अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर तारिक मंसूर के एमएलसी बनने के बाद एएमयू का नया वाइस चांसलर (Aligarh Muslim University New Vice Chancellor) कौन होगा. इस पर अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि कुलपति के भाजपा में जाने को लेकर प्रोफेसरों, छात्रों, शिक्षकों में तरह-तरह की बातें है. 17 मई को कुलपति डॉ. तारिक मंसूर का कार्यकाल खत्म हो रहा है. वहीं राज्यपाल ने प्रोफेसर तारिक मंसूर के विधान परिषद सदस्य बनने को मंजूरी दे दी है. कुलपति एक-दो दिन में इस्तीफा दे सकते हैं. वह अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजेंगे. इस्तीफे के बाद प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज AMU कुलपति का कार्यवाहक के रूप में कार्यभार संभाल सकते हैं.
चर्चा है कि प्रोफेसर तारिक मंसूर को एमएलसी बनाने के बाद किसी आयोग का अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है. एएमयू में कुलपति का पांच साल का कार्यकाल होता है. प्रोफसर तारिक मंसूर का कार्यकाल 15 मई 2022 को पूरा हो गया था. राष्ट्रपति के आदेश पर एक साल के लिए बढ़ाया गया था.
कुलपति प्रो. तारिक मंसूर के एमएलसी बनने के बाद नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी, हालांकि कुलपति वही होगा, जिसकी संघ और भाजपा से नज़दीकियां होंगी. कैंपस में नए कुलपति को लेकर तरह-तरह की सुगबुगाहट है. एएमयू में कई विभागों के करीब छह सीनियर प्रोफेसर कुलपति बनने की कतार में है. इसमें जेएनयू के एक प्रोफेसर का नाम भी शुमार है. बड़ी बात यह भी है कि क्या कुलपति लोकल लेवल का व्यक्ति बनाया जाएगा या फिर बाहर से लाकर कुलपति के पद पर बिठाया जाएगा.
हालांकि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति का चयन यूजीसी के नियमों के तहत ही होगा. भारतीय जनता पार्टी प्रोफेसर तारिक मंसूर के जरिए एक तीर से कई निशाने साधना चाहती है. देश के बड़े तालीमी इदारे के कुलपति के चेहरे को जोड़कर मुसलमानों में पैठ मजबूत करना चाहती है. हालांकि अब लोगों की निगाहें प्रोफेसर तारिक मंसूर पर हैं कि वह कब इस्तीफा देंगे और केंद्रीय विश्वविद्यालय का नया कुलपति बनने की राह में कौन आगे है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नया वाइस चांसलर बनने का ख्वाब देखने वाले दावेदारों ने संघ और भाजपा से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है. मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मुजाहिद बेग, प्रो. रिजवान खान, प्रो. सूफियान बेग , प्रो. फैजान मुस्तफा समेत कई अन्य नामों की चर्चा हैं, जो कुलपति बनने की राह में है. प्रोफेसर तारिक मंसूर के इस्तीफे के बाद एएमयू कुलपति के पद के लिए कवायद तेज होगी. जेएनयू के एक प्रोफेसर का भी नाम इसमें शामिल है. माना जा रहा है कि जल्द किसी दावेदार को एएमयू के कुलपति पद की कमान दी जा सकती है.
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