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अलीगढ़: AMU के हजारों छात्रों ने निकाली तिरंगा यात्रा

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने तिरंगा यात्रा निकालकर एक सप्ताह के भीतर विश्वविद्यालय खोलने की मांग की. इस दौरान छात्रों ने कुलपति, केंद्र सरकार और एबीवीपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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हजारों छात्र सड़क पर उतरकर तिरंगा यात्रा में हुए शामिल.
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Published : Jan 6, 2020, 5:42 PM IST

Updated : Jan 6, 2020, 6:47 PM IST

अलीगढ़: मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से बाबा सैयद गेट तक तिरंगा यात्रा निकाले. इस दौरान बाबा सयैद गेट पर छात्रों ने तकरीर की. छात्रों ने कुलपति, केंद्र सरकार और एबीवीपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी एसएसपी को सौंपा, जिसमें एएमयू को एक सप्ताह के भीतर खोलने की मांग की गई है.

हजारों छात्र सड़क पर उतरकर तिरंगा यात्रा में हुए शामिल.

प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग, पुलिस को किया जाए दंडित
इस प्रदर्शन में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले में की कड़ी निंदा की गई. छात्रों ने मांग की है कि जेएनयू घटना में पुलिस को दंडित किया जाए. एएमयू छात्रों का कहना है कि हमलोग जेएनयू के प्रत्येक छात्र के साथ अपनी एकजुटता को दर्ज कराया है.

छात्रों को भेंजा जा रहा है कारण बताओ नोटिस
छात्रों ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए संवैधानिक प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए. विरोध का स्थान भी विश्वविद्यालय या जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित नहीं किया जा सकता.

वहीं छात्रों का कहना था कि प्रशासन द्वारा सीएए और एनआरसी एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों को कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है. छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मांग की है कि इस अलोकतांत्रिक और मुस्लिम विरोधी नागरिकता एक्ट को खत्म किया जाए. छात्रों ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हो रहे अत्याचार की भी निंदा की. छात्रों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि मुस्लिम विरोधी, संविधान विरोधी जैसे सीएए, एनपीआर और एनआरसी का संज्ञान लें.

इसे भी पढ़ें:- JNU हिंसा को लेकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

अलीगढ़: मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से बाबा सैयद गेट तक तिरंगा यात्रा निकाले. इस दौरान बाबा सयैद गेट पर छात्रों ने तकरीर की. छात्रों ने कुलपति, केंद्र सरकार और एबीवीपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी एसएसपी को सौंपा, जिसमें एएमयू को एक सप्ताह के भीतर खोलने की मांग की गई है.

हजारों छात्र सड़क पर उतरकर तिरंगा यात्रा में हुए शामिल.

प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग, पुलिस को किया जाए दंडित
इस प्रदर्शन में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले में की कड़ी निंदा की गई. छात्रों ने मांग की है कि जेएनयू घटना में पुलिस को दंडित किया जाए. एएमयू छात्रों का कहना है कि हमलोग जेएनयू के प्रत्येक छात्र के साथ अपनी एकजुटता को दर्ज कराया है.

छात्रों को भेंजा जा रहा है कारण बताओ नोटिस
छात्रों ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए संवैधानिक प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए. विरोध का स्थान भी विश्वविद्यालय या जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित नहीं किया जा सकता.

वहीं छात्रों का कहना था कि प्रशासन द्वारा सीएए और एनआरसी एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों को कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है. छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मांग की है कि इस अलोकतांत्रिक और मुस्लिम विरोधी नागरिकता एक्ट को खत्म किया जाए. छात्रों ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हो रहे अत्याचार की भी निंदा की. छात्रों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि मुस्लिम विरोधी, संविधान विरोधी जैसे सीएए, एनपीआर और एनआरसी का संज्ञान लें.

इसे भी पढ़ें:- JNU हिंसा को लेकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से बाबा सैयद गेट तक तिरंगा यात्रा निकाला और बॉबे सयैद गेट पर छात्रों ने तकरीर की. इस दौरान कुलपति, केंद्र सरकार और एबीवीपी के खिलाफ छात्रों में भारी आक्रोश था और इनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. इस दौरान छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम एक मेमोरेंडम भी एसएसपी को सौंपा, जिसमें एएमयू को एक सप्ताह के भीतर खोलने की मांग की है .वहीं दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों पर भी हमले में एबीवीपी के गुंडों द्वारा की गई हिंसा की कड़ी निंदा की गई है. छात्रों ने मांग की है कि जेएनयू घटना में पुलिस को दंडित किया जाये. एएमयू छात्रों ने कहा कि जेएनयू के प्रत्येक छात्र के साथ अपनी एकजुटता को दर्ज कराया है.


Body:छात्रों ने कहा भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए संवैधानिक प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए. विरोध का स्थान भी विश्वविद्यालय या जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित नहीं किया जा सकता. वही प्रशासन द्वारा सीएए और एनआरसी एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों को कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है. छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. छात्रों ने मांग की है कि इस अलोकतांत्रिक और मुस्लिम विरोधी नागरिकता एक्ट को खत्म किया जाए.


Conclusion:छात्रों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि सभी निर्दोष छात्र जो प्रदर्शन में कर रहे है, को अवैध हिरासत में ना रखें, विशेष रूप से एएमयू, जेएनयू और बीएचयू जैसे विश्वविद्यालयों में निर्दोष छात्रों को न फसाया जाए. छात्रों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं एबीवीपी के खिलाफ भी खुलकर नारेबाजी की. छात्रों ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हो रहे अत्याचार की भी निंदा की. छात्रों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि मुस्लिम विरोधी, संविधान विरोधी जैसे सीएए, एनपीआर और एनआरसी का संज्ञान लें.


Last Updated : Jan 6, 2020, 6:47 PM IST
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