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4 महीने बाद भी राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर नहीं हुआ सिटी हाई स्कूल - name change issue of city high school aligarh

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को दी गई जमीन की लीज अवधि पूरी होने के बाद भी इंतजामिया अपने वायदे पूरा नहीं कर सका है. राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने एएमयू को स्कूल के लिए जमीन लीज पर दी थी. वक्त पूरा होने के बाद एएमयू प्रशासन ने सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर रखे जाने का एलान किया था, लेकिन पिछले चार महीने से एएमयू कुलपति की ओर से इसके लिए कोई कवायद नहीं की गई.

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
राजा महेंद्र प्रताप सिंह
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Published : Dec 28, 2020, 8:09 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर राजकीय विश्वविद्यालय बनाने की कवायद शुरू हो गई है, लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को दी गई जमीन की लीज अवधि पूरी होने के बाद भी इंतजामिया अपने वायदे पूरा नहीं कर सका है. राजा महेन्द्र प्रताप ने एएमयू को स्कूल के लिए जमीन लीज पर दी थी. वक्त पूरा होने के बाद एएमयू प्रशासन ने सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर रखे जाने का एलान किया था, लेकिन पिछले चार महीने से एएमयू कुलपति नींद में हैं. राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर एएमयू के सिटी हाई स्कूल का नाम बदलने का कुलपति डॉ तारिक मंसूर कोई निर्णय नहीं ले सके हैं. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर राजकीय विश्वविद्यालय निर्माण के काम में तेजी आई है. एएमयू के करीब ही राजा के नाम का भव्य गेट खड़ा कर दिया गया है. गेट को भगवा रंग से रंगा गया है.

1929 में 90 वर्षों के लिए लीज पर एएमयू को दी गई थी.
स्वतंत्रता सेनानी थे राजा महेन्द्र प्रताप
राजा महेंद्र प्रताप का एएमयू में काफी सम्मान रहा है. उन्हें एएमयू ने सन 1977 के वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया था. राजा महेंद्र प्रताप स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने अफगानिस्तान में निर्वासित भारतीय सरकार का गठन किया था. स्वदेशी आंदोलन में भी शामिल रहे. आजादी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को हराकर सांसद भी बने थे.
राजा के नाम पर स्कूल का नाम रखने की घोषणा

राजा महेंद्र प्रताप ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को लीज पर जमीन दी थी. वे खुद एमएओ कॉलेज के छात्र थे. राजा महेंद्र प्रताप सिंह के पिता राजा घनश्याम सिंह एएमयू के संस्थापक सर सैय्यद अहमद खान के अच्छे दोस्त थे. उन्होंने सर सैय्यद को एमएओ कॉलेज में हॉस्टल के निर्माण के लिए मदद की थी. राजा महेंद्र प्रताप ने जो जमीन लीज पर दी थी. वह एएमयू कैंपस से चार किलोमीटर दूर पुराने शहर में है. जीटी रोड स्थित इसी जमीन पर सिटी हाईस्कूल का निर्माण किया गया. यह जमीन 1929 में 90 वर्षों के लिए लीज पर एएमयू को दी गई थी. हालांकि लीज की अवधि सितंबर 2019 में समाप्त हो गई. ऐसे में इस जमीन का स्वामित्व राजा महेंद्र प्रताप सिंह के वंशजों को वापस मिलना है. राजा के वंशजों ने जमीन वापस मांगी थी. वहीं एएमयू की तरफ से राजा के नाम पर सिटी हाई स्कूल का नाम रखने की घोषणा की गई थी.

इस स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर रखे जाने का एलान किया गया है.
इस स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर रखे जाने का एलान किया गया है.
अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर बन रहा है विश्वविद्यालय

हालांकि राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर खूब सियासत की जाती है. पहले हिंदू जागरण मंच व भाजपा के नेताओं ने मुद्दे को उठाया. फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान संभाली और चुनावी समय पर एएमयू पर हमलावर हो गये थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि एएमयू को जिसने जमीन दी थी, एएमयू ने उनके योगदान को भुला दिया. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की घोषणा कर दी. जिसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है.

राजा के तालीम लेने पर एएमयू को गर्व

एएमयू के जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज राहत अबरार बताते हैं कि राजा महेंद्र प्रताप एमएओ कॉलेज के छात्र रहे थे और विश्वविद्यालय को इस बात का गर्व है कि राजा महेंद्र प्रताप को जो तालीम एएमयू से मिली. वह देश के काम आई. उन्होंने कहा कि एएमयू की मोहब्बत अपनों के लिए कभी कम नहीं हुई है और यही कारण है कि 1977 में जब एएमयू ने अपना शताब्दी वर्ष मनाया तो समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राजा महेंद्र प्रताप सिंह का स्वागत किया था.

