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जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्षा ने एएमयू के धरने को दिया समर्थन, कहा- सरकार मनमानी नहीं कर सकती

एएमयू में सीएए और एनआरसी के विरोध में लगातार हो रहे प्रदर्शन को जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्षा सारिका चौधरी ने समर्थन किया है. उनका कहना है कि सरकार स्टूडेंट पर मनमानी तरीके से अपनी पॉलिसी नहीं थोप सकती.

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जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्षा ने एएमयू के धरने को दिया समर्थन.
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Published : Jan 3, 2020, 12:10 PM IST

अलीगढ़: जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्षा सारिका चौधरी ने एएमयू के धरने का समर्थन किया है. एएमयू के छात्र लगातार सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सारिका चौधरी ने कहा कि जेएनयू, जामिया-मिलिया और एएमयू एक साथ खड़ा है. सरकार पर निशाना साधते उन्होंने कहा कि स्टूडेंट पर आप मनमानी तरीके से अपनी पॉलिसी को थोप नहीं सकते. आपको डेमोक्रेसी में सभी की राय के बाद ही कोई कानून लाना चाहिए.

जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्षा ने एएमयू के धरने को दिया समर्थन.

सरकार पर तंज कसते सारिका चौधरी ने कहा कि आप गलत तरीके से किसी को रूल नहीं कर सकते. यह देश डेमोक्रेसी से चलता है, कांस्टिट्यूशन से चलता है.

सीएए और एनआरसी के विरोध में एएमयू में बाबे सैयद गेट की दीवार और डक पॉइंट के पास वॉल ऑफ डेमोक्रेसी के नाम से हस्ताक्षर अभियान छेड़ा हुआ है. इसमें जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष सारिका चौधरी ने सहभाग लिया और दीवार पर हस्ताक्षर किया.

इसे भी पढ़ें- अलीगढ़ः अब 6 जनवरी को नहीं खुलेगी एएमयू, बढ़ाई गईं छुट्टियां

एनआरसी और सीएए के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहा है. जामिया की स्थिति काफी खराब है. एनआरसी के खिलाफ विपक्ष को बोलना चाहिए. सिटीजनशिप एक बुनियादी मुद्दा है, जिसे लेकर सारे देश के छात्रों को बोलना चाहिए.
- सारिका चौधरी, पूर्व उपाध्यक्ष, जेएनयू

अलीगढ़: जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्षा सारिका चौधरी ने एएमयू के धरने का समर्थन किया है. एएमयू के छात्र लगातार सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सारिका चौधरी ने कहा कि जेएनयू, जामिया-मिलिया और एएमयू एक साथ खड़ा है. सरकार पर निशाना साधते उन्होंने कहा कि स्टूडेंट पर आप मनमानी तरीके से अपनी पॉलिसी को थोप नहीं सकते. आपको डेमोक्रेसी में सभी की राय के बाद ही कोई कानून लाना चाहिए.

जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्षा ने एएमयू के धरने को दिया समर्थन.

सरकार पर तंज कसते सारिका चौधरी ने कहा कि आप गलत तरीके से किसी को रूल नहीं कर सकते. यह देश डेमोक्रेसी से चलता है, कांस्टिट्यूशन से चलता है.

सीएए और एनआरसी के विरोध में एएमयू में बाबे सैयद गेट की दीवार और डक पॉइंट के पास वॉल ऑफ डेमोक्रेसी के नाम से हस्ताक्षर अभियान छेड़ा हुआ है. इसमें जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष सारिका चौधरी ने सहभाग लिया और दीवार पर हस्ताक्षर किया.

