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एएमयू की डॉ. शाइस्ता अफरोज के शोध पत्र को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र से किया गया सम्मानित - अलीगढ़ ताजा समाचार

एएमयू की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शाइस्ता अफरोज के शोध पत्र को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र से सम्मानित किया गया है. डॉ. शाइस्ता का शोध कार्य प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंस में प्रकाशित हुआ है. उनके इसी शोध को सर्वश्रेष्ठ शोध कार्य घोषित करते हुए बेस्ट रिसर्च पेपर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.

डॉ. शाइस्ता अफरोज
डॉ. शाइस्ता अफरोज
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Published : Feb 16, 2021, 9:37 PM IST

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ० जेडए डेंटल कॉलेज के प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर शाइस्ता अफरोज ने अपनी उपलब्धि से विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है. उनका एक महत्वपूर्ण शोध कार्य प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंस में प्रकाशित हुआ है, जिसे वैज्ञानिकों ने सर्वश्रेष्ठ शोध कार्य घोषित करते हुए उसे बेस्ट रिसर्च पेपर अवॉर्ड से सम्मानित किया है.

कोशिकाओं पर नियंत्रित कर दर्द के इलाज पर शोध

शोध के अनुसार किसी व्यक्ति के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में पाए जाने वाले कोशिकाओं के समूह की बढ़ी हुई गति से दर्द का अहसास पैदा होता है और इन कोशिकाओं को नियंत्रित करके दर्द का इलाज किया जा सकता है. डॉ० शाइस्ता ने प्रोफेसर योशिजुओ मात्सुका (दंत चिकित्सा संकाय, तकोशिमा विश्वविद्यालय, जापान) के मार्गदर्शन में यह शोध पत्र लिखा है और इसे वैज्ञानिक मानकों, समग्र प्रभाव और लोकप्रियता, जर्नल के बेसिक टॉपिक, मूल विचारों और डाउनलोड किये जाने के आधार पर बेस्ट पेपर अवॉर्ड के लिए चुना गया. डॉ० शाइस्ता ने अपने शोध पत्र के लिए जापान के शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से तकुशिमा विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में अनेक प्रयोग किए हैं.

पढ़ें - एएमयू का गणित विभाग देश में अव्वल, लाइब्रेरी का है खास योगदान


17 से अधिक शोध पत्र हो चुके हैं प्रकाशित

कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने डॉ. शाइस्ता अफरोज को उनके मूल शोध के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह शोध विभाग और विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है. उल्लेखनीय है कि डॉ. शाइस्ता के 17 से अधिक शोध लेख प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने तकुशिमा विश्वविद्यालय जापान के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ हेल्थ बायोसाइंसेज से पीएचडी की डिग्री हासिल की है. इससे पूर्व उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से प्रोस्थोडॉन्टिक्स में एमडीएस और डॉ० जेडए डेंटल कॉलेज, एएमयू से बीडीएस की डिग्री हासिल की है.

पढ़ें - पुण्यतिथि विशेष: वक्त और सीमा से आगे थी 'शहरयार' की शायरी

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ० जेडए डेंटल कॉलेज के प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर शाइस्ता अफरोज ने अपनी उपलब्धि से विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है. उनका एक महत्वपूर्ण शोध कार्य प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंस में प्रकाशित हुआ है, जिसे वैज्ञानिकों ने सर्वश्रेष्ठ शोध कार्य घोषित करते हुए उसे बेस्ट रिसर्च पेपर अवॉर्ड से सम्मानित किया है.

कोशिकाओं पर नियंत्रित कर दर्द के इलाज पर शोध

शोध के अनुसार किसी व्यक्ति के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में पाए जाने वाले कोशिकाओं के समूह की बढ़ी हुई गति से दर्द का अहसास पैदा होता है और इन कोशिकाओं को नियंत्रित करके दर्द का इलाज किया जा सकता है. डॉ० शाइस्ता ने प्रोफेसर योशिजुओ मात्सुका (दंत चिकित्सा संकाय, तकोशिमा विश्वविद्यालय, जापान) के मार्गदर्शन में यह शोध पत्र लिखा है और इसे वैज्ञानिक मानकों, समग्र प्रभाव और लोकप्रियता, जर्नल के बेसिक टॉपिक, मूल विचारों और डाउनलोड किये जाने के आधार पर बेस्ट पेपर अवॉर्ड के लिए चुना गया. डॉ० शाइस्ता ने अपने शोध पत्र के लिए जापान के शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से तकुशिमा विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में अनेक प्रयोग किए हैं.

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17 से अधिक शोध पत्र हो चुके हैं प्रकाशित

कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने डॉ. शाइस्ता अफरोज को उनके मूल शोध के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह शोध विभाग और विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है. उल्लेखनीय है कि डॉ. शाइस्ता के 17 से अधिक शोध लेख प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने तकुशिमा विश्वविद्यालय जापान के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ हेल्थ बायोसाइंसेज से पीएचडी की डिग्री हासिल की है. इससे पूर्व उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से प्रोस्थोडॉन्टिक्स में एमडीएस और डॉ० जेडए डेंटल कॉलेज, एएमयू से बीडीएस की डिग्री हासिल की है.

पढ़ें - पुण्यतिथि विशेष: वक्त और सीमा से आगे थी 'शहरयार' की शायरी

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