अलीगढ़ः अलीगढ़ में 34 दिनों से गायब 11 वर्षीय किशोर अजय का शव रामघाट पुल, हजारा नहर के पास के जंगल में पुलिस ने बरामद कर लिया. साथ ही पुलिस ने हत्यारोपी चचेरे भाई लोकेश और उसके साथी दुर्गेश को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में लोकेश ने बताया कि अजय के परिवार से रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था. परिवार के अपमान का बदला लेने के लिए उसने चचेरे भाई का अपहरण कर हत्या कर डाली.
घटना थाना पाली मुकीमपुर के कल्याणपुर भगीरथ इलाके की है. लोकेश के पिता श्योराज सिंह ने जरूरत के लिए अजय के पिता अमर से रुपये उधार लिए थे. उन्हीं रुपयों की वापसी के लिए अजय की मां ने लोकेश के परिवार पर ताना मारा था. यह अपमान लोकेश से सहा नहीं गया और उसने सबक सिखाने की योजना बना डाली. दोनों परिवार आपस में रिश्तेदार हैं.
34 दिन पहले लोकेश ने अजय का अपहरण कर लिया. अजय को छोड़ने के लिए घर पर चिट्ठी फेंक कर गुजरात के पते पर चार लाख रुपये की फिरौती मांगी थी.
लोकेश को लगा कि वह पकड़ा जा सकता है तो उसने खुद के भी अपहरण का ड्रामा रचा. एक ही परिवार के दो किशोरों के अपहरण की कहानी पुलिस को हजम नहीं हुई. लोकेश को बुलंदशहर के गांव जरैना से पुलिस ने पकड़ लिया.
सख्ती से पूछताछ पर उसने पूरी कहानी उगल दी. उसने बताया कि अजय का अपहरण करने के बाद उसने मित्र दुर्गेश की मदद से अजय की गला दबाकर हत्या कर शव को हजारा नहर के जंगल में फेंक दिया था.
लोकेश ने बताया कि रुपयों के लेनदेन को लेकर दोनों परिवार में विवाद हुआ था. इसी के बाद से वह अजय के परिवार से दुश्मनी मानने लगा था. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अजय का क्षत-विक्षत शव जंगल से बरामद कर लिया. परिजनों ने अजय की शिनाख्त कपड़ों से की. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
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