आगरा: जिले के फतेहपुर सीकरी बार्डर पर बीते दिन बसें लेकर पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को बुधवार दिन भर हंगामे के बाद जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां उन्हें और अन्य दो नामजद पूर्व एमएलसी को 20-20 हजार के निजी मुचलके पर 16 जुलाई तक के लिए अग्रिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
जमानत पर रिहा होने के बाद अजय कुमार लल्लू को लखनऊ पुलिस कार से लखनऊ लेकर चली गई. इस दौरान दीवानी के दरवाजे से गाड़ी निकलते ही कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा काटा और गाड़ियों के आगे लेट गए. अचानक कांग्रेसियों के इस कदम से पुलिस के होश उड़ गए और हंगामे और नोकझोंक में कई कांग्रेसी व पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए.
सरकार पर लगाया तानाशाही का आरोप
लखनऊ में भी उन पर और प्रियंका गांधी के निजी सचिव पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज है. इस दौरान अजय कुमार लल्लू ने मीडिया से बातचीत में सरकार द्वारा तानाशाही करने का आरोप लगाया. जेल से न डरने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सत्ता के अहंकार में मजदूरों पर राजनीति न करने की सलाह देते हुए बसों को लेने की अपील की है. बता दें कि प्रियंका गांधी द्वारा 1000 बसें यूपी सरकार को देने की बात के बाद मजदूरों को घर भेजने के मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गयी थी. इसके बाद मंगलवार दोपहर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और राजस्थान सरकार के राज्यमंत्री द्वारा बसों को आगरा-राजस्थान बॉर्डर पर जिले के फतेहपुर सीकरी कस्बा के ऊंचा गांव पर लाकर खड़ा कर दिया. परमिशन न होने के चलते यहां यूपी पुलिस ने बसों को प्रवेश करने से रोक दिया गया था.
इसके बाद कांग्रेसियों ने जब वहीं प्रदर्शन शुरू किया तो अजय कुमार लल्लू को हिरासत में लेते हुए आगरा पुलिस लाइन ले आई. देर रात एसएसपी बबलू कुमार ने अजय कुमार लल्लू और अलीगढ़ निवासी पूर्व एमएलसी पर धारा 188,269 आईपीसी व 3/4 महामारी एक्ट में नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया. सारी रात और पूरा दिन कांग्रेसी लगातार पुलिस लाइन के बाहर डटे रहे और जब पुलिस ने चुपचाप उन्हें मेडिकल के लिए भेजा तो सारे कांग्रेसी दीवानी आकर डट गए और नारेबाजी करने लगे.
एसपी सिटी ने कोर्ट में किया पेश
इसी बीच एसपी सिटी बोत्रे रोहण प्रमोद उन्हें लेकर दीवानी पहुंचे और यहां उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय अनुकृति संत के समक्ष पेश किया. पुलिस द्वारा दर्ज दो नामजद और पांच अज्ञात में से एक कि पहचान पूर्व एमएलसी कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर के रूप में करते हुए उन्हें भी न्यायालय लाया गया और न्यायालय ने उन्हें 20 हजार प्रति व्यक्ति के निजी मुचलके पर आगामी 16 जुलाई तक के लिए अग्रिम जमानत दे दी. न्यायालय ने लॉकडाउन खुलने पर 16 जुलाई को उन्हें अदालत के सम्मुख पेश होने के बाद पूर्ण जमानत की कार्यवाही करने का आदेश दिया है.
न्यायालय से निकलने के बाद अजय कुमार लल्लू मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. उनका कहना था कि सरकार तानाशाही कर रही है. उन्हें जेल भेज दिया जाए वो नहीं डरते हैं. जन संघर्ष में मुकदमा उनके लिए इनाम है. सरकार बसें ले ले चाहे अपने पोस्टर लगा दे पर मज़दूरों को घर छुड़वाए. इन्हीं मजदूरों के जनाधार ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है. उनके साथ सरकार ऐसा क्यों कर रही है.
मजदूर बॉर्डरों पर लाठी खा रहा है.आपकी पुलिस उन्हें पीट रही है. बसों के चार बजे तक इस्तेमाल न किये जाने पर बस वापसी के अल्टीमेटम की उन्होंने जानकारी न होने की बात कही.
लखनऊ पुलिस लेकर गई अपने साथ
यहां से उन्हें सीधा लखनऊ पुलिस के हवाले कर दिया गया, जैसे ही पुलिस उन्हें बाहर लेकर निकली तो एनएसयूआई के पदाधिकारियों और कांग्रेस के स्थानीय नेता उनकी कार के आगे लेट गए और लल्लू को रिहा करने की मांग करने लग गए.
इस दौरान पुलिस को उन्हें अलग-थलग करना पड़ा. जमकर हंगामे के बाद पुलिस जैसे-तैसे उन्हें लेकर लखनऊ रवाना हो गई. इस दौरान कई कांग्रेसियों और पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं. इस प्रकरण पर पुलिस ने अभी कोई बयान नहीं दिया है पर ऐसा माना जा रहा है कि रात तक पुलिस कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के ऊपर भी मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई करेगी .