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1.36 करोड़ की लूट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, बोला-बहनों की शादी के लिए दिया था वारदात को अंजाम

आगरा में ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Bricks India Pvt Ltd company in Agra) में लूट का खुलासा कर पुलिस ने मुख्य आरोपी विवेक को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इस वारदात में शामिल 7 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

लूट के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद डीसीपी सिटी जोन ने बताया
लूट के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद डीसीपी सिटी जोन ने बताया
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Published : Jan 6, 2023, 8:17 PM IST

लूट के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद डीसीपी सिटी जोन ने बताया

आगराः जनपद की पुलिस ने 1.36 करोड़ रुपये की लूट का खुलासा कर 25 हजार रुपये के इनामी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी के पास से 10 लाख रुपए, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड समेत अन्य सामानों को भी जब्त किया है. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कर्जा उतारने और बहनों की शादियों के लिए वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले में ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Bricks India Pvt Ltd company in Agra) के शाखा प्रबंधक शशि पाल यादव ने रकाबगंज थाना में कर्मचारी विवेक कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

डीसीपी सिटी जोन विकास कुमार ने बताया कि ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Bricks India Pvt Ltd company in Agra)) के शाखा प्रबंधक शशि पाल यादव ने पुलिस में तहरीर दी थी कि उसका प्राइवेट कंपनियों जैसे टोरेंट पावर, वोडाफोन, डीएचएल समेत अन्य कंपनियों के कैश कलेक्शन करती है. फिर कैश को बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा करेंसी चेस्ट में जमा कराया जाता है. कई साल यह काम कर्मचारी विवेक कुमार कर रहा था. 27 दिसंबर को कंपनी की गाड़ी से कर्मचारी विवेक कुमार, पुष्पेंद्र, बॉबी यादव, गनमैन केशव, रामनिवास और चालक राजवीर बैंक की शाखा में कैश जमा करने गए थे. कंपनी के 1.36 करोड़ रुपये से भरा बक्सा कर्मचारियों ने विवेक कुमार को दे दिया. कैश जमा करने के लिए उसे बैंक की शाखा पर छोड़ दिया. मगर, विवेक कुमार ने कैश जमा करने की कंपनी को सूचना नहीं दी. कंपनी के अधिकारी ने बैंक की शाखा प्रबंधक से संपर्क किया तो पता चला कि विवेक ने कैश जमा ही नहीं किया है. जब बैंक की शाखा के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो विवेक बक्से से कैश निकालकर एक बोरे में भरता दिखा. फिर वह बाइक से बोरे में भरे रुपये को लेकर चला गया है. पुलिस की टामें तहरीर के आधार पर उसकी तलाश में जुटी गई थी. पुलिस ने उसपर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था.

डीसीपी सिटी जोन विकास कुमार ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित विवेक कुमार ने बताया कि सन 2019 में ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में जूनियर एग्जीक्यूटिव पद पर नौकरी पर लगा था. कंपनी की ओर से किए गए कैश को बैंक में जमा कराने की जिम्मेदारी थी. मुझ पर ज्यादा कर्जा हो गया था. दो बहनें भी शादी के लिए हैं. इसलिए वह परेशान रहता था. बहनों की शादी का उसपर दवाब था. इसलिए लूट की योजना बनाई थी. विवेक कुमार ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार अमित से मिला. इसके बाद 25 दिसंबर 2022 को अमित, राज कपूर और महेश कुमार से मिला था. सभी ने शराब पी और वारदात की प्लानिंग हुई. फिर 26 दिसंबर 2022 को सभी मिले और वारदात के बाद शहर से भागने की प्लानिंग हुई थी. फिर 27 दिसंबर 2022 को मैंने वारदात को अंजाम दिया था. कैश लेकर सबसे पहले बिजली घर स्थित अपने ममेरे भाई अमित के पास पहुंचा था. जिसमें आधा पैसे उसने अपने ममेरे भाई अमित और दोस्त राजकुमार को दिए थे. इन रुपयों का अमित और उसके दोस्त राजकुमार व महेश में बंटवारा हुआ था. कैश में से अमित ने अपने पिता लाखन को 3 लाख 5 हजार रुपये दिए थे. अमित अपनी भांजी की मदद से अपनी बहन सविता के घर पंहुचा था. उसने बहन को 30 लाख रुपये दिए थे.वहीं उसके दोस्त राजकुमार को हिस्सेदारी के 13 लाख 75 हजार रुपये मिले थे. अमित के दूसरे दोस्त महेश के हिस्से में 15 लाख रुपये आये थे. जिसमें उसने अपने मौसा भूरी सिंह को 8 लाख रुपये दिए थे.


डीसीपी सिटी जोन विकास कुमार ने बताया कि गिरफ्तार विवेक कुमार से 10 लाख रुपए बरामद हुए हैं. पहले ही आरोपी विवेक के 7 मददगार लोगों को जेल भेज दिया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है. उसका कहना है कि करीब 21 लाख रुपए लेकर गया था. जिसमें सिक्का भी थे. वह ट्रेन से भागा था. अब परिवार से मिलने आया था तभी पुलिस ने दबोच लिया. इससे पहले पुलिस टीम ने 85 लाख रुपये बरामद करके मुख्य आरोपी विवेक के सात मददगारों को जेल भेज दिया था.


