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दिव्यांगों के लिए विशेष साइकिल बनाने पर एएमयू शिक्षक को मिला पेटेंट, जानिए क्या है खासियत

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बॉयज पॉलिटेक्निक के एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली ने दिव्यांगों के लिए एक विशेष साइकिल बनाई है. इसके लिए भारत सरकार ने उन्हें पेटेंट नंबर दे दिया है. शमशाद अली को अब तक अपने 8 आविष्कार के लिए पेटेंट मिल चुके हैं.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
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Published : Aug 3, 2023, 8:44 AM IST

अलीगढ़ः एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) के बॉयज पॉलिटेक्निक शिक्षक को दिव्यांगों के लिए डिजाइन किए गए उनके विशेष साइकिल का पेटेंट मिला है. एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली ने दिव्यांगों के लिए एक विशेष साइकिल बनायी हैं. इसके लिए भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने उन्हें पेटेंट नंबर 441899 दे दिया है. शमशाद अली ने कहा कि इस आविष्कार में साइकिल में एक अटैचमेंट किया गया है, जिसमें साइकिल को पीछे खींचने के लिए पहिये लगे हैं. इससे जब साइकिल स्थिर होगी या धीरे-धीरे चल रही होगी तो वह सीधी रहेगी और उस पर किसी अन्य व्यक्ति की सहायता बिना भी बैठा जा सकता है.

special bicycle for disabled
एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली ने दिव्यांगों के लिए बनाई विशेष साइकिल.

शमशाद अली ने बताया कि इससे दिव्यांगों और बुजुर्ग लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. क्योंकि, वे बिना सहयोग के इस साइकिल पर संतुलन बनाने में सक्षम होंगे. यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल प्रोफेसर अरशद उमर ने शमशाद अली को उनके आविष्कार के लिए उन्हें आठवां पेटेंट प्राप्त करने पर बधाई दी.

अपने आविष्कार के बारे में शमशाद अली ने कहा, 'जब साइकिल अपनी सामान्य गति प्राप्त कर लेती है, तो सहायक पहियों को कंपाउंड लीवर हैंडल की मदद से बहुत कम प्रयास और घर्षण हानि के साथ जमीन से ऊपर उठाया जा सकता है. उन्हें कम करने के लिए लॉक किया जा सकता है. ब्रेक लगाकर साइकिल को रोका या धीमा किया जाता है, तो साइकिल को सीधी स्थिति में रखने के लिए सहायक पहिये स्वचालित रूप से पीछे हट जाते है. इससे चालक को गिरने और घायल होने से बचाया जा सकेगा.'

special bicycle for disabled
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बॉयज पॉलिटेक्निक के एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली.

8 पेटेंट रजिस्टर्डः गौरतलब है कि शमशाद अली ने एएमयू से एमटेक की एजुकेशन ली है. फिलहाल वो पीएचडी कर रहे हैं और एएमयू में ही एसोसिएट प्रोफेसर है. उनका काम करने का क्षेत्र ऊर्जा संरक्षण, निर्माण विज्ञान और गैर पारंपरिक मशीनी प्रक्रिया है. शमशाद अली का सोलर इलेक्ट्रिक व्हीकल पर भी पेपर पब्लिश हो चुका है. अब तक उन्होंने अपने बनाए हुए मशीनों का 8 पेटेंट रजिस्टर्ड करा लिया है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
भारत सरकार ने दिया पेटेंट नंबर.

