अलीगढ़: अलीगढ़ में अब तक बिना केंद्र पहुंचे टीकाकरण और जीवित को कोरोना से मृतक दर्शा कर लाभ पहुंचाने के मामले सामने आए. इसी प्रकार का एक और नया हैरान कर देने वाला मामला यह सामने आया है कि अलीनगर निवासी जिस मोहम्मद आरिफ की 8 दिसंबर को मृत्यु हो चुकी है. उसको स्वास्थ्य विभाग ने कोरोनारोधी टीका लगवा दिया. मृतक के परिजनों की शिकायत है कि मोहम्मद आसिफ ने 17 सितंबर को वैक्सीन लगवाई थी. लेकिन दूसरी डोज 15 जनवरी को लगने से पहले ही 8 दिसंबर को उसकी कुछ बीमारी के चलते मृत्यु हो गई. मेडिकल रोड पर स्टेसनरी की दुकान चला रहे मृतक के भाई मोहम्मद रिजवान ने बताया कि वैक्सीनेशन में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर 15 जनवरी शनिवार के दिन सीएचसी छलेसर केंद्र से दूसरी डोज लगने का मैसेज मिला था.
उस मेसेज को ओपन किया तो सर्टिफिकेट डाउनलोड करने का ऑप्शन आया, उसी साइट से फाइनली दूसरी डोज का सर्टिफिकेट डाउनलोड भी हो गया. जबकि मृतक क्षेत्र की कब्र नंबर आठ में दफन है. वहीं, इस मामले पर कांग्रेस नेता आगा यूनिस ने कहा कि वैक्सीनेशन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करके रेलवे स्टेशन दिखाए जा रहे हैं.
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वहीं, जब इस मामले में अलीगढ़ के सीएमओ नीरज त्यागी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन के दौरान मोबाइल नंबर की लास्ट डिजिट गलत होने के कारण ऐसा हुआ है. जिसे सुधारा जा रहा है. लेकिन बड़ा सवाल यहां यह उठता है कि अगर मोबाइल नंबर दर्ज हो गया है तो फिर आधार कार्ड का क्या मतलब बनता है?
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