अलीगढ़: जनपद में गृह कर को लेकर नगर निगम में दो फाड़ हो गया है. सिटी मेयर ने नगर निगम के अधिकारियों के फैसले पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि अलीगढ़ नगर निगम हाउस टैक्स बढ़ा कर क्षेत्र की जनता का अहित नहीं होने दिया जाएगा. दरअसल, तमाम आपत्तियों के बावजूद भी नगर निगम ने गृहकर बढ़ा दिया है. जिसको लेकर पार्षदों का एक दल नगर निगम के साथ दिखाई दे रहा है तो दूसरा दल मेयर मोहम्मद फुरकान के पक्ष में खड़ा हो गया. मेयर के पक्ष ने नगर निगम और नगर आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
महापौर फुरकान ने कहा है कि कि जो व्यक्ति समय से अपना पूरा गृहकर जमा कर चुका है तो उसका गृहकर 2017 से कई गुना मय ब्याज के क्यों बढ़ाया जा रहा है . नगर निगम अधिनियम की धारा 213 के अन्तर्गत प्रावधान है कि जब तक सुनवाई न हो, तब तक निगम गृहकर लेने का अधिकारी नहीं है क्योंकि 2017 से टैक्स लगाया गया है और 2022 में सुनवाई हो रही है. जब 2022 में सुनवाई पूर्ण हो जाए और आपत्तियों का निस्तारण हो जाए तो आप अप्रैल 2023 से गृहकर वसूल करें. हमें कोई आपत्ति नहीं है.
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महापौर मोहम्मद फुरकान ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि निगम की आय बढ़े, लेकिन यह भी न हो कि जनता पर अनैतिक तरीके से भारी बोझ डाल दिया जाए, क्योंकि पिछले कई वर्षों से जनता कोरोना से त्रस्त है. महंगाई भी अपने चरम पर है, जिससे जनता पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है. इसलिए इस प्रकार से गृहकर बढ़ाया जाना उचित नहीं है. जबकि 2021 में एक नया शाासनादेश आया कि सीमावृद्धि क्षेत्र में आवासीय भवनों पर अगले आदेश तक गृहकर प्रभावी न किया जाए.
उन्होंने कहा कि प्रायः देखने में आया है कि एक व्यक्ति के भवन का गृहकर 18 लाख से भी अधिक आया है. अब वह क्या अपना भवन बेचकर गृहकर अदा करेगा . महापौर मोहम्मद फुरकान ने कहा कि मैं और मेरे समस्त पार्षद जनता के हित में, जनता के साथ खड़े हैं .अलीगढ़ की जनता का अहित नहीं होने देंगे.
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