अलीगढ़: कश्मीर में शहीद जवान नेत्रपाल सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार की देर शाम उनके गृह ग्राम गौंडा थाना क्षेत्र के खेड़ा पिसाए पहुंचा. जहां शहीद के सम्मान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. देर शाम को शहीद के शव के अंतिम दर्शन के लिये दूर दराज के गांव से लोग पहुंचे. जिसके बाद शहीद नेत्रपाल सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई
शहीद नेत्रपाल सिंह का जन्म साल 1971 में अलीगढ़ के थाना गौंडा क्षेत्र के गड़ा खेड़ा पिसाए गांव में हुआ था. शहीद नेत्रपाल सिंह श्रीनगर में सीआरपीएम के 162वीं बटालियन में सूबेदार के पद पर तैनात थे. फौजी का पार्थिव शव दिल्ली से होकर उनके गृह ग्राम पहुंचा. शहीद के परिवार में दो बेटे, दो बेटियां और पत्नी है. मुख्यमंत्री ने शहीद के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये सहित शहीद के नाम से एक सड़क निर्माण करवाने की बात कही है. जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने बताया कि शहीद का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया है. उनकी शहादत को हमेशा याद किया जायेगा.
शिक्षा मंत्री और डीएम अंतिम संस्कार में रहे मौजूद
सीआरपीएफ के 139 बटालियन के कामन्डेंट प्रशांत यादव, इंस्पेक्टर विजयपाल सिंह के नेतृत्व में 14 सदस्यों की टीम ने राजकीय सम्मान के साथ जवान को अंतिम सलामी दी. शहीद की अंतिम विदाई के दौरान शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, अलीगढ़ डीएम चंद्र भूषण सिंह, सीडीओ अनुनय झा, उपजिलाधिकारी इगलास, सीओ इगलास मौजूद रहे.