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आगराः 21 जून से लापता युवक की हत्या, आरोपियों ने पीपीई किट में जला दी लाश

गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि सचिन को फिरौती के लिए अगवा किया गया था, लेकिन सचिन ने अपने एक मित्र को पहचान लिया था. वह मित्र एक बड़े कारोबारी का बेटा है. मामला खुले न इसलिए उसकी हत्या कर दी गई. पीपीई किट का इस्तेमाल इसलिए किया गया था, जिससे किसी को शक न हो.

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Published : Jun 28, 2021, 9:21 AM IST

आगरा में युवक की हत्या
आगरा में युवक की हत्या

आगराः बीते 21 जून से लापता शीतगृह के मालिक के इकलौते बेटे के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि युवक को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया गया. यही नहीं पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने युवक की लाश को पीपीई किट में रख कर बल्केश्वर घाट पर जला दिया. दरअसल, मामले में पुलिस को रविवार देर रात कुछ अहम सुराग मिले थे, जिसके बाद 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. मामला फिरौती से जुड़ा है. इस वारदात में शहर के एक बड़े व्यापारी का पुत्र भी शामिल है.

21 जून को लापता हुआ था सचिन

बता दें कि शीतग्रह स्वामी सुरेश चौहान का इकलौता बेटा सचिन चौहान (25) थाना न्यू आगरा क्षेत्र के दयालबाग से 21 जून को लापता हो गया था. सचिन अपनी मां से बाहर घूमने जाने की बात कह कर घर से निकला था. वह हर रोज अपने मित्रों के साथ दोपहर में घूमने जाता था, लेकिन 21 जून को देर रात तक जब सचिन घर नहीं लौटा तो घर वाले परेशान हो गए.

सचिन की उसके दोस्तों, परिचितों और रिश्तेदारी में खोज की गई, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. पिता सुरेश चौहान ने 21 जून को थाना न्यू आगरा में अपने लापता बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. पुलिस ने सचिन को ढूंढने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन भी किया था. सचिन के पिता मूलरूप से बरहन के रूप धनु गांव के निवासी है, जो वर्तमान में दयालबाग के जयराम बाग में रहते हैं. उनका गांव रूप धनु में एसएस शीतगृह भी है. इसके साथ सुरेश जिला पंचायत में ठेकेदारी भी करते थे. इन दोनों कामों में उनका बेटा सचिन भी उनका हाथ बंटाता था.

पढ़ें- हरदोई में चुनावी रंजिश को लेकर युवक की बेरहमी से हत्या

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी कमला नगर और दयालबाग क्षेत्र के रहने वाले हैं. बता दें कि रविवार रात को गिरोह का एक सदस्य मोबाइल के लिए सिम खरीदने जा रहा था. जिसको पुलिस ने धर दबोचा. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पीपीई किट में जला दी लाश

पुलिस की माने तो गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि सचिन को फिरौती के लिए अगवा किया गया था, लेकिन सचिन ने अपने एक मित्र को पहचान लिया था. वह मित्र एक बड़े कारोबारी का बेटा है. उसकी दोस्ती सचिन से थी. भेद खुलने के डर से सचिन की गला दबाकर हत्या कर दी थी ओर उसके शव को पीपीई किट में रख कर बल्केश्वर घाट पर जला दिया गया था. पीपीई किट का इस्तेमाल इसलिए किया गया था, जिससे किसी को शक न हो. लोगो को लगे किसी कोरोना मरीज की डेडबॉडी है.

हत्या के बाद भी फिरौती लेना चाहते थे हत्यारे !

देर रात सचिन के हत्यारों तक पहुंची थाना न्यू आगरा पुलिस ने आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की. पुलिस को शक है कि सचिन की निर्मम हत्या के बाद भी उसके परिजनों को गुमराह कर फिरौती लेने के लिए आरोपी प्लान बना रहे थे, जिसके लिए एक नई सिम खरीदी जा रही थी. सचिन को अगवा कर जहां रखा गया था, वहां से आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस एक्सपर्ट की मदद से साक्ष्य जुटा रही है.

आगराः बीते 21 जून से लापता शीतगृह के मालिक के इकलौते बेटे के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि युवक को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया गया. यही नहीं पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने युवक की लाश को पीपीई किट में रख कर बल्केश्वर घाट पर जला दिया. दरअसल, मामले में पुलिस को रविवार देर रात कुछ अहम सुराग मिले थे, जिसके बाद 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. मामला फिरौती से जुड़ा है. इस वारदात में शहर के एक बड़े व्यापारी का पुत्र भी शामिल है.

21 जून को लापता हुआ था सचिन

बता दें कि शीतग्रह स्वामी सुरेश चौहान का इकलौता बेटा सचिन चौहान (25) थाना न्यू आगरा क्षेत्र के दयालबाग से 21 जून को लापता हो गया था. सचिन अपनी मां से बाहर घूमने जाने की बात कह कर घर से निकला था. वह हर रोज अपने मित्रों के साथ दोपहर में घूमने जाता था, लेकिन 21 जून को देर रात तक जब सचिन घर नहीं लौटा तो घर वाले परेशान हो गए.

सचिन की उसके दोस्तों, परिचितों और रिश्तेदारी में खोज की गई, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. पिता सुरेश चौहान ने 21 जून को थाना न्यू आगरा में अपने लापता बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. पुलिस ने सचिन को ढूंढने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन भी किया था. सचिन के पिता मूलरूप से बरहन के रूप धनु गांव के निवासी है, जो वर्तमान में दयालबाग के जयराम बाग में रहते हैं. उनका गांव रूप धनु में एसएस शीतगृह भी है. इसके साथ सुरेश जिला पंचायत में ठेकेदारी भी करते थे. इन दोनों कामों में उनका बेटा सचिन भी उनका हाथ बंटाता था.

पढ़ें- हरदोई में चुनावी रंजिश को लेकर युवक की बेरहमी से हत्या

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी कमला नगर और दयालबाग क्षेत्र के रहने वाले हैं. बता दें कि रविवार रात को गिरोह का एक सदस्य मोबाइल के लिए सिम खरीदने जा रहा था. जिसको पुलिस ने धर दबोचा. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पीपीई किट में जला दी लाश

पुलिस की माने तो गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि सचिन को फिरौती के लिए अगवा किया गया था, लेकिन सचिन ने अपने एक मित्र को पहचान लिया था. वह मित्र एक बड़े कारोबारी का बेटा है. उसकी दोस्ती सचिन से थी. भेद खुलने के डर से सचिन की गला दबाकर हत्या कर दी थी ओर उसके शव को पीपीई किट में रख कर बल्केश्वर घाट पर जला दिया गया था. पीपीई किट का इस्तेमाल इसलिए किया गया था, जिससे किसी को शक न हो. लोगो को लगे किसी कोरोना मरीज की डेडबॉडी है.

हत्या के बाद भी फिरौती लेना चाहते थे हत्यारे !

देर रात सचिन के हत्यारों तक पहुंची थाना न्यू आगरा पुलिस ने आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की. पुलिस को शक है कि सचिन की निर्मम हत्या के बाद भी उसके परिजनों को गुमराह कर फिरौती लेने के लिए आरोपी प्लान बना रहे थे, जिसके लिए एक नई सिम खरीदी जा रही थी. सचिन को अगवा कर जहां रखा गया था, वहां से आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस एक्सपर्ट की मदद से साक्ष्य जुटा रही है.

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