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अलीगढ़: सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कूड़े के ढेर में जलाई जा रहीं सरकारी दवाइयां

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के चंडौस स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों को मिलने वाली जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही हैं. इस मामले पर मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि आशाकर्मी दवा को कूड़े में डाल देती हैं.

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जरूरी दवाईयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही.
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Published : Dec 5, 2019, 2:55 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 11:19 PM IST

अलीगढ़: एक ओर जहां योगी सरकार गरीबों को सुविधा प्रदान करने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल के जिम्मेदार लोग योगी सरकार की मुहिम को चूना लगा रहे हैं. ताजा मामला जिले के चंडौस स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है, जहां मरीजों को मिलने वाली जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही हैं. वहीं अस्पताल परिसर में शराब की बोतले भी पड़ी मिलीं.

जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रहीं.

जलाई जा रही दवाइयां
जिले के चंडौस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डाक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों को मिलने वाली जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही हैं. इन दवाइयों को अस्पताल परिसर में ही ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है. जलाई जा रही दवाइयों की एक्सपायरी डेट दिसम्बर 2019 तक थी, लेकिन मियाद पूरी होने से पहले ही दवाइयों को जला दिया गया, जोकि नियमों के अनुरुप निस्तारित नहीं किया गया.

आशाकर्मियों पर साधा निशाना
सामुदायिक अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर विनीत सक्सेना से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही उनका कहना था कि यह जिम्मेदारी अस्पताल मैनेजमेंट की है.

वहीं अस्पताल परिसर में शराब की बोतले भी पड़ी मिलीं. इस मामले में अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि अस्पताल में कोई सफाईकर्मी नहीं है.

डॉक्टर विनीत ने दवाइयों को जलाए जाने पर बड़ी ही खूबसूरती से आशाकर्मियों पर टाल दिया और कहा कि हम लोग अपनी दवाइयां कभी बाहर नहीं डालते हैं. आशाएं यहां से दवा ले जाने के बाद कूड़े में डाल देती हैं.

इसे भी पढ़ें- बरेली: ऊर्जा मंत्री ने किया जिला अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, कांग्रेस पर बोला हमला

अलीगढ़: एक ओर जहां योगी सरकार गरीबों को सुविधा प्रदान करने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल के जिम्मेदार लोग योगी सरकार की मुहिम को चूना लगा रहे हैं. ताजा मामला जिले के चंडौस स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है, जहां मरीजों को मिलने वाली जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही हैं. वहीं अस्पताल परिसर में शराब की बोतले भी पड़ी मिलीं.

जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रहीं.

जलाई जा रही दवाइयां
जिले के चंडौस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डाक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों को मिलने वाली जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही हैं. इन दवाइयों को अस्पताल परिसर में ही ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है. जलाई जा रही दवाइयों की एक्सपायरी डेट दिसम्बर 2019 तक थी, लेकिन मियाद पूरी होने से पहले ही दवाइयों को जला दिया गया, जोकि नियमों के अनुरुप निस्तारित नहीं किया गया.

आशाकर्मियों पर साधा निशाना
सामुदायिक अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर विनीत सक्सेना से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही उनका कहना था कि यह जिम्मेदारी अस्पताल मैनेजमेंट की है.

वहीं अस्पताल परिसर में शराब की बोतले भी पड़ी मिलीं. इस मामले में अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि अस्पताल में कोई सफाईकर्मी नहीं है.

डॉक्टर विनीत ने दवाइयों को जलाए जाने पर बड़ी ही खूबसूरती से आशाकर्मियों पर टाल दिया और कहा कि हम लोग अपनी दवाइयां कभी बाहर नहीं डालते हैं. आशाएं यहां से दवा ले जाने के बाद कूड़े में डाल देती हैं.

इसे भी पढ़ें- बरेली: ऊर्जा मंत्री ने किया जिला अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, कांग्रेस पर बोला हमला

Intro:अलीगढ़  : अलीगढ़ में स्वास्थ्य केन्द्र पर डाक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है.मरीजों को मिलने वाली जरुरी दवाईयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही है. योगी सरकार गरीबों को सुविधा प्रदान करने के लिए तमाम प्रयास कर रही है.तो वहीं सरकारी अस्पताल के जिम्मेदार लोग योगी सरकार की मुहिम को चूना लगा रहे हैं. ये नजारा अलीगढ़ के चंडौस स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है जहां कूड़े के ढेर में सरकारी दवाईयां जलती हुई मिली . इन दवाइयों को अस्पताल परिषर में ही ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है . दवाईयों की एक्सपायरी डेट दिसम्बर 2019 तक थी. लेकिन मियाद पूरी होने से पहले ही दवाइयों को जला दिया गया.वहीं एक्सपायरी डेट की दवाईयां भी कूडे़ के ढेर में मिली . जो कि नियमों के अनुरुप निस्तारित नहीं किया गया. सामुदायिक अस्पताल के मेडिकल आफिसर  से जब सरकारी दवाईयों को जलाने की बात पूछी तो कह दिया कि कोई जानकारी नहीं है.उन्होंने कहा कि ये अस्पताल मैनेजमेंट को देखना है. मै अपनी तीन दिन की ड्यूटी कर के चला जाता हूं.    





Body:अस्पताल के परिषर में शराब की बोतले भी पड़ी मिली. डाक्टर ने ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि अस्पताल में कोई सफाईकर्मी नहीं है.डाक्टर की कमी भी बताया और दवाइयां की कमी को भी जाहिर किया . अस्पताल के मेडिकल आफिसर विनीत सक्सेना ने खुल कर बताया कि मैं अस्पताल का अधीक्षक नहीं हूं.तीन दिन की ड्यूटी रहती है.शराब की बोतल मिलने पर कहा कि आपका राजमहल होगा तो कोई भी बाहर से फेंक कर चला जाएगा.न सफाई वाला है और न ही अस्पताल में चौकीदार की बात बताई .डाक्टर विनीत ने दवाइयों को जलाये जाने पर बड़ी ही खूबसूरती से आशाकर्मियों पर टाल दिया और कहा कि हम लोग अपनी दवाइयां कभी बाहर नहीं डालते है. आशाएं यहां से दवा ले जाने के बाद कूड़े में डाल देती है.एक्सपायरी दवाइयों के डम्प को अस्पताल परिषर में जलाने के तरीके को डाक्टर विनीत ने गलत बताया . और इसके लिए अस्पताल के अधीक्षक से बात करने को कहा .


Conclusion:ये सब देख कर कहा जा सकता है कि चंडौस के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. मरीजों को मिलने वाली सरकारी दवाईयां जलाई जा रही है. तो कूड़े में ढ़ेर में दवाइयां पड़ी है.आखिर कब सुधरेगा स्वास्थ्य विभाग? अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग में घोटालों के बाद दवाइयों को जला कर ठिकाने लगाने का नया मामला है. देखना यह है कि इस लापरवाही के लिए कोई सजा मिलती है या मामले को दबा दिया जाता है.

बाइट- विनीत सक्सेना, मेडिकल आफिसर, सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र चंडौस

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535 


Last Updated : Dec 5, 2019, 11:19 PM IST
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