अलीगढ़ः मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना में जिले के किसान रुचि नहीं ले रहे हैं. इस योजना के तहत अमरूद, आंवला, बेल आदि फलों को लगाने का प्रोजेक्ट उद्यान विभाग द्वारा किसानों के लिए लाया गया. विभाग द्वारा 220 लाभार्थियों का चयन किया गया, लेकिन मात्र 42 किसानों ने ही इसमें रूचि ली. इस योजना में किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है. वहीं पौधों की कीमत, खाद, बीज, कीटनाशक, सिंचाई आदि भी किसानों को नहीं देना है.
योजना से मात्र 42 किसान जुड़े
अलीगढ़ में किसान अमरूद, आंवला, बेल आदि पौधों की बाग नहीं लगाना चाहते हैं, क्योंकि यह उनके लिए घाटे का सौदा है. किसान मुफ्त में भी फलों के बाग-बगीचे लगाने को राजी नहीं है, क्योंकि आवारा पशुओं और सुअरों के आतंक से किसान परेशान हैं. जिले में उद्यान विभाग ने 220 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष सिर्फ 42 किसान मान-मनौव्वल के बाद योजना से जुड़े.
इन बागों की है योजना
मुख्यमंत्री फलोउद्यान योजना में 120 हेक्टेयर क्षेत्र में अमरूद, आंवला, बेल के बाग लगवाने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था. उद्यान विभाग इसके लिए 220 लाभार्थियों का चयन भी किया था, लेकिन किसानों पर आवारा पशुओं का खौफ इस कदर है कि 220 में से सिर्फ 42 लोगों ने ही मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना में रुचि ली.
बाड़ लगाने के लिए नहीं है अनुदान
उद्यान निरीक्षक सी. के. वार्ष्णेय ने बताया कि छोटी जोत के किसान बाग लगाने में रुचि नहीं लेते हैं, क्योंकि उन्हें साल में एक ही फसल मिलेगी. वहीं बाग लगाने के लिए खेत के चारों तरफ बाड़ होनी चाहिए, लेकिन बाड़ लगाने के लिए सरकार अनुदान नहीं दे रही है. आवारा जानवर किसानों की खेती का नुकसान करते हैं, जिस की वजह से किसान बाग-बगीचे लगाने में रुचि नहीं ले रहे हैं.
60 हेक्टेयर में लगे बाग
इस योजना के तहत किसान जो पौधे लगाते हैं, उसकी कीमत उद्यान विभाग देता है. एक पौधे की कीमत 29 रुपये आंकी गई है. एक हेक्टेयर में 277 पौधे लगाए जाते हैं. उद्यान निरीक्षक ने बताया कि इस बार 120 हेक्टेयर बाग लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 60 हेक्टेयर में ही किसानों ने बाग लगाया है.