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AMU कॉर्डिनेशन कमेटी ने उमर गौतम की रिहाई की मांग की

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कॉर्डिनेशन कमेटी ने धर्म परिवर्तन कराने के मामले में पकड़े गए उमर गौतम व मुफ्ती जहांगीर कासिम को तत्काल रिहा करने के लिये पोस्टर जारी किया है. सोशल मीडिया पर पोस्टर रिलीज करने वाले ने लिखा है कि सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक घृणा फैला रही है.

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Published : Jun 24, 2021, 10:32 PM IST

सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर
सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कॉर्डिनेशन कमेटी के छात्रों ने धर्म परिवर्तन कराने के मामले में पकड़े गए उमर गौतम व मुफ्ती जहांगीर कासिम को तत्काल रिहा करने के लिये गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी किया है. पोस्टर में उमर गौतम की गिरफ्तारी की निंदा की गई है और सरकार से अपील की है कि जेल से उन्हें रिहा किया जाए. सोशल मीडिया पर पोस्टर रिलीज करने वाले ने लिखा है कि सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक घृणा फैला रही है.



क्या है एएमयू कॉर्डिनेशन कमेटी

CAA, NRC के खिलाफ आंदोलन चला रहे छात्रों ने AMU कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई थी. इस कमेटी के जरिए समय-समय पर सोशल मीडिया पर पोस्टर रिलीज किये जाते हैं.

पहले भी शोसल मीडिया पर जारी किये हैं पोस्टर
इससे पहले पिछले शुक्रवार को भी सोशल मीडिया पर CAA, NRC आंदोलन का विरोध करने वाले नताशा नरवार, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा की रिहाई पर कमेटी की तरफ से शुभकामना संदेश पोस्टर के माध्मय से जारी किया गया था. एएमयू कॉर्डिनेशन कमेटी ने इन्हें निर्दोष बताया था और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लिखते हुए NO CAA, NO NRC, NO NPR की आवाज उठाई गई थी.

जमानत देने में अड़चन न पैदा करें
AMU कॉर्डिनेशन कमेटी से जुड़े एक छात्र नेता आमिर मिंटोई ने कहा कि उमर गौतम पर जो एलिगेशन लगाया गया है, उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन आरोपी की जमानत में अड़चन नहीं पैदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि डॉ कफील के केस में कई महीनों तक जमानत नहीं दी गई थी और ऐसे गलत आरोप में एनएसए लगाया गया था. जिसके चलते डॉक्टर कफील का काफी समय जेल में बर्बाद हुआ था. वहीं जमात के मामले में भी दिल्ली, मुंबई और मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक प्रभाव के चलते जमात के लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. छात्रनेता आमिर मिंटोई ने कहा कि जो आरोप उमर गौतम पर लगे हैं. उसकी जांच बखूबी होनी चाहिए. लेकिन जमानत देने में अड़चन पैदा नहीं करना चाहिए.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कॉर्डिनेशन कमेटी के छात्रों ने धर्म परिवर्तन कराने के मामले में पकड़े गए उमर गौतम व मुफ्ती जहांगीर कासिम को तत्काल रिहा करने के लिये गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी किया है. पोस्टर में उमर गौतम की गिरफ्तारी की निंदा की गई है और सरकार से अपील की है कि जेल से उन्हें रिहा किया जाए. सोशल मीडिया पर पोस्टर रिलीज करने वाले ने लिखा है कि सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक घृणा फैला रही है.



क्या है एएमयू कॉर्डिनेशन कमेटी

CAA, NRC के खिलाफ आंदोलन चला रहे छात्रों ने AMU कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई थी. इस कमेटी के जरिए समय-समय पर सोशल मीडिया पर पोस्टर रिलीज किये जाते हैं.

पहले भी शोसल मीडिया पर जारी किये हैं पोस्टर
इससे पहले पिछले शुक्रवार को भी सोशल मीडिया पर CAA, NRC आंदोलन का विरोध करने वाले नताशा नरवार, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा की रिहाई पर कमेटी की तरफ से शुभकामना संदेश पोस्टर के माध्मय से जारी किया गया था. एएमयू कॉर्डिनेशन कमेटी ने इन्हें निर्दोष बताया था और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लिखते हुए NO CAA, NO NRC, NO NPR की आवाज उठाई गई थी.

जमानत देने में अड़चन न पैदा करें
AMU कॉर्डिनेशन कमेटी से जुड़े एक छात्र नेता आमिर मिंटोई ने कहा कि उमर गौतम पर जो एलिगेशन लगाया गया है, उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन आरोपी की जमानत में अड़चन नहीं पैदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि डॉ कफील के केस में कई महीनों तक जमानत नहीं दी गई थी और ऐसे गलत आरोप में एनएसए लगाया गया था. जिसके चलते डॉक्टर कफील का काफी समय जेल में बर्बाद हुआ था. वहीं जमात के मामले में भी दिल्ली, मुंबई और मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक प्रभाव के चलते जमात के लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. छात्रनेता आमिर मिंटोई ने कहा कि जो आरोप उमर गौतम पर लगे हैं. उसकी जांच बखूबी होनी चाहिए. लेकिन जमानत देने में अड़चन पैदा नहीं करना चाहिए.

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