ETV Bharat / state

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जनगणना डेटा अनुसंधान केन्द्र बनेगा, निदेशालय के साथ हुआ करार

गुरुवार को AMU का यूपी राज्य जनगणना संचालन निदेशालय के साथ करार हुआ. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जनगणना डेटा अनुसंधान केन्द्र (Census data research center will be set up in Aligarh Muslim University) बनेगा.

Etv Bharat
Etv Bharat अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय जनगणना डेटा अनुसंधान केन्द्र Census data research center Aligarh Muslim University ‘जनगणना डेटा अनुसंधान कार्य केंद्र
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 1, 2023, 8:31 AM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने गुरुवार को जनगणना संचालन निदेशालय, उत्तर प्रदेश के साथ ‘जनगणना डेटा अनुसंधान कार्य केंद्र’ स्थापित ((Census data research center will be set up in Aligarh Muslim University)) करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है. यह केन्द्र विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में स्थापित किया जाएगा. एएमयू कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़, रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान, पूर्व अध्यक्ष, सांख्यिकी और संचालन अनुसंधान विभाग के प्रोफ़ेसर क़ाज़ी मजहर अली, मौलाना अजा़द लाइब्रेरी की डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ आसिफ फरीद सिद्दीकी और जनगणना संचालन निदेशालय के उप निदेशक डॉ. एसएस शर्मा और निदेशालय के अन्य अधिकारी उक्त एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर के समय मौजूद थे.

AMU का यूपी राज्य जनगणना संचालन निदेशालय के साथ करार हुआ
AMU का यूपी राज्य जनगणना संचालन निदेशालय के साथ करार हुआ

इस मौके पर कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने कहा कि यह एक तथ्य है कि जनगणना डेटा बहुउद्देश्यीय विकासात्मक नीतियों के निर्माण, निगरानी और योजना के मूल्यांकन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए, डेटा को आम जनता के लिए सुलभ बनाना बहुत महत्त्वपूर्ण है. जनगणना संचालन निदेशालय के डॉ. एसएस शर्मा ने बताया कि शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों को विश्वसनीय डेटा प्रदान करने और इस डेटा के आधार पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देश के सभी प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में भारत सरकार के जनगणना डेटा अनुसंधान वर्कस्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं.

डॉ. एसएस शर्मा ने बताया कि जनगणना 1991, 2001 और 2011 की सभी प्रकाशित जनगणना तालिकाएँ और डेटा इन अनुसंधान कार्यस्थानों पर डिजिटल प्रारूप में शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं और इन कार्यस्थानों से, डेटा उपयोगकर्ता विभिन्न जनगणना-संबंधित डेटा के साथ-साथ माइक्रो डेटा भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. Conclusion:उन्होंने कहा कि यह वर्क स्टेशन एएमयू के छात्रों और शोधकर्ताओं को व्यवस्थित अनुसंधान के लिए जनगणना माइक्रो-डेटा तक पहुंच प्रदान करके भारत की आबादी के सामाजिक-आर्थिक-जनसांख्यिकीय संदर्भ का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है.

एएमयू के रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि एएमयू में स्थापित ‘जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन’ न केवल अलीगढ़ जिले के लिए, बल्कि आस पास के राज्यों के लिए भी उपयोगी है. यह सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय विषयों पर अनुसंधान को उन्नत करने की दृष्टि से शिक्षकों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और अन्य डेटा उपयोगकर्ताओं के लिए सूक्ष्म स्तरीय जनगणना डेटा आसानी से उपलब्ध कराने की दिशा में एक अभूतपूर्व प्रयास है.

जनगणना के आँकड़ों के आधार पर 30,000 से अधिक तालिकाओं और 8,000 पुस्तकों, मानचित्रों, सारांशों और लेखों आदि को रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय द्वारा संचालित आधिकारिक साइट censusindia.gov.in के माध्यम से कार्य केंद्र पर देखा जा सकता है.

ये भी पढ़ें- अस्पताल में पेट दर्द का इलाज करवाने पहुंची किशोरी ने दिया बच्चे को जन्म

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने गुरुवार को जनगणना संचालन निदेशालय, उत्तर प्रदेश के साथ ‘जनगणना डेटा अनुसंधान कार्य केंद्र’ स्थापित ((Census data research center will be set up in Aligarh Muslim University)) करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है. यह केन्द्र विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में स्थापित किया जाएगा. एएमयू कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़, रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान, पूर्व अध्यक्ष, सांख्यिकी और संचालन अनुसंधान विभाग के प्रोफ़ेसर क़ाज़ी मजहर अली, मौलाना अजा़द लाइब्रेरी की डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ आसिफ फरीद सिद्दीकी और जनगणना संचालन निदेशालय के उप निदेशक डॉ. एसएस शर्मा और निदेशालय के अन्य अधिकारी उक्त एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर के समय मौजूद थे.

AMU का यूपी राज्य जनगणना संचालन निदेशालय के साथ करार हुआ
AMU का यूपी राज्य जनगणना संचालन निदेशालय के साथ करार हुआ

इस मौके पर कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने कहा कि यह एक तथ्य है कि जनगणना डेटा बहुउद्देश्यीय विकासात्मक नीतियों के निर्माण, निगरानी और योजना के मूल्यांकन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए, डेटा को आम जनता के लिए सुलभ बनाना बहुत महत्त्वपूर्ण है. जनगणना संचालन निदेशालय के डॉ. एसएस शर्मा ने बताया कि शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों को विश्वसनीय डेटा प्रदान करने और इस डेटा के आधार पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देश के सभी प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में भारत सरकार के जनगणना डेटा अनुसंधान वर्कस्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं.

डॉ. एसएस शर्मा ने बताया कि जनगणना 1991, 2001 और 2011 की सभी प्रकाशित जनगणना तालिकाएँ और डेटा इन अनुसंधान कार्यस्थानों पर डिजिटल प्रारूप में शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं और इन कार्यस्थानों से, डेटा उपयोगकर्ता विभिन्न जनगणना-संबंधित डेटा के साथ-साथ माइक्रो डेटा भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. Conclusion:उन्होंने कहा कि यह वर्क स्टेशन एएमयू के छात्रों और शोधकर्ताओं को व्यवस्थित अनुसंधान के लिए जनगणना माइक्रो-डेटा तक पहुंच प्रदान करके भारत की आबादी के सामाजिक-आर्थिक-जनसांख्यिकीय संदर्भ का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है.

एएमयू के रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि एएमयू में स्थापित ‘जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन’ न केवल अलीगढ़ जिले के लिए, बल्कि आस पास के राज्यों के लिए भी उपयोगी है. यह सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय विषयों पर अनुसंधान को उन्नत करने की दृष्टि से शिक्षकों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और अन्य डेटा उपयोगकर्ताओं के लिए सूक्ष्म स्तरीय जनगणना डेटा आसानी से उपलब्ध कराने की दिशा में एक अभूतपूर्व प्रयास है.

जनगणना के आँकड़ों के आधार पर 30,000 से अधिक तालिकाओं और 8,000 पुस्तकों, मानचित्रों, सारांशों और लेखों आदि को रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय द्वारा संचालित आधिकारिक साइट censusindia.gov.in के माध्यम से कार्य केंद्र पर देखा जा सकता है.

ये भी पढ़ें- अस्पताल में पेट दर्द का इलाज करवाने पहुंची किशोरी ने दिया बच्चे को जन्म

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.