अलीगढ़: एटा सांसद राजवीर सिंह के पत्र के क्रम में कमिश्नर ने डीएम को अतरौली में राशन डीलरों के उत्पीड़न और शोषण के सम्बन्ध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने निर्देश दिया है कि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करके 10 दिन के भीतर अवगत कराया जाए. वहीं कमिश्नर ने कहा कि राशन वितरण व्यवस्था में सुदृढ़ता लाते हुए यह सुनिश्चित किया जाये कि भविष्य में इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त न हों.
कोटेदारों ने सांसद के माध्यम से की थी शिकायत
दरअसल, पिछले दिनों तहसील अतरौली के कोटेदारों ने सामूहिक रूप से अपने शिकायती पत्र में एटा सांसद के माध्यम से अवगत कराया था, कि उठान माह मार्च 2020 और वितरण माह अप्रैल 2020 में 150 किलोग्राम गेंहू और चावल प्रति राशन डीलर काटा गया है. वितरण प्रमाण पत्र के नाम पर 25 रुपये प्रति कुन्तल के हिसाब से आपूर्ति विभाग द्वारा लिया जाता है. राशन डीलरों को खाली बोरों का वजन नहीं दिया जाता, जबकि बोरे का वजन लगभग 600 ग्राम होता है.
कोटेदारों से होती है वसूली
राशन डीलरों ने यह भी आरोप लगाया था कि 8 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से लोडिंग, 8 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अनलोडिंग और 30 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भाड़ा देना पड़ता है. इसके अतिरिक्त गांव में प्रधान, दबंग किस्म के लोग, पुलिस, कथित नेता और पत्रकार भी कुछ मांग करते हैं.
58 डीलरों का लिया गया था बयान
इस क्रम में अलीगढ़ कमिश्नर ने बताया कि प्राप्त शिकायतों की जांच उपायुक्त खाद्य, अलीगढ़ मण्डल से कराई गयी, जिसमें शिकायत से सम्बन्धित उचित दर विक्रेताओं के पृथक-पृथक बयान लिये गये. जांच में 58 राशन डीलरों ने लिखित बयान दिये कि उक्त शिकायतें सत्य हैं.
जिला पूर्ति अधिकारी ने आरोपों को नकारा
वहीं जिला पूर्ति अधिकारी से आख्या मांगने पर उपरोक्त 58 राशन डीलरों से अलग राशन डीलरों के बयान संलग्न कर आक्षेपों को नकारने का प्रयास किया गया. जांच के समय तहसील अतरौली के राशन डीलरों द्वारा अपने लिखित बयानों में विभिन्न स्तरों पर उत्पीड़न के साथ-साथ 2 बोरा गेंहू और 1 बोरा चावल कम देने के बात दोहराई गई है.