अलीगढ़: कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने मण्डल के सभी मुस्लिम धर्मगुरूओं और मुस्लिम संप्रदाय के लोगों से अपील की है कि वह इस पवित्र माह में रोजों के दौरान समाज, मण्डल, प्रदेश और राष्ट्रहित में कोरोना वायरस से सभी की सुरक्षा के लिए प्रातः काल सहरी तथा सायंकाल इफ्तार अपने-अपने घरों पर ही करें. सामूहिक रूप से रोजा इफ्तार बिल्कुल न करें. इसके साथ ही नमाज भी घर पर ही अदा करें.
कमिश्नर ने बताया कि इस समय पूरा देश लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है और हर प्रदेश की सरकार, शासन एवं प्रशासन अपने लोगों को इस संक्रमण से बचाने में लगी है. हम अपने घरों में ही रह कर पांचों वक्त की नमाज अदा करने के साथ सायंकाल परिवार के सदस्यों के साथ ही रोजा इफ्तार करें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और जिला प्रशासन का हर तरह से सहयोग करें. लोगों को घरों में रहने के लिए कहें.
घरों में रहें और सबसे अपील करें
उन्होंने बताया कि कोविड-19 वायरस जाति, धर्म, मजहब देखकर वार नहीं करता है, उसे तो सिर्फ मानव शरीर चाहिए. उन्होंने धर्मगुरुओं से अपील की है कि हर अजान के बाद लोगों से घरों में रहने, गलियों में न निकलने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने, थोड़े-थोड़े अन्तराल पर हाथों को साबुन से धोते रहने, साफ-सफाई बनाए रखने आदि की अपील अवश्य करें. इससे लोग अधिक से अधिक जागरूक हों और कोविड-19 वायरस से अपने को बचा सकें.
परिवार का रखें ध्यान
उन्होंने कहा कि हमारे परिवार तथा समाज के लोग सभी सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें, इसी के चलते शासन द्वारा लॉकडाउन किया गया है. पवित्र रमजान माह त्याग एवं आपसी भाईचारे का महीना है. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए लोगों से अपील है कि वह गलियों में न निकलें, लोगों को जागरूक करें, किसी भी प्रकार की सभा या जलूस न निकालें. कमिश्नर ने सभी से अपील की है कि स्वयं, परिवार, मोहल्ला, जनपद, प्रदेश व देशवासियों की बेहतरी, तन्दुरूस्ती और सेहत को देखते हुए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग का पालन अवश्य करें.
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