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पूर्व सपा विधायक जमीर उल्लाह खान बोले- स्व. कल्याण सिंह की पत्नी के हाथों कराया जाए श्रीराम मंदिर का उ‌द्घाटन

अलीगढ़ के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खान ने राम मंदिर उद्घाटन (Ram temple inauguration Zameerullah Khan) को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मंदिर का शुभारंभ स्व. कल्याण सिंह की पत्नी के हाथों कराने की बात कही है.

राम मंदिर उद्घाटन को लेकर जमीर उल्लाह का बयान.
राम मंदिर उद्घाटन को लेकर जमीर उल्लाह का बयान.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 21, 2023, 8:11 PM IST

राम मंदिर उद्घाटन को लेकर जमीर उल्लाह का बयान.

अलीगढ़ : अपने बढ़बोले बयान के लिए प्रसिद्ध समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खान ने मंगलवार को राम मंदिर के शुभारंभ को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के लिए सबसे बड़ी कुर्बानी पूर्व सीएम बाबूजी स्व. कल्याण सिंह ने दी थी. उनके योगदान को देखते हुए राम मंदिर का शुभारंभ उनकी पत्नी के हाथों कराया जाना चाहिए. इसके लिए वह लोगों को जागरूक करेंगे. ट्रस्ट के पदाधिकारियों से भी बात करेंगे.

राममंदिर के लिए कल्याण सिंह ने छोड़ दी थी कुर्सी : मीडिया से बातचीत में सपा के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खान ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण श्रद्धा भाव से जुड़ा हुआ मामला है. मैं लोगों को जागरूक करना चाहता हूं कि राम मंदिर का उद्घाटन बाबूजी स्वर्गीय कल्याण सिंह की पत्नी रामरती से कराया जाए. बाबूजी ने राम मंदिर आंदोलन में काफी योगदान दिया था. उन्हें इस मामले में एक दिन की सजा भी हुई थी. राम मंदिर का श्रेय भी उनको दिया जाना चाहिए. अब बाबूजी तो नहीं रहे लेकिन उनकी पत्नी जीवित हैं. ऐसे में मंदिर का शुभारंभ उन्हीं के हाथों होना चाहिए. इसके जरिए बाबूजी पर लगा कलंक मिट जाएगा. कल्याण सिंह भारत के ऐसे सीएम थे, जिन्होंने राम मंदिर के लिए सीएम की कुर्सी भी छोड़ दी थी.

मंदिर के लिए बाबूजी जैसा त्याग किसी ने नहीं किया : पूर्व विधायक ने कहा कि सभी ने उनको बलि का बकरा बनाकर गेम खेला था. जिससे वह प्राइम मिनिस्टर की लिस्ट से हट जाए. जबकि बाबूजी जैसा त्याग किसी राजनेता ने नहीं किया. मैं राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और महासचिव चंपत राय से अपील करूंगा. उनको लेटर भी लिखूंगा. कहूंगा कि मंदिर का शुभारंभ किसी राजनीतिक पार्टी के बैनर तले न कराकर कल्याण सिंह की पत्नी से कराया जाए. राम मंदिर के शिलान्यास में भी बाबूजी की पत्नी को नहीं बुलाया गया. उसी दिन से वह बीमार पड़ गईं. जान-बूझकर ऐसा किया गया. मंदिर निर्माण में बाबूजी के अलावा किसी का कोई योगदान नहीं है. मैं यह मानता हूं कि जिसने इसके लिए सजा भुगती उसकी पत्नी को इसका श्रेय जाना चाहिए. पूर्व विधायक ने कहा वे यह मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि बाबूजी अलीगढ़ के निवासी थे.

पूर्व विधायक ने लोगों से भी मांगा समर्थन : जमीर उल्लाह खान ने कहा कि स्व. कल्याण सिंह ओबीसी, लोधी राजपूत समाज के आस्थावान नेता थे. वह अपने समाज के आदर्श थे. सही मायने में इस समाज को ही यह सम्मान और गौरव मिलना चाहिए. इस सम्मान पर बाबूजी की पत्नी का हक बनता है. जिससे उत्तर प्रदेश का लोधी समाज अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर सके. पूर्व सपा विधायक ने प्रदेश और अलीगढ़वासियों से भी इसके लिए समर्थन मांगा है. कहा कि लोग सोशल मीडिया, फेसबुक, ‌ट्विटर, इंस्टाग्राम पर इस आवाज को बुलंद करें. जिससे बाबू जी की आत्मा को खुशी मिल सके.

