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AMU कुलपति ने मुस्लिम समुदाय से की अपील, रमजान के दिनों में गरीबों को करें दान

यूपी के अलीगढ़ जिले स्थित अलीगढ़ एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने देश के सभी मुसमलानों से अपील की है. उन्होंने कहा है कि रमजान के महीने में लोग गरीबों की मदद करें. साथ ही कहा है कि नमाजी घर ही नमाज अदा करें.

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AMU कुलपति ने मुस्लिम समुदाय से की अपील, रमजान के दिनों में गरीबों को करें दान
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Published : Apr 25, 2020, 11:58 AM IST

अलीगढ़: जिले में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने देश के सभी मुसमलानों से आग्रह किया है कि वह इस रमजान में कोविड-19 (कोरोना वायरस) को आगे फैलने से रोकें. साथ ही लोगों की जान बचाने के लिये सामाजिक दूरी बनायें. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत और पर्यावरण स्वच्छता के नियमों का सख्ती से पालन करें. साथ ही कहा कि यह मानवता के लिये एक कठिन समय है. वहीं ऐसे में सभी लोगों को धर्म, जाति और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर सभी लोगों की सुरक्षा के लिये कार्य करना चाहिए.


घर पर ही पढ़ेंं नमाज
बता दें कि विश्वविद्यालय के कुलपति मंसूर ने कहा कि इस समय व्यक्तिगत अनुशासन, अल्लाह के आदेशों के प्रति पूर्ण समर्पण और निर्बल वर्ग की सहायता करने से रमजान के उद्देश्यों की पूर्ति होती है. साथ ही कहा कि रमजानों में सामाजिक दूरी बनाये रखने और लोगों की आर्थिक सहायता की जा सकती है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि रमजा़न के पवित्र महीने में मस्जिद न जाकर यदि घर पर भी नमाज पढ़ी जाए. तो यह जीवन रक्षा तुल्य कार्य होगा और अल्लाह भी इसे अवश्य स्वीकार करेंगे.

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में 94 नए कोरोना पॉजिटिव मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 1604

गरीबों की करें मदद
साथ ही कुलपति ने एएमयू बिरादरी से विशेष रूप से आग्रह किया है कि वह रमजान के पवित्र अवसर पर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये दिल खोल कर दान करें. उन्होंने कहा कि समाज के कामगार वर्ग जो राष्ट्र-व्यापी तालाबंदी के कारण सबसे अधिक प्रभावित हैं. उन लोगों के लिए की गई आर्थिक मदद विशेष रूप से समाज को सशक्त बनाने में सहायक होगी.

अलीगढ़: जिले में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने देश के सभी मुसमलानों से आग्रह किया है कि वह इस रमजान में कोविड-19 (कोरोना वायरस) को आगे फैलने से रोकें. साथ ही लोगों की जान बचाने के लिये सामाजिक दूरी बनायें. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत और पर्यावरण स्वच्छता के नियमों का सख्ती से पालन करें. साथ ही कहा कि यह मानवता के लिये एक कठिन समय है. वहीं ऐसे में सभी लोगों को धर्म, जाति और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर सभी लोगों की सुरक्षा के लिये कार्य करना चाहिए.


घर पर ही पढ़ेंं नमाज
बता दें कि विश्वविद्यालय के कुलपति मंसूर ने कहा कि इस समय व्यक्तिगत अनुशासन, अल्लाह के आदेशों के प्रति पूर्ण समर्पण और निर्बल वर्ग की सहायता करने से रमजान के उद्देश्यों की पूर्ति होती है. साथ ही कहा कि रमजानों में सामाजिक दूरी बनाये रखने और लोगों की आर्थिक सहायता की जा सकती है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि रमजा़न के पवित्र महीने में मस्जिद न जाकर यदि घर पर भी नमाज पढ़ी जाए. तो यह जीवन रक्षा तुल्य कार्य होगा और अल्लाह भी इसे अवश्य स्वीकार करेंगे.

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गरीबों की करें मदद
साथ ही कुलपति ने एएमयू बिरादरी से विशेष रूप से आग्रह किया है कि वह रमजान के पवित्र अवसर पर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये दिल खोल कर दान करें. उन्होंने कहा कि समाज के कामगार वर्ग जो राष्ट्र-व्यापी तालाबंदी के कारण सबसे अधिक प्रभावित हैं. उन लोगों के लिए की गई आर्थिक मदद विशेष रूप से समाज को सशक्त बनाने में सहायक होगी.

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