आगरा: कोरोना महामारी से अकेला ताजनगरी ही नहीं बल्कि पूरा देश जूझ रहा है. इस महामारी की चपेट में आने से कई लोगों ने अपनों को खो दिया है. वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती कराने के बाद आज तक एक ग्लास पानी के लिए भी नहीं पूछा. इस महामारी ने अपने और परायों के बीच में लोगों को फर्क बता दिया.
वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो निस्वार्थ जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. आगरा जिला अस्पताल की महिला कुक भी दिन-रात कोविड मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं. ETV भारत की टीम इन महिला कुक से बात की. जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे हाथ का स्वादिष्ट भोजन खाकर मरीज जल्द ठीक हो सकेंगे.
आगरा जिला अस्पताल में तैनात महिला कुक अमरजीत कौर ने बताया कि पिछले दो साल से वह यहां पर काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में काम कर रही सभी महिला कुक खाना बनाने के काम को अपनी ड्यूटी नहीं बल्कि सेवा करने का काम समझती हैं. वे सभी सेवा भाव के साथ खाना बनाती हैं. उनको दृढ़ विश्वास रहता है कि उनके हाथ का बना खाना खाने से सभी कोविड मरीज स्वस्थ होकर अपने घर को जाएंगे. इसलिए सभी अपनी ड्यूटी को ही सेवा मानकर यह कार्य करती हैं. इससे उनके दिल को बहुत खुशी मिलती है.
परिजन मरीजों को पानी भी नहीं पूछते
एक और कुक रानी देवी बताती हैं कि वह पिछले 10 साल से यहां पर खाना बनाने का काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान बहुत से ऐसे मरीज भी आते हैं जिनके अपने उनको पानी तक की भी नहीं पूछते. ऐसे लोगों की सेवा करने का भाव हमारे अंदर और बढ़ जाता है. इसलिए परिवार वाले की तरह ही यहां की कुक मरीजों के लिए खाना बनातीं हैं.
इसे भी पढ़ें- योगी सरकार का फैसला, यूपी में पोस्ट कोविड मरीजों को मिलेगा मुफ्त इलाज
हमारे यहां जो कर्मचारी हैं ये रोज रसोई में खाना बनाने के लिए आते हैं. बहुत अच्छे से इनका सहयोग हमे मिलता है. खाना बनाते समय सफाई का भी विशेष ध्यान रखते हैं.इस बीच थोड़ी देर के लिए आराम भी मिलता है इन्हें. ये सुबह शाम मरीजों के लिए खाना बनाने के लिए आते हैं. जैसे पेशेंट हों उस तरह से ये काम करते हैं. रोज इनके द्वारा पौष्टिक खाना बनता है.
-अनीता गुप्ता, कर्मचारी