एलपीजी ईंधन की बचत करने का प्रोजेक्ट: एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली नए-नए इनोवेशन करते रहे हैं. इससे पहले क्रिकेट बैट के हैंडल के साथ उन्होंने नया प्रयोग किया था. इसमें उन्होंने एक ही बैट से लांग शॉट खेलने और शार्ट शॉट खेलने का तरीका इजाद किया था. इससे खिलाड़ी को दूसरे बैट की जरूरत नहीं पड़ती है. इस बैट का उन्होंने पेटेंट भी कराया. वही, बॉलिंग करता हुए रोबोट के प्रोजेक्ट पर भी काम किया. वह एलपीजी ईंधन की बचत के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः Medical News : एमबीबीएस और बीडीएस में दाखिले के बाद सीट छोड़ने पर भरना पड़ेगा एक लाख जुर्माना

अलीगढ़ः एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) के बॉयज पॉलिटेक्निक शिक्षक को दिव्यांगों के लिए डिजाइन किए गए उनके विशेष साइकिल का पेटेंट मिला है. एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली ने दिव्यांगों के लिए एक विशेष साइकिल बनायी हैं. इसके लिए भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने उन्हें पेटेंट नंबर 441899 दे दिया है. शमशाद अली ने कहा कि इस आविष्कार में साइकिल में एक अटैचमेंट किया गया है, जिसमें साइकिल को पीछे खींचने के लिए पहिये लगे हैं. इससे जब साइकिल स्थिर होगी या धीरे-धीरे चल रही होगी तो वह सीधी रहेगी और उस पर किसी अन्य व्यक्ति की सहायता बिना भी बैठा जा सकता है.

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एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली ने दिव्यांगों के लिए बनाई विशेष साइकिल.

शमशाद अली ने बताया कि इससे दिव्यांगों और बुजुर्ग लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. क्योंकि, वे बिना सहयोग के इस साइकिल पर संतुलन बनाने में सक्षम होंगे. यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल प्रोफेसर अरशद उमर ने शमशाद अली को उनके आविष्कार के लिए उन्हें आठवां पेटेंट प्राप्त करने पर बधाई दी.

अपने आविष्कार के बारे में शमशाद अली ने कहा, 'जब साइकिल अपनी सामान्य गति प्राप्त कर लेती है, तो सहायक पहियों को कंपाउंड लीवर हैंडल की मदद से बहुत कम प्रयास और घर्षण हानि के साथ जमीन से ऊपर उठाया जा सकता है. उन्हें कम करने के लिए लॉक किया जा सकता है. ब्रेक लगाकर साइकिल को रोका या धीमा किया जाता है, तो साइकिल को सीधी स्थिति में रखने के लिए सहायक पहिये स्वचालित रूप से पीछे हट जाते है. इससे चालक को गिरने और घायल होने से बचाया जा सकेगा.'

special bicycle for disabled
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बॉयज पॉलिटेक्निक के एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली.

8 पेटेंट रजिस्टर्डः गौरतलब है कि शमशाद अली ने एएमयू से एमटेक की एजुकेशन ली है. फिलहाल वो पीएचडी कर रहे हैं और एएमयू में ही एसोसिएट प्रोफेसर है. उनका काम करने का क्षेत्र ऊर्जा संरक्षण, निर्माण विज्ञान और गैर पारंपरिक मशीनी प्रक्रिया है. शमशाद अली का सोलर इलेक्ट्रिक व्हीकल पर भी पेपर पब्लिश हो चुका है. अब तक उन्होंने अपने बनाए हुए मशीनों का 8 पेटेंट रजिस्टर्ड करा लिया है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
भारत सरकार ने दिया पेटेंट नंबर.

एलपीजी ईंधन की बचत करने का प्रोजेक्ट: एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली नए-नए इनोवेशन करते रहे हैं. इससे पहले क्रिकेट बैट के हैंडल के साथ उन्होंने नया प्रयोग किया था. इसमें उन्होंने एक ही बैट से लांग शॉट खेलने और शार्ट शॉट खेलने का तरीका इजाद किया था. इससे खिलाड़ी को दूसरे बैट की जरूरत नहीं पड़ती है. इस बैट का उन्होंने पेटेंट भी कराया. वही, बॉलिंग करता हुए रोबोट के प्रोजेक्ट पर भी काम किया. वह एलपीजी ईंधन की बचत के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं.

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