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आगरा: नवनिर्वाचित बार काउंसिल अध्यक्ष का पहले किया सम्मान, फिर गोली मारकर की हत्या - agra police

यूपी बार काउंसिल की चेयरपर्सन दरवेश कुमारी यादव की बुधवार को उनके साथी अधिवक्ता ने गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी. इस घटना के बाद से अधिवक्ताओं में दुख की लहर दौड़ गई है. वहीं पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

जांच में जुटी पुलिस.
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Published : Jun 12, 2019, 8:21 PM IST

Updated : Jun 12, 2019, 8:31 PM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष कुमारी दरवेश कुमारी यादव की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. दरअसल अध्यक्ष बनने के बाद कचहरी में ढोल-ताशों के साथ घूम-घूमकर अधिवक्ताओं को धन्यवाद दे रही थीं. इसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनका सबसे करीबी पार्टनर अधिवक्ता था, जिसने पहले तो दरवेश का सम्मान किया, फिर थोड़ी देर बाद चैंबर में घुसकर उसने दरवेश को गोलियों से छलनी कर दिया, साथ ही खुद को भी गोली मार ली.

जांच में जुटी पुलिस.

पहले किया सम्मान, उसके बाद मारी गोली

  • चुनाव के शुरू होने से पहले ही दोनों के बीच की दूरियां सार्वजनिक हो गई थीं.
  • दोनों के चैंबर अलग हो गए थे, बुधवार को जब दरवेश कचहरी में समर्थकों संग सबका धन्यवाद कर रही थीं, इसी दौरान मनीष ने पहले उनका जोरदार स्वागत किया.
  • चैंबर में मुंह मीठा किए जाने के दौरान मनीष ने अचानक लाइसेंसी पिस्टल से दरवेश कुमारी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी.
  • पहली गोली सीने में, दूसरी पेट और तीसरी माथे पर मारने के बाद उसने खुद की कनपटी पर पिस्टल लगाकर गोली मार ली.
  • गंभीर हालत में दोनों को अलग-अलग अस्पताल ले जाया गया.
  • दरवेश को जहां अस्पताल पहुंचते ही मृत घोषित कर दिया गया, तो मनीष को गंभीर हालात में दिल्ली के अपोलो अस्पताल भेजा गया है.
  • घटना की गंभीरता को देखते हुए फोर्स मौके पर पहुंच गया.
  • खुद एडीजी अजय आनन्द भी मौके पर पहुंच गए और हालात का जायजा लिया.
  • फिलहाल, अभी हत्या की असली वजह के बारे में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है, पर अंदरखाने में चर्चाओं का बाजार गर्म है.

दरवेश और मनीष एक साथ करते थे प्रैक्टिस

  • मूल रूप से एटा की रहने वाली कुमारी दरवेश ने आगरा कालेज से एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई की थी.
  • कुमारी दरवेश 2004 से दीवानी में प्रैक्टिस शुरू की थीं.
  • दरवेश ने अपने कुशल नेतृत्व के जरिए अधिवक्ताओं में अपनी अलग पहचान बना ली थी.
  • दरवेश की नजदीकियां मनीष शर्मा नाम के अधिवक्ता से हुई थी.
  • मनीष और दरवेश ने एक-दूसरे के चैंबर के बीच की दीवार तुड़वाकर एक कर दी थी.
  • दोनों एक साथ ही प्रैक्टिस करते थे और दोनों ने साथ ही बार काउंसिल की राजनीति शुरू की थी.

9 जून को बनीं पहली महिला अध्यक्ष

  • दरवेश पहले बार काउंसिल की सदस्य बनीं और फिर 2017 में उन्हें बार काउंसिल का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया.
  • इसके बाद 9 जून को इलाहाबाद में हुए बार काउंसिल के चुनाव में दरवेश और हरिशंकर सिंह को 12 -12 मत मिले.
  • रजामंदी से दोनों को 6-6 माह के लिए अध्यक्ष पद पर रहने की सहमति भी बन गई.
  • दरअसल दरवेश पिछड़ा वर्ग से और पश्चिमी यूपी से पहली अध्यक्ष थीं, जिससे उनका नाम काफी ऊपर जा रहा था.

आगरा: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष कुमारी दरवेश कुमारी यादव की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. दरअसल अध्यक्ष बनने के बाद कचहरी में ढोल-ताशों के साथ घूम-घूमकर अधिवक्ताओं को धन्यवाद दे रही थीं. इसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनका सबसे करीबी पार्टनर अधिवक्ता था, जिसने पहले तो दरवेश का सम्मान किया, फिर थोड़ी देर बाद चैंबर में घुसकर उसने दरवेश को गोलियों से छलनी कर दिया, साथ ही खुद को भी गोली मार ली.

जांच में जुटी पुलिस.

