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AMU में प्रोफेसरों की मौत के बाद कुलपति ने ICMR को लिखा पत्र - इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से कोविड-19 के नमूनों की जांच कराने की मांग की गई है.

amu vice chancellor professor tariq mansoor
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर.
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Published : May 10, 2021, 11:48 AM IST

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है. पिछले 20 दिनों में 16 वर्किंग प्रोफेसर सहित 45 लोगों की मौत हो चुकी है. इतनी तादाद में शिक्षकों की मौत होने से विश्वविद्यालय प्रशासन भी खौफजदा है. मरने वाले ज्यादातर सिविल लाइन क्षेत्र के निवासी है. इसको लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने कोविड-19 के एकत्र किए नमूनों की जांच दिल्ली स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CSIR) के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी से कराने की मांग की है.

amu vice chancellor wrote a letter to icmr
ICMR को लिखा गया पत्र.
सैंपल भेज कर विश्लेषण की मांग
पिछले दिनों अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सहित कई शिक्षक व कर्मचारियों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई. इनकी संख्या करीब 45 बताई जा रही है. कई प्रोफेसर और टीचर के साथ जेएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर भी संक्रमित हैं. इस गंभीरता को देखते हुए एएमयू कुलपति ने ICMR के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव को कोविड-19 का सैंपल भेज कर विश्लेषण के लिए कहा है. ताकि कोरोना के वेरिएंट के बारे में पता चल सके.
16 प्रोफेसर सहित 45 शिक्षकों की हो चुकी है मौत

कुलपति ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि एएमयू के 16 प्रोफेसर के साथ कई रिटायर्ड टीचर, कर्मचारी जो विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के सिविल लाइन क्षेत्र में निवास कर रहे थे. उनकी कोविड-19 से मौत हुई है. इस इलाके में कोविड-19 का जो वेरिएंट है, उसका लैब में विश्लेषण किया जाए. सिविल लाइन क्षेत्र में विशेष प्रकार के वायरस का प्रकोप है. इसके सैंपल की जांच के बाद महामारी के उपयुक्त उपायों पर विचार किया जा सकेगा.

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है. पिछले 20 दिनों में 16 वर्किंग प्रोफेसर सहित 45 लोगों की मौत हो चुकी है. इतनी तादाद में शिक्षकों की मौत होने से विश्वविद्यालय प्रशासन भी खौफजदा है. मरने वाले ज्यादातर सिविल लाइन क्षेत्र के निवासी है. इसको लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने कोविड-19 के एकत्र किए नमूनों की जांच दिल्ली स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CSIR) के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी से कराने की मांग की है.

amu vice chancellor wrote a letter to icmr
ICMR को लिखा गया पत्र.
सैंपल भेज कर विश्लेषण की मांग
पिछले दिनों अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सहित कई शिक्षक व कर्मचारियों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई. इनकी संख्या करीब 45 बताई जा रही है. कई प्रोफेसर और टीचर के साथ जेएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर भी संक्रमित हैं. इस गंभीरता को देखते हुए एएमयू कुलपति ने ICMR के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव को कोविड-19 का सैंपल भेज कर विश्लेषण के लिए कहा है. ताकि कोरोना के वेरिएंट के बारे में पता चल सके.
16 प्रोफेसर सहित 45 शिक्षकों की हो चुकी है मौत

कुलपति ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि एएमयू के 16 प्रोफेसर के साथ कई रिटायर्ड टीचर, कर्मचारी जो विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के सिविल लाइन क्षेत्र में निवास कर रहे थे. उनकी कोविड-19 से मौत हुई है. इस इलाके में कोविड-19 का जो वेरिएंट है, उसका लैब में विश्लेषण किया जाए. सिविल लाइन क्षेत्र में विशेष प्रकार के वायरस का प्रकोप है. इसके सैंपल की जांच के बाद महामारी के उपयुक्त उपायों पर विचार किया जा सकेगा.

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