अलीगढ़: देश में एनआरसी और सीएए को लेकर मचे घमासान के बीच एमयू में छात्रों ने डिटेंशन कैंप का प्रतिरूप बनाकर खुद को बंदी के रूप में दिखाया. पिछले 35 दिनों से एएमयू के छात्र एनआरसी और सीएए के खिलाफ अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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फैजुल हसन ने कहा कि अगर एकजुट होकर लड़ाई नहीं लड़ी तो पहला घर यहीं डिटेंशन सेंटर होगा, जिसका अमित शाह और पीएम मोदी ने ऐलान किया है. सरकार मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है. देशभर में सरकार हिंदू-मुस्लिम विवाद कराना चाहती है. फैजुल हसन ने कहा कि इन्होंने नफरत की राजनीति कर 2014 में सरकार बनाई थी. वह नफरत के बीज ऐसे डाल रहे हैं कि बंटवारे की नौबत फिर से आ जाएगी.