अलीगढ़: एएमयू में एक बार फिर हजारों छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र अपने हाथों में तिरंगा झंडा, जलती हुई मोमबत्ती और पोस्टर लिए हुए थे और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. इस दौरान छात्राओं ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन पढ़ा और इसे एसीएम को सौंपा.
15 दिसम्बर को हुए बवाल के बाद विश्वविद्यालय को 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है. छात्रों से हॉस्टल भी खाली करा लिए गए हैं, लेकिन सोमवार शाम को हजारों की संख्या में छात्र, शिक्षक और एएमयू का नॉन-टीचिंग स्टाफ विरोध मार्च में शामिल हुआ.
नागरिकता कानून को सरकार द्वारा वापस लेने के लिए शांतिपूर्वक कैडल मार्च चुंगी गेट से बॉबे सैय्यद गेट तक निकाला गया. छात्रों द्वारा 'पुलिस गो बैक' के नारे भी लगाए गए. वहीं छात्रों पर हुए पुलिस बर्बरता के खिलाफ आवाज भी उठाई गई. इस प्रोटेस्ट में एएमयू कुलपति के खिलाफ भी छात्रों ने गुस्से का इजहार किया. इस दौरान बाबे सैय्यद गेट पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही.
छात्राओं ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान के खिलाफ है और हम इसके खिलाफ आवाज उठा रहे है. छात्राओं ने सरकार पर धर्म के आधार पर बंटवारा करने का भी आरोप लगाया.
छात्रा नबा खान ने कहा कि पूरे देश से अलीगढ़ में छात्र पढ़ने आते हैं. हॉस्टल खाली करा कर छात्रों की आवाज को दबा नहीं सकते हैं. एएमयू के छात्र जिंदा है और प्रोटेस्ट मार्च में भारी संख्या में छात्रों ने भागीदारी करके दिखा दिया है.
ये भी पढ़ें: 'AMU छात्रों ने वीसी और रजिस्ट्रार को विश्वविद्यालय से किया निष्कासित', लेटर वायरल
छात्रा नबा खान ने मांग की है कि जिस पुलिस अधिकारी ने छात्रों पर बर्बर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं, उसका निलम्बन किया जाए. वहीं एएमयू छात्रों पर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाने की भी मांग की गई. नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए मारे गए लोगों को सरकार मुआवजा या नौकरी देने की मांग भी की गई है.