अलीगढ़: जनपद के एक प्राइवेट अस्पताल पर इलाज का पैसा नहीं देने पर मरीज को पीटने का आरोप लगा है. इस पिटाई से मरीज की मौत हो गई. वहीं परिजनों ने प्राइवेट अस्पताल पर जमकर हंगामा किया. मौके पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों से पूछताछ कर रही है. मरीज के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. घटना थाना क्वार्सी के दोहर्रा स्थित एनबी हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर की है.
क्या है पूरा मामला
मथुरा रोड निवासी सुल्तान को सांस लेने में तकलीफ और यूरिन न होने की समस्या थी. इलाज के लिए परिजन सुल्तान को लेकर दोहर्रा स्थित एनबी अस्पताल पहुंचे. यहां सुल्तान का ट्रीटमेंट कार्ड बनाया गया, जिसके तहत अल्ट्रासाउंड व अन्य दवाओं का खर्च पांच हजार रुपये बताया गया. सुल्तान के भतीजे चमन ने 3500 रुपये जमा कर दिए.
जब चमन ने इलाज के पूरे खर्च के बारे में अस्पताल के मैनेजमेंट से पूछा तो उसे लम्बा चौड़ा खर्चा बता दिया गया. अस्पताल द्वारा इलाज में ज्यादा खर्च होने की बात पर चमन अपने चाचा को दूसरे अस्पताल ले जाने लगा. इस बीच अस्पताल कर्मियों ने मरीज के भर्ती होने के चार हजार रुपये की और मांग की. इस पर बात बिगड़ गई और अस्पताल कर्मियों का चमन से विवाद हो गया.
मरीज की हालत गंभीर होने पर चमन ने रुपये देने में असमर्थता जताई. इस दौरान हाथापाई की नौबत आ गई. पीड़ित चमन ने बताया कि अस्पताल के पांच कर्मी डंडे लेकर आ गए और मरीज के साथ तीमारदार को पीटने लगे. चमन ने बताया कि पिटाई से चाचा सुल्तान की मौत हो गई.
मैनिजिंग डायरेक्टर ने दी सफाई
एनबी अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर दानिश अली ने बताया कि रुपयों का लेनदेन का मामला था, लेकिन मारपीट नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि मरीज सुल्तान की कंडीशन अच्छी नहीं थी. कोरोना सस्पेक्टेड लग रहा था, इसलिए उन्हें वापस कर दिया गया था. दवाइयों का बिल पेड कर दिया गया था, लेकिन अस्पताल का दो हजार का बिल देने से मरीज के तीमारदारों ने इनकार कर दिया था.
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दानिश ने बताया कि हमारे कर्मचारी के साथ मरीज के तीमारदारों ने हाथापाई की. उन्होंने कहा कि मरीज हमारे यहां से ठीक गया है और मारपीट नहीं की गई है. वहीं थाना क्वार्सी की पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच में जुटी है.