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अलीगढ़: बैंकों के विलय के विरोध में उतरे बैंककर्मी, वित्तमंत्री के खिलाफ लगाये नारे

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बैंकों के महाविलय के विरोध में बैंककर्मियों ने शनिवार को काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. उन्होंने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की और बैंकों के विलय को वापस लेने के लिए आवाज उठाई.

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Published : Aug 31, 2019, 9:40 PM IST

बैंकों के विलय के विरोध में उतरे बैंककर्मी

अलीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के महाविलय की घोषणा किये जाने का विरोध शुरू हो गया है. बैंककर्मियों ने शनिवार को काली पट्टी बांधकर रामघाट रोड स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के सामने प्रदर्शन किया. उन्होंने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की और बैंकों के विलय को वापस लेने के लिए आवाज उठाई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक, यूनाइटेड बैंक, इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक, कैनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक तथा यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में कारपोरेशन बैंक एवं आंध्र बैंक का विलय किया जाएगा.

बैंकों के विलय के विरोध में उतरे बैंककर्मी.

बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन

  • बैंककर्मियों ने बताया कि सन 2008-09 की विश्व आर्थिक मंदी के दौरान अमेरिका के बड़े-बड़े बैंक ताश के पत्तों की तरह ढह गए थे.
  • भारत के छोटे-छोटे बैंक देश को आर्थिक मंदी से बचाने में सफल रहे थे.
  • बैंककर्मियों ने कहा कि इस समय आवश्यकता इस बात की है कि सरकार खराब ऋणों की वसूली करें.
  • उनका कहना है कि जिन लोगों ने जनता का धन बैंकों से लूट रखा है उस धन को बैंक में वापस लाएं.
  • बैंककर्मियों ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में जनता तक बैंक की सेवाएं पहुंचाने की आवश्यकता है, इसलिए हम मांग करते हैं कि बैंकों के विलय के निर्णय को वापस लिया जाये.
  • देश के दूरगामी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवा पहुंचेगी तथा युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.
  • बैंककर्मी काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उन्होंने सड़क पर उतर कर हड़ताल और आंदोलन करने की भी बात कही है.

अलीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के महाविलय की घोषणा किये जाने का विरोध शुरू हो गया है. बैंककर्मियों ने शनिवार को काली पट्टी बांधकर रामघाट रोड स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के सामने प्रदर्शन किया. उन्होंने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की और बैंकों के विलय को वापस लेने के लिए आवाज उठाई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक, यूनाइटेड बैंक, इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक, कैनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक तथा यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में कारपोरेशन बैंक एवं आंध्र बैंक का विलय किया जाएगा.

बैंकों के विलय के विरोध में उतरे बैंककर्मी.

बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन

  • बैंककर्मियों ने बताया कि सन 2008-09 की विश्व आर्थिक मंदी के दौरान अमेरिका के बड़े-बड़े बैंक ताश के पत्तों की तरह ढह गए थे.
  • भारत के छोटे-छोटे बैंक देश को आर्थिक मंदी से बचाने में सफल रहे थे.
  • बैंककर्मियों ने कहा कि इस समय आवश्यकता इस बात की है कि सरकार खराब ऋणों की वसूली करें.
  • उनका कहना है कि जिन लोगों ने जनता का धन बैंकों से लूट रखा है उस धन को बैंक में वापस लाएं.
  • बैंककर्मियों ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में जनता तक बैंक की सेवाएं पहुंचाने की आवश्यकता है, इसलिए हम मांग करते हैं कि बैंकों के विलय के निर्णय को वापस लिया जाये.
  • देश के दूरगामी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवा पहुंचेगी तथा युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.
  • बैंककर्मी काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उन्होंने सड़क पर उतर कर हड़ताल और आंदोलन करने की भी बात कही है.
Intro:अलीगढ़ : केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के महाविलय की घोषणा किये जाने का विरोध शुरू हो गया है. बैंक कर्मियों ने आज काली पट्टी बांधकर रामघाट रोड स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के सामने प्रदर्शन किया. केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की. बैंकों के विलय को वापस लेने के लिए आवाज उठाई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक, यूनाइटेड बैंक, इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक, कैनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक तथा यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में कारपोरेशन बैंक एवं आंध्र बैंक का विलय किया जाएगा. दस बैंकों का चार बैंकों में विलय करने की घोषणा की गई है. बैंक अधिकारी और कर्मचारी सरकार की विलय की नीति के विरोध में उतर आये हैं. हालांकि सरकार का तर्क है कि आर्थिक क्षेत्र में मंदी चल रही है और बैंकों का आकार बड़ा करने से अधिक पूंजी अर्जित की जा सकती है. इससे पहले भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके पास सहयोगी बैंकों का विलय करने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का घाटा काफी अधिक बढ़ गया था. यही नहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखाएं भी बंद कर दी गई थी और कर्मचारियों की छंटनी भी हुई थी. 






Body:बैंक कर्मियों ने बताया कि सन 2008-09 की विश्व आर्थिक मंदी के दौरान अमेरिका के बड़े-बड़े बैंक ताश के पत्तों की तरह ढह गए थे. जबकि भारत के छोटे-छोटे बैंक देश को आर्थिक मंदी से बचाने में सफल रहे थे. बैंक कर्मियों ने कहा कि समय आवश्यकता इस बात की है कि सरकार खराब ऋणों की वसूली करें जिन लोगों ने जनता का धन बैंकों से लूट रखा है उस धन को बैंक में वापस लाएं


Conclusion:बैंक कर्मियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में जनता तक बैंक की सेवाएं पहुंचाने की आवश्यकता है. इसलिए मांग करते हैं कि बैंकों के विलय के निर्णय को वापस लिया जाये. और बैंकों का विस्तार किया जायें. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक बीके शर्मा ने कहा कि बैंकों के विलय से शाखाएं बंद होंगी. कर्मचारियों की नौकरियां समाप्त होगी और बेरोजगारी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि बैंकों का विस्तार किया जाएगा. तो देश के दूरगामी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवा पहुंचेगी तथा युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. हालांकि बैंक कर्मी अभी काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन कर रही है लेकिन मांगे नहीं मानी गई तो सड़क पर उतर कर हड़ताल और आंदोलन करने की भी बात कही है.

बाइट - वीके शर्मा,संयोजक,यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन
बाइट - सुनील मेहरोत्रा, बैंक कर्मी

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535


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