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Aligarh Tappal Case: टप्पल के नूरपुर गांव पहुंचे नेताओं को प्रशासन ने रोका - aligarh tappal case

अलीगढ़ के नूरपुर गांव (noorpur village) में पीड़ितों से मिलने पहुंचे नेताओं को प्रशासन ने गांव के बाहर ही रोका दिया. इस दौरान वहां एसएसपी और डीएम भी मौके पर पहुंच गए. डीएम चंद्र भूषण सिंह ने कहा की सभी लोग मिल-जुलकर रह रहे हैं. अब किसी भी प्रकार की कोई बात नहीं है.

नूरपुर गांव पहुंचे नेता.
नूरपुर गांव पहुंचे नेता.
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Published : Jun 7, 2021, 2:34 AM IST

अलीगढ़: टप्पल (Aligarh Tappal Case) थाना इलाके के नूरपुर गांव (noorpur village) में पीड़ितों से मिलने पहुंचे नेताओं को प्रशासन ने गांव के बाहर ही रोका दिया. नेताओं के गांव पहुंचने की खबर मिलने पर एसएसपी और डीएम भी मौके पर पहुंच गए. बीते दिनों दो पक्षों के बीच शादी के दौरान हुए विवाद के बाद नाराज होकर एक पक्ष ने अपने मकान के बाहर 'यह मकान बिकाऊ है' लिखकर इलाके में सनसनी फैला दी थी. इसके कुछ देर बाद ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था. मामले की गंभीरता को देखकर पुलिस ने एक शख्स की शिकायत पर 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इसमें अभी 5 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

नूरपुर गांव पहुंचे नेताओं को रोका.

डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे

एक हिंदूवादी संगठन रविवार को गांव की ओर पहुंचे, जिन्हें टप्पल इंटरचेंज के पास ही रोक लिया गया. वहीं, डीएम चंद्रभूषण सिंह और एसएसपी कलानिधि नैथानी भी भारी पुलिस बल के साथ ग्रामीणों से मिलने पहुंचे. एसएसपी कलानिधि ने बताया कि इस मामले में अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. गांव वालों से बात करके पता चला है कि अब माहौल शांत है. वहीं, डीएम चंद्र भूषण सिंह ने कहा की सभी लोग मिल-जुलकर रह रहे हैं. अब किसी भी प्रकार की कोई बात नहीं है. जो भी लोग गांव में पहुंच रहे हैं, वह लोग भड़काऊ बयानबाजी न करें. वहीं, गाजियाबाद से एक हिंदूवादी संगठन वहां पहुंचा. उन्होंने कहा कि हम अपने पक्ष के लोगों को भटकने नहीं देंगे और न ही उन पर अत्याचार होते देख सकते हैं. हिंदुस्तान में बाबा साहब का कानून चलेगा किसी और का नहीं.

पढ़ें: फिलहाल टला योगी मंत्रिमंडल विस्तार, उचित समय पर भरा जाएगा खाली पद

थाना टप्पल इलाके के गांव नूरपुर में पिछले दिनों बारात पहुंचने के दौरान हंगामा करने की तस्वीरें सामने आई थी. इसके बाद गांव में दो पक्ष आमने-सामने आ गए. मारपीट हुई और पथराव तक की नौबत आ गई. इसके बाद अगले ही दिन गांव में एक पक्ष ने घरों के बाहर लिख दिया 'यह मकान बिकाऊ है'. इसके बाद गांव में नेताओं का जमावड़ा लगने लगा. नौबत यहां तक आ गई थी कि गांव नूरपुर के में पुलिस पिकेट तैनात कर दी गई थी और बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश भी वर्जित कर दिया गया था.

अलीगढ़: टप्पल (Aligarh Tappal Case) थाना इलाके के नूरपुर गांव (noorpur village) में पीड़ितों से मिलने पहुंचे नेताओं को प्रशासन ने गांव के बाहर ही रोका दिया. नेताओं के गांव पहुंचने की खबर मिलने पर एसएसपी और डीएम भी मौके पर पहुंच गए. बीते दिनों दो पक्षों के बीच शादी के दौरान हुए विवाद के बाद नाराज होकर एक पक्ष ने अपने मकान के बाहर 'यह मकान बिकाऊ है' लिखकर इलाके में सनसनी फैला दी थी. इसके कुछ देर बाद ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था. मामले की गंभीरता को देखकर पुलिस ने एक शख्स की शिकायत पर 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इसमें अभी 5 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

नूरपुर गांव पहुंचे नेताओं को रोका.

डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे

एक हिंदूवादी संगठन रविवार को गांव की ओर पहुंचे, जिन्हें टप्पल इंटरचेंज के पास ही रोक लिया गया. वहीं, डीएम चंद्रभूषण सिंह और एसएसपी कलानिधि नैथानी भी भारी पुलिस बल के साथ ग्रामीणों से मिलने पहुंचे. एसएसपी कलानिधि ने बताया कि इस मामले में अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. गांव वालों से बात करके पता चला है कि अब माहौल शांत है. वहीं, डीएम चंद्र भूषण सिंह ने कहा की सभी लोग मिल-जुलकर रह रहे हैं. अब किसी भी प्रकार की कोई बात नहीं है. जो भी लोग गांव में पहुंच रहे हैं, वह लोग भड़काऊ बयानबाजी न करें. वहीं, गाजियाबाद से एक हिंदूवादी संगठन वहां पहुंचा. उन्होंने कहा कि हम अपने पक्ष के लोगों को भटकने नहीं देंगे और न ही उन पर अत्याचार होते देख सकते हैं. हिंदुस्तान में बाबा साहब का कानून चलेगा किसी और का नहीं.

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थाना टप्पल इलाके के गांव नूरपुर में पिछले दिनों बारात पहुंचने के दौरान हंगामा करने की तस्वीरें सामने आई थी. इसके बाद गांव में दो पक्ष आमने-सामने आ गए. मारपीट हुई और पथराव तक की नौबत आ गई. इसके बाद अगले ही दिन गांव में एक पक्ष ने घरों के बाहर लिख दिया 'यह मकान बिकाऊ है'. इसके बाद गांव में नेताओं का जमावड़ा लगने लगा. नौबत यहां तक आ गई थी कि गांव नूरपुर के में पुलिस पिकेट तैनात कर दी गई थी और बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश भी वर्जित कर दिया गया था.

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