अलीगढ़: ज्ञानवापी के लिए पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन डीएस कॉलेज में आयोजित सनातन संस्कृति पर विचार गोष्ठी में शामिल हुए. संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी विवाद सांप्रदायिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक मुद्दा है. उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में 12 ज्योतिर्लिंग सबसे ज्यादा पूज्यनीय और पवित्र है. इसकी लड़ाई हिंदू समाज के लोग लड़ रहे हैं और काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग सबसे अहम है.
उन्होंने कहा कि इसे लोग साम्प्रदायिक विवाद के रूप में देखते हैं लेकिन यह आध्यात्मिक मुद्दा है. उन्होंने कहा कि काशी पवित्र भूमि है. हम सबके जीवन का लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति होता है. आध्यात्मिकता के सबसे उच्चतम शिखर का केंद्र काशी है और हमारी सभ्यता की माता भी काशी ही है. इस बारे में रिसर्च भी किया गया है, जिसमें पाया कि सनातन धर्म के साथ घृणित से घृणित अपराध हुआ है. हमारी आस्था के केंद्र को कुचलने का काम किया गया. सनातन की आस्था को तोड़ने का काम किया गया. ज्ञानवापी, मथुरा का मंदिर आदि जगहों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई.
जैन ने कहा कि अध्ययन में पाया कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाकर आज भी उस कब्जे पर टिके रहकर कहना कि हमारा कब्जा है. इसका कारण सिर्फ देश में इस्लाम की ताकत दिखाना था और यह बताना कि हमारा कानून तुम्हारे कानून से ऊपर है.
जैन ने कहा कि आज सनातन समाज मैसेज देना चाहता है कि तुम मंदिर तोड़ दो, लेकिन यह सनातन समाज दोबारा उठेगा और मंदिर वहीं बनायेगा. अगर मंदिर तोड़ने से देवता का अस्तित्व खत्म होता तो सोमनाथ मंदिर दोबारा बनाने की जरूरत नहीं थी. हिंदू शाश्वत नियम का भी महत्व नहीं होता. उन्होंने कहा कि एक जगह जब देवता की स्थापना हो जाती है तो वह अनंत काल तक रहती है. राजा भी उसको नहीं ले सकता. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को औरंगजेब ने तोड़ा था. उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़ने के बाद भी हिंदू समाज उस तथाकथित मस्जिद की चौखट पर पूजा करते है. यह मानते है कि हमारे आराध्य यही अंदर है और मां सिंगार देवी की साल में एक बार पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के कुछ लोग कार्रवाई को रोकना चाहते हैं.
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अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी देवताओं के चिह्न मिले हैं. मूर्तियां, खंभे आदि कई चीज मिली. मस्जिद की गुम्मद के अंदर एक कैलेंडर लगा हुआ था और उस पर ज्ञानवापी मस्जिद लिखा था. जब उस कैलेंडर को उतार कर देखा तो उसके नीचे स्वास्तिक चिन्ह मिला. वहीं, वजू टैंक से जब पानी खाली कराया गया तो देवता वहां मौजूद दिखे. उन्होंने कहा कि हमारे शिवलिंग पर वजू किया जाता रहा. लेकिन, आज के बाद से शिवलिंग पर वजू नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने भी उस एरिया को सीज कर दिया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि जहां-जहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. हम उन सारी जगह की लड़ाई लड़ रहे हैं. अभी फिलहाल भोजशाला, टीले वाली मस्जिद, क़ुतुब मीनार, कृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी पर कानूनी कार्रवाई चल रही है. उन्होंने कहा कि जहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है वहां रिसर्च किया जा रहा है.
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