अलीगढ़ः एएमयू में एमवोक कोर्स (मास्टर ऑफ वोकेशन) में दाखिले के लिए छात्र परेशान हैं. इस कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा लेने के बाद अब विश्वविद्यालय बिना रिजल्ट निकाले ही कोर्स को बंद कर रहा है. विश्वविद्यालय का कहना है कि फंड नहीं होने के चलते इस कोर्स को बंद किया जा रहा है. वहीं, छात्रों का कहना है कि फंड की दिक्कत शुरू से रही है. फिर भी कॉलेज ने पहले भी कई सत्र को संचालित किया था. एमवोक में कुल 60 सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी. इसमें देशभर से छात्रों ने एंट्रेंस एग्जाम दिया था. इनमें से कुछ छात्र बीवोक कोर्स (बैचेलर ऑफ वोकेशन) के भी है, जिन्होंने एएमयू से ही ग्रेजुएशन पूरा किया है.
गौरतलब है कि एएमयू में एमवोक कोर्स प्रधानमंत्री स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत 2014 में शुरू किया गया था. यहां इसके 3 कोर्स चलाए जा रहे हैं. इसमें प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी, पॉलीमर एंड कोटिंग टेक्नोलॉजी, फैशन एंड गार्मेट टेक्नोलॉजी के कोर्स हैं. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि अब इस कोर्स को चलाने के लिए एएमयू के पास फंड नहीं है, जिसके कारण इन्हें बंद किया जा रहा है. कुछ छात्रों का ये भी कहना है कि सेल्फ फाइनेंस के तहत बढ़ी हुई फीस के साथ एमवोक का कोर्स शुरू कराने की बात सामने आ रही है.
छात्र कोर्स को लेकर हैं गंभीरः छात्र उजैर ने बताया कि एमवोक का एंट्रेंस हो चुका है. लेकिन, रिजल्ट अभी तक नहीं निकाला गया है. इस कोर्स में जल्द से जल्द एडमिशन हो. क्योंकि, कोविड-19 के चलते ये सत्र पहले से ही पिछड़ा हुआ है. उजैर ने आगे कहा कि एएमयू प्रशासन कह रहा है कि कोर्स चलाने के लिए फंड नहीं है. जबकि, यह कोर्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से प्रपोज किया गया था. इस कोर्स की डिमांड मार्केट में ज्यादा है. यह एक स्किल बेस्ड कोर्स है. छात्र इस कोर्स के बारे में बहुत गंभीर है. वह बीवोक (बैचलर ऑफ वोकेशन) भी कर चुके हैं.
100 से ज्यादा छात्र प्रभावित: बीवोक कोर्स कर चुके मोहम्मद तैयब ने बताया कि इंट्रेंस देने के बाद सभी कोर्स का रिजल्ट आ चुके हैं. लेकिन, एमवोक कोर्स का रिजल्ट नहीं आया है. छात्र जब एडमिशन की डिमांड कर रहे हैं, तो विश्वविद्यालय प्रशासन कह रहा है कि फंड नहीं है, हालांकि रजिस्ट्रार और कुलपति को इस बारे में पूरी जानकारी है. तैयब ने बताया कि जितनी फीस ली जाती है. उस हिसाब से कोर्स को नहीं पढ़ाया जा रहा है. सरकार फंड दे रही है या नहीं दे रही है? इससे छात्रों का कोई मतलब नहीं है. यह सरकार द्वारा ही चलाया गया प्रोजेक्ट है. इससे करीब 100 से ज्यादा छात्र प्रभावित है.
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