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अलीगढ़ में दबंगों की दहशत से पलायन को मजबूर दलित परिवार, घरों पर लिखा 'मकान बिकाऊ है' - अलीगढ़ की ताजी खबर

अलीगढ़ में दबंगों की दहशत से कई दलित परिवार पलायन को मजबूर हैं. उन्होंने घरों पर मकान बिकाऊ है लिख रखा है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Mar 24, 2023, 7:25 PM IST

अलीगढ़: जिले में दबंगों से परेशान कई दलित परिवार पलायन को मजबूर हैं. दलित समाज के 24 से अधिक मकानों पर घर बिकाऊ है लिखकर आक्रोश जताया है. घटना थाना टप्पल क्षेत्र के सालपुर इलाके की है.

स्थानीय लोगों ने ये आरोप लगाए.

दलित परिवारों के मुताबिक यहां छोटेलाल साइकिल से फैक्ट्री काम के लिए जा रहा था. वही गांव के मोनू ने ट्रैक्टर से छोटेलाल की साइकिल में टक्कर मार दी. इसके बाद मोनू ने जातिसूचक गाली दी. इसका छोटे लाल ने विरोध किया, इस पर मोनू ने मारपीट कर दी. इतना ही नहीं मोनू ने छोटेलाल के विकलांग बेटे सुभाष को भी पीटा. आरोप है कि गुरुवार को स्कूल से लौटते समय पिता और पुत्र को फिर मोनू ने पीटा. इस घटना की शिकायत लेकर पीड़ित पक्ष थाना टप्पल पहुंचा. इस दौरान पुलिस ने पीड़ित पक्ष से बेरुखी से बात की. पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया. दलितों का आरोप है कि मोनू पर धारा 151 के तहत कार्रवाई कर छोड़ दिया गया.

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि इलाके का रहने वाला मोनू फौजदार दबंग किस्म का व्यक्ति है और पहले भी उसके भय से 10 परिवार गांव छोड़कर चले गए. वहीं, दलित समाज को गांव से उखाड़ने की धमकी देने का आरोप लगाया है. गांव के ही वीरेंद्र ने बताया कि छोटेलाल साइकिल लेकर जा रहा था. ट्रैक्टर से साइकिल तोड़ दी और करीब तीन बार मारा पीटा.

इस घटना को लेकर दलित समाज के 50 से ज्यादा लोग थाने पहुंचे तो पुलिस ने बेरुखी से बात की और तहरीर लेने के बाद कोई सुनवाई नहीं की. वहीं, आरोपी को 151 में चालान कर छोड़ दिया. वीरेंद्र ने पुलिस पर फटकारने और तानाशाही करने का आरोप लगाया. वीरेंद्र ने कहा कि यदि हमारी सुनवाई नहीं हुई तो मकान बेचकर चले जाएंगे.


गांव की मीना का आरोप है कि दबंग पक्ष गालियां देता है. विरोध करने पर मारपीट करता है. यमुना देवी ने बताया कि मारपीट की घटना में पुलिस ने सुनवाई नहीं की. गांव की अलीशा ने बताया कि दलित समाज के लोगों को उच्च जाति के लोग अभद्र शब्द कहते हैं. इस वजह से वे यहां से जाना चाहते हैं.

गांव के ही प्रभु सिंह ने बताया कि मारपीट की घटना को लेकर थाने पहुंचे थे तो थाने की पुलिस ने हमारी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया. पीड़ित पक्ष ने शुक्रवार को एसएसपी से भी शिकायत की. इसके बाद एसएसपी ने पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकारी खैर आरके सिसोदिया को दी. वहीं, पूरे घटनाक्रम को लेकर क्षेत्राधिकारी आरके सिसोदिया ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने पर क्या बोले, अजय राय, राज बब्बर, अखिलेश यादव व प्रमोद तिवारी, जानिए

अलीगढ़: जिले में दबंगों से परेशान कई दलित परिवार पलायन को मजबूर हैं. दलित समाज के 24 से अधिक मकानों पर घर बिकाऊ है लिखकर आक्रोश जताया है. घटना थाना टप्पल क्षेत्र के सालपुर इलाके की है.

स्थानीय लोगों ने ये आरोप लगाए.

दलित परिवारों के मुताबिक यहां छोटेलाल साइकिल से फैक्ट्री काम के लिए जा रहा था. वही गांव के मोनू ने ट्रैक्टर से छोटेलाल की साइकिल में टक्कर मार दी. इसके बाद मोनू ने जातिसूचक गाली दी. इसका छोटे लाल ने विरोध किया, इस पर मोनू ने मारपीट कर दी. इतना ही नहीं मोनू ने छोटेलाल के विकलांग बेटे सुभाष को भी पीटा. आरोप है कि गुरुवार को स्कूल से लौटते समय पिता और पुत्र को फिर मोनू ने पीटा. इस घटना की शिकायत लेकर पीड़ित पक्ष थाना टप्पल पहुंचा. इस दौरान पुलिस ने पीड़ित पक्ष से बेरुखी से बात की. पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया. दलितों का आरोप है कि मोनू पर धारा 151 के तहत कार्रवाई कर छोड़ दिया गया.

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि इलाके का रहने वाला मोनू फौजदार दबंग किस्म का व्यक्ति है और पहले भी उसके भय से 10 परिवार गांव छोड़कर चले गए. वहीं, दलित समाज को गांव से उखाड़ने की धमकी देने का आरोप लगाया है. गांव के ही वीरेंद्र ने बताया कि छोटेलाल साइकिल लेकर जा रहा था. ट्रैक्टर से साइकिल तोड़ दी और करीब तीन बार मारा पीटा.

इस घटना को लेकर दलित समाज के 50 से ज्यादा लोग थाने पहुंचे तो पुलिस ने बेरुखी से बात की और तहरीर लेने के बाद कोई सुनवाई नहीं की. वहीं, आरोपी को 151 में चालान कर छोड़ दिया. वीरेंद्र ने पुलिस पर फटकारने और तानाशाही करने का आरोप लगाया. वीरेंद्र ने कहा कि यदि हमारी सुनवाई नहीं हुई तो मकान बेचकर चले जाएंगे.


गांव की मीना का आरोप है कि दबंग पक्ष गालियां देता है. विरोध करने पर मारपीट करता है. यमुना देवी ने बताया कि मारपीट की घटना में पुलिस ने सुनवाई नहीं की. गांव की अलीशा ने बताया कि दलित समाज के लोगों को उच्च जाति के लोग अभद्र शब्द कहते हैं. इस वजह से वे यहां से जाना चाहते हैं.

गांव के ही प्रभु सिंह ने बताया कि मारपीट की घटना को लेकर थाने पहुंचे थे तो थाने की पुलिस ने हमारी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया. पीड़ित पक्ष ने शुक्रवार को एसएसपी से भी शिकायत की. इसके बाद एसएसपी ने पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकारी खैर आरके सिसोदिया को दी. वहीं, पूरे घटनाक्रम को लेकर क्षेत्राधिकारी आरके सिसोदिया ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

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