आगरा: सरोजिनी नायडू (एसएन) मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक महिला ने मंगलवार को अपने डेढ़ महीने के बच्चे को बेचने के लिए सरेआम बोली लगाई. जब उसने बच्चे को बेचने के लिए आवाज लगाई तो वहां भीड़ जुट गई. इस बीच एक महिला खरीदार भी आ गई और उसने बच्चे की कीमत 10 हजार रुपये लगा दी. पति की आदत और गरीबी से तंग महिला ने अपने जिगर के टुकड़े का सरेआम सौदा कर लिया. इस घटनाक्रम के बीच बच्चे को बेचे जाने की खबर आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस को मिली. वह मौके पर पहुंचे और पुलिस की मदद से बच्चे की खरीद-फरोख्त पर रोक लगवा दी.
पति शराबी, घर में खाना नहीं, बेचने लगी बेटे को
पुलिस के अनुसार, एमजी रोड स्थित एस.एन हॉस्पिटल में मंगलवार को जो महिला अपने बच्चे को बेच रही थी, उसका नाम पिंकी है. वह सदर थाना क्षेत्र के नंदपुरा गोपालपुरा की रहने वाली है. उसके दो बच्चे हैं. उसका पति जूते का कारीगर है. पिंकी का कहना है कि उसका पति शराब का आदी है और परिवार की देखरेख नहीं करता है. घर में आर्थिक तंगी है. पिंकी ने तबियत खराब होने के बाद अपने डेढ़ महीने के बच्चे को सरोजिनी नायडू हॉस्पिटल में एडमिट कराया था. पिंकी की तकलीफ उस समय और बढ़ गई, जब पति ने बच्चे के इलाज में भी मदद नहीं की. कई दिनों तक वह बिना किसी की मदद के हॉस्पिटल के चक्कर काटती रही. मंगलवार को पिंकी के धैर्य ने जवाब दे दिया, इसलिए बेबसी में उसने अपने दुधमुंहे को बेचने का फैसला किया.
...जब बच्चे को ले जाने लगी खरीदार महिला
एसएन हॉस्पिटल में जब उसने बच्चे को बेचने के लिए खुलेआम आवाज लगाई, वहां मौजूद हर आदमी दंग रह गया. वहां भीड़ लग गई. खबर तेजी से इलाके में फैली तो आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस भी मौके पर पहुंचे. नरेश ने बताया कि जब वह पहुंचे तब एक महिला बच्चे को ले जा रही थी. पूछने पर खरीदार महिला ने बताया कि उसने बच्चे की मां को इसके एवज में पैसे दिए है और बच्चे को कपड़े दिए हैं. नरेश पारस ने जब महिला को बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया के बारे में बताया तो वह सकपका गई.
112 नंबर ने दिया धोखा, थाना प्रभारी ने की आर्थिक मदद
आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस ने इस पूरे मामले के बारे में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी. हालांकि जब उन्होंने 112 पर कॉल किया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला. जिलाधिकारी और एसएसपी ने भी कॉल पिक नहीं किया. अंत में एसपी सिटी से बात हुई. एसपी सिटी ने थाना एमएम गेट को इस पूरे मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए. एसपी सिटी से निर्देश मिलने के बाद एमएम गेट थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य भी पिंकी के पास आए. उन्होंने पिंकी को समझाया और बच्चे को इलाज के लिए दोबारा भर्ती कराया. वहीं सदर थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने महिला को अपनी जेब से 11000 रुपये की सहायता राशि दी.