अलीगढ़: अलीगढ़ के टप्पल में पांच दिन पहले सामने आए आठ साल की किशोरी की हत्या मामले (Aligarh teenager murder case) में पुलिस ने बड़ा खुलासा (Police made big disclosure) किया है. साथ ही बताया गया कि किशोरी की हत्या किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि अपने विरोधियों को फंसाने के लिए दादा ने की थी. हालांकि, आरोपी दादा ने अपना गुनाह कुबूल (Accused grandfather confesses his crime) लिया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
दरअसल, बीते 20 सितंबर को गांव किशनपुर में आठ साल की किशोरी का शव खेत से बरामद होने के बाद आरोपी दादा लेखराज ने थाने पहुंच उक्त मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में एसएसपी कला निधि नैथानी के निर्देशन में थाने पर तीन दिनों तक एसपी ग्रामीण और क्षेत्राधिकारी ने कैंप किया.
थाना टप्पल पुलिस और जनपदीय क्राइम टीम का पर्यवेक्षण करते हुए गांव के करीब 100 से अधिक लोगों से गहनता से पूछताछ की गई. इसमें स्कूल के छात्रों और शिक्षकों से भी जानकारी ली गई. वहीं, सभी साक्ष्य को संकलित करते हुए गहनता से पूछताछ में यह बात सामने आई कि घटना के समय उस रास्ते पर मृतिका के दादा लेखराज और दादी संपत को गांव के अन्य लोगों ने जाते देखा था.
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साथ ही यह भी तथ्य संज्ञान में आया कि गांव के ही रामकिशन ने आरोपी दादा लेखराज के बेटे ओम प्रकाश के विरुद्ध मु0अ0सं0- 348/19 धारा 354/504/376 आईपीसी एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट पंजीकृत कराया गया था, जो इस समय न्यायालय में विचाराधीन है. उक्त मुकदमे में लेखराज वादी पक्ष पर फैसले के लिए दबाव बनाने का प्रयास कर रहा था.
वहीं, दादा लेखराज और दादी संपत से गहनता से पूछताछ किए जाने पर दोनों ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया. साथ ही बताया कि उन्होंने अपनी पोती रूबी की स्कूल के रास्ते के पास खेत में हत्या कर दी थी और फिर पास के धान के खेत में शव को फेंक वहां से चलते बने थे.
वहीं, आरोपी दादा ने बताया कि वे अपने विरोधी रामकिशन को फंसाने के लिए सब किए थे, ताकि वो जेल चला जाए. आरोपी का बेटा ओमप्रकाश जो पूर्व में एक मुकदमे में अभियुक्त है कि नौकरी लगने में कोई परेशानी न आए.
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इसके अलावे इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कोर्ट कचहरी के कारण लेखराज का काफी पैसा खर्चा हो गया था. वहीं, मृतका के एक भाई का भी लंबे समय से इलाज चल रहा था. इस प्रकार घर के खर्चे में दिक्कत आने और कोर्ट कचहरी में अधिक खर्च से बचने को आरोपी दादा ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर इस साजिश को रचा था.
गौरतलब है कि स्कूल में पूछताछ करने पर पता चला कि लड़की कई महीनों से स्कूल नहीं आ रही थी. ऐसे में महीनों बाद अचानक एक दिन उसका स्कूल आना और उसी दिन इस घटना का घटना कुछ और ही इशारा कर रहा था.
साथ ही बताया गया कि स्कूल के रास्ते में बच्ची के बैग पड़े होने और उस बैग को सबसे पहले परिजनों के देखे जाने का दावा भी संदेह को अधिक मजबूती कर रहा था. एसपी ग्रमीण शुभम पटेल ने बताया कि दादा लेखराज के जुर्म कुबूलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.