अलीगढ़ : जिले में जिला क्षय रोग अधिकारी की निष्क्रियता पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि 'जिला क्षय रोग अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं. मंगलवार को डीएम की अध्यक्षता में टीबी मुक्त भारत अभियान के संचालन के संबंध में बैठक ली गई. इस दौरान बताया गया कि 3882 रोगियों को 2 करोड़ 31 लाख रुपए से लाभान्वित किया गया. प्रत्येक क्षय रोगियों के खाते में पांच सौ रुपये प्रति माह दिए गए हैं.'
जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने निर्देश दिए कि टीबी से ग्रस्त मरीजों को समय पर दवाएं, धनराशि एवं पोषण आहार उपलब्ध कराए जाएं. टीबी ग्रसित को किसी प्रकार की असुविधा होने पर अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा वांछित सहयोग किया जाए. जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. अनुपम भाष्कर की निष्क्रियता पर कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए कार्यशैली में सुधार लाने के निर्देश दिए है. डीएम ने कहा कि 'टीबी रोग घातक अवश्य है, परन्तु लाइलाज नहीं. रोग से ग्रसित व्यक्तियों के लिए दवा के साथ प्रोटीन युक्त पोषक आहार के सेवन के लिए जागरूक किया जाए. नियमित दवा का सेवन एवं आवश्यक परहेज से क्षय रोगी को निश्चित अवधि में पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. क्षय रोगी को चाहिए कि एक बार दवा शुरू होने के उपरान्त बिना चिकित्सकीय परामर्श के बन्द न की जाए.'
सीएमओ डाॅ. नीरज त्यागी ने बताया कि 'जनपद को क्षय रोग से मुक्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं, जिसमें जनसहयोग की भी आवश्यकता है. टीबी ग्रसित रोगियों को मूंग दाल, मूंगफली दाना, गुड़, सोयाबरी समेत अन्य प्रोटीनयुक्त भोजन प्रचुर मात्रा में लेना चाहिए. दवा को इलाज पूरा होने तक एक भी दिन छोड़ना नहीं है. दवा बंद करने के लिए चिकित्सकीय परामर्श अनिवार्य किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक चिन्हित क्षय रोगी के खाते में प्रति रोगी 500 रुपये प्रतिमाह की दर से पोषक आहार ग्रहण करने के लिए भेजी जाती है. विगत वर्ष में 3882 टीबी मरीजों को 2.31 करोड़ रुपये से लाभान्वित किया गया है. डीएम ने निर्देशित किया कि क्षय रोग उन्मूलन के लिए आवंटित कुल 3.78 करोड़ की धनराशि का सम्पूर्ण ब्रेकअप तीन दिवस में उपलब्ध कराएं. मलेरिया अधिकारी डाॅ. अनुपम भाष्कर ने बताया कि जनपद में कुल 86 एचआईवी पॉजिटिव का भी इलाज किया जा रहा है.'
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