अलीगढ़: जिले में खटारा और कंडम बस सेवा शहर में धड़ल्ले से दौड़ रही हैं. न तो इनके परमिट की वैधता है और न ही ये फिटनेस इंश्योरेंस के साथ नजर आती हैं. आरटीआई एक्टिविस्ट पंडित केशव देव ने आरटीओ विभाग से सूचना मांगी, जिसमें महानगर बस सेवा के नाम पर कुल बसों की संख्या और परमिट की वैधता के बारे में पूछा था. इसमें अवैध रूप से संचालित बसों का खुलासा हुआ. आरटीआई में बताया गया कि 129 बस सरकारी रिकॉर्ड में चल रही हैं, जिसमें 48 बसें वैध है और 81 बसें अवैध रूप से संचालित पाई गईं. जबकि शहर में जनता के लिए नगर निगम द्वारा 20 इलेक्ट्रॉनिक बस ही उपलब्ध हैं.
आरटीआई में खुलासा हुआ कि 129 बसों में 48 बसों को वैध पाया, जबकि 81 बसें अवैध परमिट होने के बाद भी विभिन्न रुटों पर चल रही हैं. बिना परमिट के ये बसें लिंक रोड पर दौड़ रही है, जो कि एक सबसे बड़ा चौंकाने वाला खुलासा है. सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक परिवहन विभाग आरटीओ कार्यालय से रिकॉर्ड उपलब्ध कराया गया है. आरटीओ के माध्यम से उसमें महानगर बसों को 129 गाड़ियों को परमिट जारी किया गया, लेकिन 129 गाड़ियों में से 48 महानगर बस परमिट वैध है. जबकि 81 महानगर बस अवैध चल रही हैं.
वहीं, कंडम और खटारा हो चुकी बसें आज भी सरकारी रिकॉर्ड में दौड़ रही हैं. कंपनी बाग पुराना बस अड्डा से यह महानगर बस बिना परमिट वैधता के और बिना फिटनेस इंश्योरेंस के दौड़ती नजर आती हैं. 2018 में इन्हीं अवैध महानगर बस के द्वारा मडराक टोल प्लाजा के पास एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी और 80 लोग घायल हुए थे. उस समय जिलाधिकारी रहे चंद्र भूषण सिंह ने इन पर रोक लगा दी थी. वहीं, इन अवैध बसों के विरुद्ध कोर्ट में भी मामला दर्ज कराया था, जिससे अवैध बस संचालकों में खलबली मच गई थी.
आरटीआई एक्टिविस्ट केशव देव गौतम ने बताया कि 22 मार्च 2023 को आरटीआई से सवाल पूछा था. उसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि पब्लिक सावधान हो जाए. रोड पर खुद ही बचकर निकले, नहीं तो कौन सी खटारा महानगर बस आपकी जान की दुश्मन बन जाए. उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचारियों के राज में बिना परमिट वैधता के, बिना फिटनेस इंश्योरेंस के अवैध रूप से महानगर बस सेवा संचालित हो रही हैं, जिससे लाखों रुपये महीने का सरकार को राजस्व का चूना लगा रही है.
उन्होंने आरटीओ विभाग पर भी करप्शन का आरोप लगाया. कंडम व खटारा बसों के दौड़ने से रोड पर अवस्थाएं होती है. एंबुलेंस लेट होती हैं. बच्चे स्कूल आने जाने में परेशान होते हैं. राहगीर को पैदल चलने में असुविधा होती है. पंडित केशव देव ने बताया कि मंडलायुक्त से लेकर जिलाधिकारी तक आरटीओ विभाग की शिकायत की, लेकिन अवैध तरीके से बस चलाई जा रही हैं.
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