अलीगढ़: प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी पहली बार एएमयू को संबोधित करने जा रहे हैं. विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अक्सर राजनीति के केन्द्र में रहता है. इसी को लेकर कांग्रेस का छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया ने एएमयू के रुके हुए फंड को रिलीज करने की मांग प्रधानमंत्री से की है.
वरुणालय गेस्ट हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता में छात्र नेता जियाउर रहमान ने कहा कि भाजपा और आरएसएस एएमयू को बदनाम करती हैं. छात्र नेता ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री के शताब्दी समारोह में संबोधन से क्या एएमयू को टार्गेट करना बंद कर दिया जाएगा. भाजपा सांसद सतीश गौतम भी एएमयू की आलोचना कर राजनीति करते हैं. छात्र नेता जियाउर रहमान ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री भाजपा और आरएसएस संगठन से जुड़े रहे हैं. आखिर वे किस तरह एएमयू को संबोधित करेंगे.
एएमयू को बदनाम करना बंद करें
एनएसयूआई छात्र संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एएमयू में आने का स्वागत किया है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के एएमयू को संबोधित करने से पहले भाजपा, आरएसएस, एबीवीपी संगठन एएमयू को बदनाम करना बंद कर दें. जियाउर रहमान ने बताया कि छह साल से केन्द्र में भाजपा की सरकार है. वहीं एएमयू को दिया जाने वाला फंड रोक दिया गया है. बीएचयू व एएमयू में भेदभाव किया जा रहा है. छात्रनेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन से क्या एएमयू को अल्पसंख्यक स्वरूप मिल सकेगा?
प्रधानमंत्री के संबोधन से कुछ लोगों की राजनीति बंद होगी
एएमयू के दर्जनों छात्रों पर सीएए व एनआरसी का विरोध करने पर मुकदमे दर्ज हैं. छात्र नेताओं की आवाज दबाने का काम किया गया है. क्या पीएम उन्हें राहत देंगे? अगर प्रधानमंत्री कुछ राहत देना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है. प्रधानमंत्री धार्मिक नजरिए से शिक्षण संस्थानों को न देखें. अगर वे एएमयू को संबोधित कर बजट देना चाहते हैं तो रुके हुए फंड रिलीज कर दें. स्कॉलरशिप देना चाहते हैं तो उनका स्वागत करते हैं. वहीं छात्र नेता रंजन राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री के एएमयू को संबोधन से कुछ लोगों की राजनीति बंद हो जायेगी.