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अलीगढ़: AMU के छात्रों ने NRC-CAA के विरोध में किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एनआरसी और सीएए को लेकर एएमयू के छात्रों ने डिटेंशन कैंप का प्रतिरूप बनाकर विरोध प्रदर्शन किया.

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NRC-CAA के विरोध में एएमयू छात्र.
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Published : Jan 19, 2020, 2:25 PM IST

अलीगढ़: देश में एनआरसी और सीएए को लेकर मचे घमासान के बीच एमयू में छात्रों ने डिटेंशन कैंप का प्रतिरूप बनाकर खुद को बंदी के रूप में दिखाया. पिछले 35 दिनों से एएमयू के छात्र एनआरसी और सीएए के खिलाफ अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

NRC-CAA के विरोध में एएमयू छात्र.
छात्रों ने बाबे सैयद गेट स्थित धरनास्थल पर एक डिटेंशन कैंप खड़ा कर दिया और स्वंय को बंदी के रूप में दिखाया. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि देश में जिस तरह से डिटेंशन कैंप की हवा खड़ा की जा रहा है, उसी का प्रतिरूप बाबे सैयद गेट पर बनाया गया है.

इसे भी पढ़ें- अलीगढ़ : AMU कुलपति ने गठित की कमेटी, छात्रों से बनाएगी तालमेल

फैजुल हसन ने कहा कि अगर एकजुट होकर लड़ाई नहीं लड़ी तो पहला घर यहीं डिटेंशन सेंटर होगा, जिसका अमित शाह और पीएम मोदी ने ऐलान किया है. सरकार मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है. देशभर में सरकार हिंदू-मुस्लिम विवाद कराना चाहती है. फैजुल हसन ने कहा कि इन्होंने नफरत की राजनीति कर 2014 में सरकार बनाई थी. वह नफरत के बीज ऐसे डाल रहे हैं कि बंटवारे की नौबत फिर से आ जाएगी.

अलीगढ़: देश में एनआरसी और सीएए को लेकर मचे घमासान के बीच एमयू में छात्रों ने डिटेंशन कैंप का प्रतिरूप बनाकर खुद को बंदी के रूप में दिखाया. पिछले 35 दिनों से एएमयू के छात्र एनआरसी और सीएए के खिलाफ अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

NRC-CAA के विरोध में एएमयू छात्र.
छात्रों ने बाबे सैयद गेट स्थित धरनास्थल पर एक डिटेंशन कैंप खड़ा कर दिया और स्वंय को बंदी के रूप में दिखाया. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि देश में जिस तरह से डिटेंशन कैंप की हवा खड़ा की जा रहा है, उसी का प्रतिरूप बाबे सैयद गेट पर बनाया गया है.

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फैजुल हसन ने कहा कि अगर एकजुट होकर लड़ाई नहीं लड़ी तो पहला घर यहीं डिटेंशन सेंटर होगा, जिसका अमित शाह और पीएम मोदी ने ऐलान किया है. सरकार मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है. देशभर में सरकार हिंदू-मुस्लिम विवाद कराना चाहती है. फैजुल हसन ने कहा कि इन्होंने नफरत की राजनीति कर 2014 में सरकार बनाई थी. वह नफरत के बीज ऐसे डाल रहे हैं कि बंटवारे की नौबत फिर से आ जाएगी.

Intro:

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने डिटेंशन कैंप का प्रतिरूप खड़ा कर खुद को बंदी के रूप में दिखाया है. पिछले 35 दिनों से एएमयू के छात्र एनआरसी व सीएए के खिलाफ अलग अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं बाबे सैय्यद गेट पर छात्रों ने विरोध का अनोखा तरीका दिखाया. छात्रों ने बाबे सैयद स्थित धरना स्थल पर एक डिटेंशन कैंप का प्रतिरूप खड़ा कर दिया और स्वयं को उसमें बंदी के रूप में दिखाया. डिटेंशन कैंप में विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी मौजूदगी दिखाई.

Body:डिटेंशन कैंप का एक मॉडल खड़ा कर खुद को बंदी के रूप में छात्रों ने दिखाया. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि देश में जिस तरह से डिटेंशन का हवा खड़ा किया जा रहा है. उसी का प्रतिरूप बाबे सैयद गेट पर बनाकर उसमें छात्र ठहरे हैं. इस मौके पर छात्र नेताओं ने खुद को डिटेंशन सेंटर में बंद कर फोटो खिंचवाई.Conclusion:पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने छात्रों से कहा कि अगर एकजुट होकर लड़ाई नहीं लड़ी. तो पहला घर यहीं डिटेंशन सेंटर होगा. जिसका अमित शाह और नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है. देशभर में सरकार हिंदू - मुस्लिम विवाद कराना चाहती है. यह नफरत की राजनीति कर 2014 में सरकार बनाई थी वह नफरत के बीज ऐसे डाल रहे हैं कि बंटवारे की नौबत फिर से आ जाएगी. जैसे 1947 में हुआ था. उन्होंने कहा कि हमारे हिंदू, सिख, क्रिश्चियन, पारसी, मुसलमानों के साथ मिलकर काले कानून के खिलाफ लड़ रहे हैं. वह देश व संविधान बचाने के लिए लड़ रहे हैं. और सरकार को काला कानून वापस लेना होगा.

बाइट - फैजुल हसन , पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष , एएमयू

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535
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