाद मामला साफ हो पाएगा.

पढ़ें- 20 सालों से ये बुजुर्ग कह रहे- 'साहब मैं जिंदा हूं, आदमी हूं, भूत नहीं'

पकड़ी जाए जालसाज महिला
पीड़ित भूरे खां ने बताया कि मुन्नी बेगम नाम की महिला जालसाजी से उनका खेत अपने नाम करना चाहती हैं. वह मुन्नी बेगम को जानते भी नहीं हैं. उसने दो साल पहले भूरे खां को मरा हुआ दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया है. मुन्नी बेगम नाम की महिला क्वार्सी थाना इलाके के नगला पटवारी की रहने वाली है. इस बारे में उन्हें जानकारी तब हुई जब उन्हें लेखपाल ने बताया उनको सरकार ने दो बीघा खेत दिया था. इस तरह से वह भी उनके पास से चला जायेगा. भूरे खां ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र जिसने भी बनाया है उसके खिलाफ कार्रवाई हो और जिस औरत ने यह बनवाया है वह भी पकड़ी जाए.

अलीगढ़: सरकारी कार्यालयों में लापरवाही के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन आदमी के जिंदा रहते अगर सरकारी सिस्टम उसे कागजों में मृत घोषित कर दे तो इसे क्या कहा जाए. जी हां ऐसा ही मामला तहसील इगलास के गांव भौरा गौरबा से सामने आया है. यहां के रहने वाले एक जीवित बुजुर्ग के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. पीड़ित भूरे खां के नाम से जारी हुए इस प्रमाण पत्र को उनके जमीन के दस्तावेजों में भी दाखिल कर दिया गया है. यह गड़बड़ी थाना क्वार्सी के नगला पटवारी इलाके की एक महिला के पति की मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन पर हुई है. मगर अब पीड़ित बुजुर्ग खुद को जीवित साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.

पीड़ित भूरे खां.

जानें पूरा मामला
शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित भूरे खां ने बताया वह तहसील इगलास के भौरा गौरबा गांव के रहने वाले हैं. वह गरीबी रेखा से नीचे आते हैं. इसके चलते उन्हें 23 साल पहले सरकार ने ढाई बीघा जमीन जीवन यापन करने के लिए दी थी. भूरे खां का आरोप है कि कागजों में मुन्नी बेगम पत्नी भूरे खां निवासी नगला पटवारी थाना को क्वार्सी के आवेदन पर 21 दिसंबर 2018 को भूरे खां को मृत बताते हुए 23 फरवरी 2019 को उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है. जबकि उनकी पत्नी हमीदा बेगम है. मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने की बात लेखपाल के द्वारा बताई गई.

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र.
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र.

इस मामले में जब पीड़ित भूरे खां ने तहसील इगलास में संपर्क किया तो पता चला कि उनकी ढाई बीघा जमीन के दस्तावेजों में भी यह मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल कर दिया गया है. पिछले दो साल से वह इस मामले में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. जिस महिला ने यह प्रमाण पत्र जारी कराया है, आवेदन के समय उसने अपना मोबाइल नंबर भी दर्ज कराया. मगर उस नंबर पर फोन करने पर कोई पुरुष फोन उठाता है और किसी भी मुन्नी बेगम को न जानने की बात कहता है. हालांकि जमीन अभी भूरे खां के नाम दर्ज है, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र के कारण वह उसमें अपने वारिसान दर्ज नहीं करा पा रहे हैं. मृत्यु प्रमाण पत्र में उनका पता नगला पटवारी लिख दिया गया है, जबकि वह मूल रूप से गांव भौरा गौरबा तहसील इगलास के रहने वाले हैं.

अपनी शिकायत लेकर पीड़ित भूरे खां डीएम और एसएसपी से मिलने पहुंचे. मगर देर से पहुंचने के कारण उनकी मुलाकात अधिकारियों से नहीं हो सकी. हालांकि जांच के बाद मामला साफ हो पाएगा.

पढ़ें- 20 सालों से ये बुजुर्ग कह रहे- 'साहब मैं जिंदा हूं, आदमी हूं, भूत नहीं'

पकड़ी जाए जालसाज महिला
पीड़ित भूरे खां ने बताया कि मुन्नी बेगम नाम की महिला जालसाजी से उनका खेत अपने नाम करना चाहती हैं. वह मुन्नी बेगम को जानते भी नहीं हैं. उसने दो साल पहले भूरे खां को मरा हुआ दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया है. मुन्नी बेगम नाम की महिला क्वार्सी थाना इलाके के नगला पटवारी की रहने वाली है. इस बारे में उन्हें जानकारी तब हुई जब उन्हें लेखपाल ने बताया उनको सरकार ने दो बीघा खेत दिया था. इस तरह से वह भी उनके पास से चला जायेगा. भूरे खां ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र जिसने भी बनाया है उसके खिलाफ कार्रवाई हो और जिस औरत ने यह बनवाया है वह भी पकड़ी जाए.

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