यह स्कूल एएमयू कैंपस से चार किलोमीटर दूर पुराने शहर में है.
यह स्कूल एएमयू कैंपस से चार किलोमीटर दूर पुराने शहर में है.
स्कूल का नाम बदलने का फैसला लटका

राहत अबरार ने बताया कि एएमयू के सिटी हाई स्कूल का नाम बदलने के लिए एक कमेटी बनाई गई है. इसमें कुलपति भी शामिल हैं और यह मामला एग्जीक्यूटिव काउंसिल में रखा गया है. बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर होता है. तो यह फक्र की बात होगी. लेकिन फैसला कमेटी को लेना है. हालांकि चार महीने का एक लंबा इंतजार के बाद भी अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.

एएमयू कुलपति का दोहरा चरित्र उजागर

वहीं जिला भाजपा प्रवक्ता निशित शर्मा ने कहा कि एएमयू के कुलपति का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है. उन्होंने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह के व्यक्तित्व को ख्याति दिलाने का प्रयास किया गया. लेकिन मामले को लंबित किया जा रहा है. जो राष्ट्रहित और समाजहित में नहीं है. उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ तारिक मंसूर की शिकायत केंद्रीय शिक्षा मंत्री से की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजकीय यूनिवर्सिटी बनाने का काम तेजी से कर रही है. लेकिन एएमयू के कुलपति एक स्कूल का नाम नहीं परिवर्तित कर रहे हैं. यह उनका दोहरा चरित्र है और इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.

राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर एएमयू के करीब बना भव्य गेट
राजकीय विश्वविद्यालय बनाने को लेकर एएमयू के करीब अनूपशहर रोड पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम का द्वार भी खड़ा किया गया है. इस गेट का रंग भगवा किया गया है. जिस पर कुछ लोगों ने आपत्ति भी जताई है. राष्ट्रीय लोक दल के जिला प्रवक्ता प्रतीक चौधरी ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह को एक पार्टी के कलर में नहीं करना चाहिए. अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम भी राजा महेंद्र प्रताप सिंह का मुद्दा समय-समय पर उठाते हैं. उन्होंने कहा कि एएमयू में राजा महेंद्र प्रताप सिंह को सम्मान मिलना चाहिए. उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि अगर यह विश्वविद्यालय रहेगा तो राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्मदिन और सेमिनार भी मनाना पड़ेगा. हालांकि विश्वविद्यालय कुलपति अभी तक सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर रखने का निर्णय नहीं ले सके हैं.

अलीगढ़: अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर राजकीय विश्वविद्यालय बनाने की कवायद शुरू हो गई है, लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को दी गई जमीन की लीज अवधि पूरी होने के बाद भी इंतजामिया अपने वायदे पूरा नहीं कर सका है. राजा महेन्द्र प्रताप ने एएमयू को स्कूल के लिए जमीन लीज पर दी थी. वक्त पूरा होने के बाद एएमयू प्रशासन ने सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर रखे जाने का एलान किया था, लेकिन पिछले चार महीने से एएमयू कुलपति नींद में हैं. राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर एएमयू के सिटी हाई स्कूल का नाम बदलने का कुलपति डॉ तारिक मंसूर कोई निर्णय नहीं ले सके हैं. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर राजकीय विश्वविद्यालय निर्माण के काम में तेजी आई है. एएमयू के करीब ही राजा के नाम का भव्य गेट खड़ा कर दिया गया है. गेट को भगवा रंग से रंगा गया है.

1929 में 90 वर्षों के लिए लीज पर एएमयू को दी गई थी.
स्वतंत्रता सेनानी थे राजा महेन्द्र प्रताप
राजा महेंद्र प्रताप का एएमयू में काफी सम्मान रहा है. उन्हें एएमयू ने सन 1977 के वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया था. राजा महेंद्र प्रताप स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने अफगानिस्तान में निर्वासित भारतीय सरकार का गठन किया था. स्वदेशी आंदोलन में भी शामिल रहे. आजादी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को हराकर सांसद भी बने थे.
राजा के नाम पर स्कूल का नाम रखने की घोषणा