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एनआरसी और सीएए के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहा है. जामिया की स्थिति काफी खराब है. एनआरसी के खिलाफ विपक्ष को बोलना चाहिए. सिटीजनशिप एक बुनियादी मुद्दा है, जिसे लेकर सारे देश के छात्रों को बोलना चाहिए.
- सारिका चौधरी, पूर्व उपाध्यक्ष, जेएनयू

Intro:अलीगढ़: जेएनयू की एक्स वाइस प्रेसिडेंट ने एएमयू धरने को दिया समर्थन. एएमयू कैंपस में आकर डक पॉइंट पर सीएए- एनआरसी के अगेंस्ट किए हस्ताक्षर. कहा जेएनयू , जामिया मिलिया और एएमयू खड़े हैं एक साथ. हर शहर के शिक्षण संस्थान में जाकर लिया जा रहा है सीएए और एनआरसी के विरोध में समर्थन. वही जिला प्रशासन के द्वारा छात्रों के विरुद्ध की गई कार्यवाही पर उठाए सवाल. थाना सिविल लाइन इलाके में स्थित एएमयू कैंपस में पहुंचकर जेएनयू की एक्स वाइस प्रेसिडेंट सारिका चौधरी ने एएमयू में धरने को दिया समर्थन.


Body:अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डक पॉइंट और बाबे सैयद गेट पर छात्र-छात्राओं का सीएए और एनआरसी के विरोध में लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है. जिसके लिए बाबे सैयद गेट की दीवार और डक पॉइंट के पास वॉल ऑफ डेमोक्रेसी के नाम से हस्ताक्षर अभियान छेड़ा हुआ है. जिसमें आज जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष सारिका चौधरी ने प्रतिभाग किया और दीवार पर हस्ताक्षर किए. वही जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष ने सीएए और एनआरसी के विरोध में जेएनयू ,जामिया मिलिया और एएमयू के एक साथ खड़े होने की बात कही.


Conclusion:जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष सारिका चौधरी ने कहा हम इसी संदेश के साथ आए हैं कि जेएनयू के छात्र, जामिया के छात्र अलग-अलग नहीं है. हम सब लोग साथ हैं यह जो फाइट हो रहा है खासकर बीजेपी सरकार के द्वारा स्टूडेंट्स के ऊपर एनआरसी- सीएए लाकर इस देश के गरीब जनता पर उनके खिलाफ सारे स्टूडेंट्स एक साथ हैं. इसी का संदेश लेते हुए हम यहां पर आए हैं कि जेएनयू , जामिया मिलिया और एएमयू एक साथ खड़ा है. जेएनयू में प्रोटेस्ट अभी भी चल रहा है और एनआरसी और सीएए के खिलाफ लगातार रोज प्रोटेस्ट हो रहे हैं. जामिया में भी स्थिति खराब है हम जामिया भी गए थे. यहां भी आए हैं ताकि हम लोग एक साथ स्टूडेंट्स को एक यूनिटी के तहत लाया जाए एक साथ एक प्लेटफार्म पर लाया जाए खासकर इस गवर्नमेंट के खिलाफ. जो जरूरत है आज अपोजिशन को बोलने का वह अपना काम करें ना करें हम छात्र जो मानते हैं कि हमारी जिम्मेदारी है खासकर सिटीजनशिप को लेकर जो कि बुनियादी एक इश्यू है सारे देश की जनता के लिए उस मुद्दे पर सारे ही छात्र एक साथ बोले अपनी आवाज बुलंद करें. इसी चीज के लिए हम लोग हर जगह पर हर यूनिवर्सिटी में जहां भी यह सारी चीज हो रही हैं हम वहां जा रहे हैं और पहली बार ऐसा हुआ है कि आईआईटी, आईआईटीएम्स में भी स्टूडेंट्स बोल रहे हैं इसके खिलाफ. अगर आप इस तरीके से अपना पॉलिसी स्टूडेंट पर इस देश की जनता पर थोपेंगे तो लोग मानने वाले नहीं है. आपको कंसल्ट करके डेमोक्रेसी में यह चीज बहुत जरूरी होता है कि जनता क्या बोल रहा है आप इसको समझे. यहां भी यूनिवर्सिटी में मैंने सुना है कि 5 स्टूडेंट्स पर गुंडा एक्ट के तहत चार्जशीट लगाया गया है बहुत सारा f.i.r. किया गया है. इस तरीके से उनको लगता है कि रूल कर लेंगे तो उनको बहुत ही गलत लगता है यह देश डेमोक्रेसी से चलता है कांस्टिट्यूशन से चलता है.

बाईट- सारिका चौधरी, पूर्व उपाध्यक्ष- जेएनयू

ललित कुमार, अलीगढ़
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