यह भी पढ़ें : पूर्व सपा विधायक जमीर उल्लाह खान बोले, लव जिहाद कभी बंद नहीं होगा

राम मंदिर उद्घाटन को लेकर जमीर उल्लाह का बयान.

अलीगढ़ : अपने बढ़बोले बयान के लिए प्रसिद्ध समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खान ने मंगलवार को राम मंदिर के शुभारंभ को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के लिए सबसे बड़ी कुर्बानी पूर्व सीएम बाबूजी स्व. कल्याण सिंह ने दी थी. उनके योगदान को देखते हुए राम मंदिर का शुभारंभ उनकी पत्नी के हाथों कराया जाना चाहिए. इसके लिए वह लोगों को जागरूक करेंगे. ट्रस्ट के पदाधिकारियों से भी बात करेंगे.

राममंदिर के लिए कल्याण सिंह ने छोड़ दी थी कुर्सी : मीडिया से बातचीत में सपा के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खान ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण श्रद्धा भाव से जुड़ा हुआ मामला है. मैं लोगों को जागरूक करना चाहता हूं कि राम मंदिर का उद्घाटन बाबूजी स्वर्गीय कल्याण सिंह की पत्नी रामरती से कराया जाए. बाबूजी ने राम मंदिर आंदोलन में काफी योगदान दिया था. उन्हें इस मामले में एक दिन की सजा भी हुई थी. राम मंदिर का श्रेय भी उनको दिया जाना चाहिए. अब बाबूजी तो नहीं रहे लेकिन उनकी पत्नी जीवित हैं. ऐसे में मंदिर का शुभारंभ उन्हीं के हाथों होना चाहिए. इसके जरिए बाबूजी पर लगा कलंक मिट जाएगा. कल्याण सिंह भारत के ऐसे सीएम थे, जिन्होंने राम मंदिर के लिए सीएम की कुर्सी भी छोड़ दी थी.

मंदिर के लिए बाबूजी जैसा त्याग किसी ने नहीं किया : पूर्व विधायक ने कहा कि सभी ने उनको बलि का बकरा बनाकर गेम खेला था. जिससे वह प्राइम मिनिस्टर की लिस्ट से हट जाए. जबकि बाबूजी जैसा त्याग किसी राजनेता ने नहीं किया. मैं राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और महासचिव चंपत राय से अपील करूंगा. उनको लेटर भी लिखूंगा. कहूंगा कि मंदिर का शुभारंभ किसी राजनीतिक पार्टी के बैनर तले न कराकर कल्याण सिंह की पत्नी से कराया जाए. राम मंदिर के शिलान्यास में भी बाबूजी की पत्नी को नहीं बुलाया गया. उसी दिन से वह बीमार पड़ गईं. जान-बूझकर ऐसा किया गया. मंदिर निर्माण में बाबूजी के अलावा किसी का कोई योगदान नहीं है. मैं यह मानता हूं कि जिसने इसके लिए सजा भुगती उसकी पत्नी को इसका श्रेय जाना चाहिए. पूर्व विधायक ने कहा वे यह मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि बाबूजी अलीगढ़ के निवासी थे.

पूर्व विधायक ने लोगों से भी मांगा समर्थन : जमीर उल्लाह खान ने कहा कि स्व. कल्याण सिंह ओबीसी, लोधी राजपूत समाज के आस्थावान नेता थे. वह अपने समाज के आदर्श थे. सही मायने में इस समाज को ही यह सम्मान और गौरव मिलना चाहिए. इस सम्मान पर बाबूजी की पत्नी का हक बनता है. जिससे उत्तर प्रदेश का लोधी समाज अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर सके. पूर्व सपा विधायक ने प्रदेश और अलीगढ़वासियों से भी इसके लिए समर्थन मांगा है. कहा कि लोग सोशल मीडिया, फेसबुक, ‌ट्विटर, इंस्टाग्राम पर इस आवाज को बुलंद करें. जिससे बाबू जी की आत्मा को खुशी मिल सके.

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