अलीगढ़: एक ओर जहां योगी सरकार गरीबों को सुविधा प्रदान करने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल के जिम्मेदार लोग योगी सरकार की मुहिम को चूना लगा रहे हैं. ताजा मामला जिले के चंडौस स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है, जहां मरीजों को मिलने वाली जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही हैं. वहीं अस्पताल परिसर में शराब की बोतले भी पड़ी मिलीं.
जलाई जा रही दवाइयां
जिले के चंडौस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डाक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों को मिलने वाली जरूरी दवाइयां कूड़े के ढेर में जलाई जा रही हैं. इन दवाइयों को अस्पताल परिसर में ही ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है. जलाई जा रही दवाइयों की एक्सपायरी डेट दिसम्बर 2019 तक थी, लेकिन मियाद पूरी होने से पहले ही दवाइयों को जला दिया गया, जोकि नियमों के अनुरुप निस्तारित नहीं किया गया.
आशाकर्मियों पर साधा निशाना
सामुदायिक अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर विनीत सक्सेना से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही उनका कहना था कि यह जिम्मेदारी अस्पताल मैनेजमेंट की है.
वहीं अस्पताल परिसर में शराब की बोतले भी पड़ी मिलीं. इस मामले में अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि अस्पताल में कोई सफाईकर्मी नहीं है.
डॉक्टर विनीत ने दवाइयों को जलाए जाने पर बड़ी ही खूबसूरती से आशाकर्मियों पर टाल दिया और कहा कि हम लोग अपनी दवाइयां कभी बाहर नहीं डालते हैं. आशाएं यहां से दवा ले जाने के बाद कूड़े में डाल देती हैं.
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