अलीगढ़: जेएन मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में लॉकडाउन में 587 रोगियों का उपचार किया गया. इसमें हाथ के आघात की 180 सर्जरी, 172 जलने के मामले, 45 सिर, नाक की चोटों और 88 निचले अंगों के मामलों का सफलतापूर्वक उपचार किया गया.
एएमयू के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में बुधवार को राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर इमरान अहमद ने इस दिवस की प्रासंगिकता एवं महत्व को उजागर किया.
राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस
प्रोफेसर इमरान अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस हर वर्ष 15 जुलाई को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है. इसका उद्देश्य यही है कि लोग प्लास्टिक सर्जरी के विज्ञान से न केवल परिचित हों, बल्कि इसके प्रति उनकी जागरूकता भी बढ़े. उन्होंने कहा कि लोगों में आम धारणा यही पायी जाती है कि प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल चेहरे और शरीर के अन्य अंगों को सुन्दर बनाने के लिए किया जाता है. यह केवल प्लास्टिक सर्जरी का एक भाग है. प्लास्टिक सर्जरी के कई अन्य महत्वपूर्ण पहलू हैं. इसका सबसे बड़ा कार्य यह है कि यह सभी स्तरों पर इंसानों की आवश्यकताओं को पूरा करता है. लोगों के भीतर आत्मविश्वास और उनके जीवन में खुशी लाने का कार्य भी करता है.
राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस के अवसर पर विभाग में मुख के कैंसर के उपचार पर एक ऑनलाइन सेमिनार के अलावा विभाग के परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मुख्य विभागों में से एक प्लास्टिक सर्जरी विभाग के चिकित्सक कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद से 24 घंटे कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा रोगियों को ऑनलाइन टेलीमेडीसिन परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है. प्रोफेसर इमरान अहमद और डॉ. फहद खुर्रम मेडिकल कॉलेज के फ्लू फीवर क्लीनिक में अपनी सेवायें प्रदान कर रहे हैं. प्रोफेसर इमरान अहमद ने बताया कि यह सब कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर के अथक प्रयासों और उनके सहयोग से ही संभव हो सका है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन आरंभ होने के बाद से प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा 587 रोगियों का उपचार किया गया. केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार उचित सावधानी बरतते हुए आपातकालीन सर्जरी भी अंजाम दी जा रही है.