अलीगढ़: एएमयू में 3 साल पहले सीएए- एनआरसी को लेकर छात्रों पर लाठी चार्ज किया गया था. इस हिंसक घटना को लेकर छात्रों ने गुरुवार को कैंडल मार्च (Candle march in AMU) निकाला. छात्रों का कहना है कि पुलिस ने जो जुल्म किया था, उसे भुलाया नहीं जा सकता है. हम इसका विरोध करते रहेंगे. उस घटना को लेकर आज भी कई छात्रों पर मुकदमा दर्ज है. एएमयू छात्रों ने मुकदमे वापस लेने की मांग उठाई है, ताकि छात्रों को भविष्य में परेशानी न आए.
15 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए-एनआरसी के विरोध को लेकर पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था. उस उपद्रव के बाद कई दिनों तक एएमयू बंद रहा. इंटरनेट सेवाएं भी बाधित रही. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और पुलिस से टकराव की घटनाएं सामने आई थी. हालांकि अब एएमयू में सामान्य हालात है. कोविड के बाद कैम्पस पूरी तरीके से खुल गया है. लेकिन छात्र उस रात की घटना को नहीं भूले हैं.
छात्र नेता आरिफ त्यागी ने बताया कि 2019 में 15 दिसंबर की काली रात सभी को याद है. सरकार की लाठियां छात्रों पर बरसी थी. जिसमें दर्जनों छात्र घायल हुए थे. उसी घटना को याद करते हुए छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला है. आरिफ त्यागी ने सरकार से मांग की है कि जिन छात्रों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उनको वापस ले. आरिफ त्यागी ने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थकों से मुकदमे वापस हो सकते हैं तो एएमयू छात्रों के ऊपर से मुकदमे क्यों नहीं वापस हो सकते है.
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