अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग द्वारा कूल्हे और घुटने की चोट के विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ऑर्थोपेडिक ट्रामा के क्षेत्र में नए चिकित्सीय आविष्कारों और टेक्नोलॉजी पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला. विभिन्न मेडिकल केसों पर विचार विमर्श किया गया और लेक्चर प्रस्तुत किए गए.
अलीगढ़: JNMC ऑडिटोरियम में कुल्हे और घुटने की चोट से संबंधित कार्यक्रम का हुआ आयोजन - aligarh latest news
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग द्वारा कूल्हे और घुटने की चोट के विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
JNMC ऑडिटोरियम में कुल्हे और घुटने की चोट से सम्बंधित कार्यक्रम का आयोजन
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग द्वारा कूल्हे और घुटने की चोट के विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ऑर्थोपेडिक ट्रामा के क्षेत्र में नए चिकित्सीय आविष्कारों और टेक्नोलॉजी पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला. विभिन्न मेडिकल केसों पर विचार विमर्श किया गया और लेक्चर प्रस्तुत किए गए.
Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज के आर्थोपेडिक सर्जरी विभाग द्वारा कूल्हे और घुटने की चोट के विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें आर्थोपेडिक ट्रामा के क्षेत्र में नये चिकित्सीय अविष्कारों तथा टेक्नालोजी पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला, विभिन्न मेडीकल केसों पर विचार विमर्श किया और लेक्चर प्रस्तुत किये गये.
Body:जेएन मेडीकल कालिज आडीटोरियम में आयोजित उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि एएमयू के सहकुलपति प्रो अख्तर हसीब ने कहा कि इस कोर्स से आर्थोपेडिक सर्जन्स को आर्थोपेडिक ट्रामा में विकसित नई तकनीक और चिकित्सा पद्धति से परिचित होने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस प्रकार से लोगों में कूल्हे तथा घुटने की समस्याऐं बढ़ रही हैं .उसके दृष्टिगत आवश्यक है कि इसका अत्याधुनिक तकनीक से उपचार हो. ताकि व्यक्ति सामान्य रूप से जीवन व्यतीत कर सके. प्रो. हसीब ने कहा कि इस प्रकार के कोर्स नियमित रूप से आयोजित होते रहने चाहिये. ताकि चिकित्सकों का ज्ञान अपडेट रहे.
Conclusion:लखनऊ से आये उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. जमाल अशरफ ने फ्रेक्चर के इलाज और देखभाल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए युवा चिकित्सकों से कहा कि वह चिकित्सा के दौरान जहां रोगियों को अत्याधुनिक चिकित्सा उपलब्ध करायें. वहीं उनसे मधुर एवं विनम्र व्यवहार से भी पेश आयें. कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष व आर्थोपेडिक विभाग के चेयरमैन प्रो. नैय्यर आसिफ ने कहा कि घुटने और कूल्हे की चोट से विकलांगता की समस्या में निरंतर इजाफा हो रहा है. इसलिये इस पर काबू पाने के लिये आवश्यक है कि इसका सही प्रकार से उपचार हो. उन्होंने कहा कि इस कोर्स से आर्थोपेडिक सर्जन्स को नई जानकारी हासिल होने में मदद मिलेगी. दिन भर चले इस कार्यक्रम में नई दिल्ली से रितभ कुमार, मुम्बई के अमित अजगांवकर, पटना से डा. जोन मुखोपाध्याय, मेक्स हास्पिटल नई दिल्ली के डा. एमके मागू तथा एम्स नई दिल्ली के डा. शाह आलम भी शामिल हुए. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आर्थोपेडिक सर्जन्स, सीनियर व जूनियर रेजीडेंट डाक्टर भी शामिल हुये.
बाइट - डा. नैय्यर आसिफ , आर्गेनाइजिंग चैयरमेन
बाइट -डा लतिफ जिलानी, सचिव , कार्यक्रय आयोजक
आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535
Body:जेएन मेडीकल कालिज आडीटोरियम में आयोजित उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि एएमयू के सहकुलपति प्रो अख्तर हसीब ने कहा कि इस कोर्स से आर्थोपेडिक सर्जन्स को आर्थोपेडिक ट्रामा में विकसित नई तकनीक और चिकित्सा पद्धति से परिचित होने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस प्रकार से लोगों में कूल्हे तथा घुटने की समस्याऐं बढ़ रही हैं .उसके दृष्टिगत आवश्यक है कि इसका अत्याधुनिक तकनीक से उपचार हो. ताकि व्यक्ति सामान्य रूप से जीवन व्यतीत कर सके. प्रो. हसीब ने कहा कि इस प्रकार के कोर्स नियमित रूप से आयोजित होते रहने चाहिये. ताकि चिकित्सकों का ज्ञान अपडेट रहे.
Conclusion:लखनऊ से आये उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. जमाल अशरफ ने फ्रेक्चर के इलाज और देखभाल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए युवा चिकित्सकों से कहा कि वह चिकित्सा के दौरान जहां रोगियों को अत्याधुनिक चिकित्सा उपलब्ध करायें. वहीं उनसे मधुर एवं विनम्र व्यवहार से भी पेश आयें. कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष व आर्थोपेडिक विभाग के चेयरमैन प्रो. नैय्यर आसिफ ने कहा कि घुटने और कूल्हे की चोट से विकलांगता की समस्या में निरंतर इजाफा हो रहा है. इसलिये इस पर काबू पाने के लिये आवश्यक है कि इसका सही प्रकार से उपचार हो. उन्होंने कहा कि इस कोर्स से आर्थोपेडिक सर्जन्स को नई जानकारी हासिल होने में मदद मिलेगी. दिन भर चले इस कार्यक्रम में नई दिल्ली से रितभ कुमार, मुम्बई के अमित अजगांवकर, पटना से डा. जोन मुखोपाध्याय, मेक्स हास्पिटल नई दिल्ली के डा. एमके मागू तथा एम्स नई दिल्ली के डा. शाह आलम भी शामिल हुए. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आर्थोपेडिक सर्जन्स, सीनियर व जूनियर रेजीडेंट डाक्टर भी शामिल हुये.
बाइट - डा. नैय्यर आसिफ , आर्गेनाइजिंग चैयरमेन
बाइट -डा लतिफ जिलानी, सचिव , कार्यक्रय आयोजक
आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535