अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान लाथर ने जैश की तारीफ करने वाले निलंबित छात्र वसीम हिलाल के बचाव में खड़े हो गए हैं. उन्होंने सुलेमान हॉल के कश्मीर हाउस में पत्रकार वार्ता में कहा कि कानून का मजाक बना रख दिया गया है. साथ ही कहा कि वसीम जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह सही नहीं है. उन्होंने सस्पेंड के निर्णय को वापस लेने की मांग की.
उन्होंने कहा कि छात्र पर दर्ज मुकदमा और निलंबन बेबुनियाद है. पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जो देशभर में फैलाया जा रहा है. सज्जाद ने 2 दिन का समय देते हुए कहा कि अगर छात्र का निलंबन और मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है तो आंदोलन करेंगे.
इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पर भी कश्मीरियों को सुरक्षा देने में असफल होने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि वसीम हिलाल नाबालिग छात्र है. जिस तरह के आरोप उस पर लगाए जा रहे हैं उसने ऐसी कोई हरकत नहीं की है. उसने आर्मी के खिलाफ कभी नहीं बोला है. यह आरोप बेबुनियाद है.
सज्जाद ने बताया कि जो ट्वीट किया गया है उसके दूसरे मायने हैं. वसीम हिलाल के अक्लमंदी भरे ट्वीट को सलाम करते हुए सज्जाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट मिशन चलाया था और इसे एक ग्रेट वर्क के रूप में देखा जा रहा है.
वसीम हिलाल ने इसी परिपेक्ष्य में विपक्ष का रोल अदा किया है .उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष मजबूत होगा और आलोचना होगी तो सिस्टम सही रहेगा. उन्होंने वसीम हिलाल के ट्वीट के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रेट सर कहा है न कि जैश को. वह प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहा था कि अगर जम्मू कश्मीर के हालत पर काबू पा लिया गया है तो कि पुलवामा का इंसीडेंट कैसे हो गया. जबकि आपने कहा था कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म कर दिया है तो यह सब चीजें क्यों हो रही है.
वहीं वसीम हिलाल पर हुई कार्रवाई पर पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष सज्जाद लाथर ने कहा कि प्रशासन दबाव में आकर काम कर रहा है .उन्होंने कहा कि जो ट्वीट किया गया था .वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लिए था. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में ग्रेट वर्क किया है. लेकिन क्या इस तरह की घटना दर्शाती है कि एक ग्रेट वर्क है. उन्होंने कहा कि बिना जांच किए हुए वसीम को सस्पेंड कर दिया गया है. यह बहुत बड़ी गलती है.