यह भी पढ़ें- दुकान के सामने पेशाब करने से मना करने पर गुस्साए कांग्रेस नेता, दुकानदार को मारी 3 गोली

लूट के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद डीसीपी सिटी जोन ने बताया

आगराः जनपद की पुलिस ने 1.36 करोड़ रुपये की लूट का खुलासा कर 25 हजार रुपये के इनामी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी के पास से 10 लाख रुपए, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड समेत अन्य सामानों को भी जब्त किया है. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कर्जा उतारने और बहनों की शादियों के लिए वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले में ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Bricks India Pvt Ltd company in Agra) के शाखा प्रबंधक शशि पाल यादव ने रकाबगंज थाना में कर्मचारी विवेक कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

डीसीपी सिटी जोन विकास कुमार ने बताया कि ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Bricks India Pvt Ltd company in Agra)) के शाखा प्रबंधक शशि पाल यादव ने पुलिस में तहरीर दी थी कि उसका प्राइवेट कंपनियों जैसे टोरेंट पावर, वोडाफोन, डीएचएल समेत अन्य कंपनियों के कैश कलेक्शन करती है. फिर कैश को बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा करेंसी चेस्ट में जमा कराया जाता है. कई साल यह काम कर्मचारी विवेक कुमार कर रहा था. 27 दिसंबर को कंपनी की गाड़ी से कर्मचारी विवेक कुमार, पुष्पेंद्र, बॉबी यादव, गनमैन केशव, रामनिवास और चालक राजवीर बैंक की शाखा में कैश जमा करने गए थे. कंपनी के 1.36 करोड़ रुपये से भरा बक्सा कर्मचारियों ने विवेक कुमार को दे दिया. कैश जमा करने के लिए उसे बैंक की शाखा पर छोड़ दिया. मगर, विवेक कुमार ने कैश जमा करने की कंपनी को सूचना नहीं दी. कंपनी के अधिकारी ने बैंक की शाखा प्रबंधक से संपर्क किया तो पता चला कि विवेक ने कैश जमा ही नहीं किया है. जब बैंक की शाखा के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो विवेक बक्से से कैश निकालकर एक बोरे में भरता दिखा. फिर वह बाइक से बोरे में भरे रुपये को लेकर चला गया है. पुलिस की टामें तहरीर के आधार पर उसकी तलाश में जुटी गई थी. पुलिस ने उसपर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था.

डीसीपी सिटी जोन विकास कुमार ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित विवेक कुमार ने बताया कि सन 2019 में ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में जूनियर एग्जीक्यूटिव पद पर नौकरी पर लगा था. कंपनी की ओर से किए गए कैश को बैंक में जमा कराने की जिम्मेदारी थी. मुझ पर ज्यादा कर्जा हो गया था. दो बहनें भी शादी के लिए हैं. इसलिए वह परेशान रहता था. बहनों की शादी का उसपर दवाब था. इसलिए लूट की योजना बनाई थी. विवेक कुमार ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार अमित से मिला. इसके बाद 25 दिसंबर 2022 को अमित, राज कपूर और महेश कुमार से मिला था. सभी ने शराब पी और वारदात की प्लानिंग हुई. फिर 26 दिसंबर 2022 को सभी मिले और वारदात के बाद शहर से भागने की प्लानिंग हुई थी. फिर 27 दिसंबर 2022 को मैंने वारदात को अंजाम दिया था. कैश लेकर सबसे पहले बिजली घर स्थित अपने ममेरे भाई अमित के पास पहुंचा था. जिसमें आधा पैसे उसने अपने ममेरे भाई अमित और दोस्त राजकुमार को दिए थे. इन रुपयों का अमित और उसके दोस्त राजकुमार व महेश में बंटवारा हुआ था. कैश में से अमित ने अपने पिता लाखन को 3 लाख 5 हजार रुपये दिए थे. अमित अपनी भांजी की मदद से अपनी बहन सविता के घर पंहुचा था. उसने बहन को 30 लाख रुपये दिए थे.वहीं उसके दोस्त राजकुमार को हिस्सेदारी के 13 लाख 75 हजार रुपये मिले थे. अमित के दूसरे दोस्त महेश के हिस्से में 15 लाख रुपये आये थे. जिसमें उसने अपने मौसा भूरी सिंह को 8 लाख रुपये दिए थे.


डीसीपी सिटी जोन विकास कुमार ने बताया कि गिरफ्तार विवेक कुमार से 10 लाख रुपए बरामद हुए हैं. पहले ही आरोपी विवेक के 7 मददगार लोगों को जेल भेज दिया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है. उसका कहना है कि करीब 21 लाख रुपए लेकर गया था. जिसमें सिक्का भी थे. वह ट्रेन से भागा था. अब परिवार से मिलने आया था तभी पुलिस ने दबोच लिया. इससे पहले पुलिस टीम ने 85 लाख रुपये बरामद करके मुख्य आरोपी विवेक के सात मददगारों को जेल भेज दिया था.


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