राजा महेंद्र प्रताप ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को लीज पर जमीन दी थी. वे खुद एमएओ कॉलेज के छात्र थे. राजा महेंद्र प्रताप सिंह के पिता राजा घनश्याम सिंह एएमयू के संस्थापक सर सैय्यद अहमद खान के अच्छे दोस्त थे. उन्होंने सर सैय्यद को एमएओ कॉलेज में हॉस्टल के निर्माण के लिए मदद की थी. राजा महेंद्र प्रताप ने जो जमीन लीज पर दी थी. वह एएमयू कैंपस से चार किलोमीटर दूर पुराने शहर में है. जीटी रोड स्थित इसी जमीन पर सिटी हाईस्कूल का निर्माण किया गया. यह जमीन 1929 में 90 वर्षों के लिए लीज पर एएमयू को दी गई थी. हालांकि लीज की अवधि सितंबर 2019 में समाप्त हो गई. ऐसे में इस जमीन का स्वामित्व राजा महेंद्र प्रताप सिंह के वंशजों को वापस मिलना है. राजा के वंशजों ने जमीन वापस मांगी थी. वहीं एएमयू की तरफ से राजा के नाम पर सिटी हाई स्कूल का नाम रखने की घोषणा की गई थी.

इस स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर रखे जाने का एलान किया गया है.
इस स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर रखे जाने का एलान किया गया है.
अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर बन रहा है विश्वविद्यालय

हालांकि राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर खूब सियासत की जाती है. पहले हिंदू जागरण मंच व भाजपा के नेताओं ने मुद्दे को उठाया. फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान संभाली और चुनावी समय पर एएमयू पर हमलावर हो गये थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि एएमयू को जिसने जमीन दी थी, एएमयू ने उनके योगदान को भुला दिया. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की घोषणा कर दी. जिसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है.

राजा के तालीम लेने पर एएमयू को गर्व

एएमयू के जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज राहत अबरार बताते हैं कि राजा महेंद्र प्रताप एमएओ कॉलेज के छात्र रहे थे और विश्वविद्यालय को इस बात का गर्व है कि राजा महेंद्र प्रताप को जो तालीम एएमयू से मिली. वह देश के काम आई. उन्होंने कहा कि एएमयू की मोहब्बत अपनों के लिए कभी कम नहीं हुई है और यही कारण है कि 1977 में जब एएमयू ने अपना शताब्दी वर्ष मनाया तो समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राजा महेंद्र प्रताप सिंह का स्वागत किया था.

यह स्कूल एएमयू कैंपस से चार किलोमीटर दूर पुराने शहर में है.
यह स्कूल एएमयू कैंपस से चार किलोमीटर दूर पुराने शहर में है.
स्कूल का नाम बदलने का फैसला लटका

राहत अबरार ने बताया कि एएमयू के सिटी हाई स्कूल का नाम बदलने के लिए एक कमेटी बनाई गई है. इसमें कुलपति भी शामिल हैं और यह मामला एग्जीक्यूटिव काउंसिल में रखा गया है. बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर होता है. तो यह फक्र की बात होगी. लेकिन फैसला कमेटी को लेना है. हालांकि चार महीने का एक लंबा इंतजार के बाद भी अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.

एएमयू कुलपति का दोहरा चरित्र उजागर

वहीं जिला भाजपा प्रवक्ता निशित शर्मा ने कहा कि एएमयू के कुलपति का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है. उन्होंने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह के व्यक्तित्व को ख्याति दिलाने का प्रयास किया गया. लेकिन मामले को लंबित किया जा रहा है. जो राष्ट्रहित और समाजहित में नहीं है. उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ तारिक मंसूर की शिकायत केंद्रीय शिक्षा मंत्री से की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजकीय यूनिवर्सिटी बनाने का काम तेजी से कर रही है. लेकिन एएमयू के कुलपति एक स्कूल का नाम नहीं परिवर्तित कर रहे हैं. यह उनका दोहरा चरित्र है और इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.

राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर एएमयू के करीब बना भव्य गेट
राजकीय विश्वविद्यालय बनाने को लेकर एएमयू के करीब अनूपशहर रोड पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम का द्वार भी खड़ा किया गया है. इस गेट का रंग भगवा किया गया है. जिस पर कुछ लोगों ने आपत्ति भी जताई है. राष्ट्रीय लोक दल के जिला प्रवक्ता प्रतीक चौधरी ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह को एक पार्टी के कलर में नहीं करना चाहिए. अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम भी राजा महेंद्र प्रताप सिंह का मुद्दा समय-समय पर उठाते हैं. उन्होंने कहा कि एएमयू में राजा महेंद्र प्रताप सिंह को सम्मान मिलना चाहिए. उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि अगर यह विश्वविद्यालय रहेगा तो राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्मदिन और सेमिनार भी मनाना पड़ेगा. हालांकि विश्वविद्यालय कुलपति अभी तक सिटी हाई स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर रखने का निर्णय नहीं ले सके हैं.

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