पहले किया सम्मान, उसके बाद मारी गोली

  • चुनाव के शुरू होने से पहले ही दोनों के बीच की दूरियां सार्वजनिक हो गई थीं.
  • दोनों के चैंबर अलग हो गए थे, बुधवार को जब दरवेश कचहरी में समर्थकों संग सबका धन्यवाद कर रही थीं, इसी दौरान मनीष ने पहले उनका जोरदार स्वागत किया.
  • चैंबर में मुंह मीठा किए जाने के दौरान मनीष ने अचानक लाइसेंसी पिस्टल से दरवेश कुमारी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी.
  • पहली गोली सीने में, दूसरी पेट और तीसरी माथे पर मारने के बाद उसने खुद की कनपटी पर पिस्टल लगाकर गोली मार ली.
  • गंभीर हालत में दोनों को अलग-अलग अस्पताल ले जाया गया.
  • दरवेश को जहां अस्पताल पहुंचते ही मृत घोषित कर दिया गया, तो मनीष को गंभीर हालात में दिल्ली के अपोलो अस्पताल भेजा गया है.
  • घटना की गंभीरता को देखते हुए फोर्स मौके पर पहुंच गया.
  • खुद एडीजी अजय आनन्द भी मौके पर पहुंच गए और हालात का जायजा लिया.
  • फिलहाल, अभी हत्या की असली वजह के बारे में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है, पर अंदरखाने में चर्चाओं का बाजार गर्म है.

दरवेश और मनीष एक साथ करते थे प्रैक्टिस

  • मूल रूप से एटा की रहने वाली कुमारी दरवेश ने आगरा कालेज से एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई की थी.
  • कुमारी दरवेश 2004 से दीवानी में प्रैक्टिस शुरू की थीं.
  • दरवेश ने अपने कुशल नेतृत्व के जरिए अधिवक्ताओं में अपनी अलग पहचान बना ली थी.
  • दरवेश की नजदीकियां मनीष शर्मा नाम के अधिवक्ता से हुई थी.
  • मनीष और दरवेश ने एक-दूसरे के चैंबर के बीच की दीवार तुड़वाकर एक कर दी थी.
  • दोनों एक साथ ही प्रैक्टिस करते थे और दोनों ने साथ ही बार काउंसिल की राजनीति शुरू की थी.

9 जून को बनीं पहली महिला अध्यक्ष

  • दरवेश पहले बार काउंसिल की सदस्य बनीं और फिर 2017 में उन्हें बार काउंसिल का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया.
  • इसके बाद 9 जून को इलाहाबाद में हुए बार काउंसिल के चुनाव में दरवेश और हरिशंकर सिंह को 12 -12 मत मिले.
  • रजामंदी से दोनों को 6-6 माह के लिए अध्यक्ष पद पर रहने की सहमति भी बन गई.
  • दरअसल दरवेश पिछड़ा वर्ग से और पश्चिमी यूपी से पहली अध्यक्ष थीं, जिससे उनका नाम काफी ऊपर जा रहा था.
Intro:उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष कुमारी दरवेश यादव की आज उस समय गोली मार कर हत्या कर दी गयी जब वो अध्यक्ष बंनने के बाद आज दीवानी में ढोल ताशो के साथ घूम घूम कर अधिवक्ताओं को धन्यवाद दे रही थी।उनकी हत्या करने वाला कोई और नही उनका सबसे करीबी पार्टनर अधिवक्ता था।जिसने पहले दरवेश का सम्मान किया और फिर थोड़ी देर बाद अधिवक्ता के चैंबर में उसने दरवेश को गोलियों से छलनी करने के बाद खुद को भी गोली मार ली।दरवेश को जब अस्पताल ले जाया गया तो उनकी मृत्यु हो चुकी थी और घायल अवस्था मे आरोपी अधिवक्ता को दिल्ली अपोलो रेफर किया है जहां उसकी हालत भी चिंताजनक बनी हुई है।घटना के बाद से अधिवक्ताओं में दुख की लहर दौड़ गयी है।फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।


Body:मूल रूप से एटा की रहने वाली कुमारी दरवेश ने आगरा कालेज से एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई की थी और 2004 से दीवानी में प्रैक्टिस शुरू की थी।दरवेश ने अपने कुशल नेतृत्व के जरिये अधिवक्ताओं में अपनी अलग जगह बना ली थी।समाजवादी पार्टी के एक चाचा का उनके परिवार पर विशेष हाथ था।दरवेश की नजदीकियां मनीष शर्मा नामक अधिवक्ता से हुई थी।मनीष और दरवेश ने एक दूसरे के चैंबर के बीच की दीवार तुड़वा कर एक कर दी थी।दोनों एक साथ ही प्रैक्टिस करते थे और दोनों ने साथ ही बार काउंसिल की राजनीति शुरू करी थी।दरवेश पहले बार काउंसिल की सदस्य बनी और फिर 2017 में उन्हें बार काउंसिल का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया।इसके बाद 9 जून को इलाहाबाद में हुए बार काउंसिल के चुनाव में दरवेश और हरिशंकर सिंह को 12 -12 मत मिले और फिर रजामंदी से दोनों को छह छह माह के लिए अध्यक्ष पद पर रहने की सहमति हो गयी और दरवेश पहले अध्यक्ष बन गयी।दरवेश पिछड़ा वर्ग से और पश्चिमी यूपी से पहली अध्यक्ष थी तो उनका नाम भी काफी ऊपर जा रहा था।चुनाव के शुरू होने से पहले ही उनकी साथी अधिवक्ता मनीष से खटपट रहने लगी थी।अभी करीब बीस दिन पहले दोनों के बीच की दूरियां सार्वजनिक हो गयी थी।दोनों के चैंबर अलग हो गए थे।आज जब दरवेश दीवानी में समर्थकों संग घूम रही थी तो उसी दौरान मनीष ने पहले उनका जोरदार स्वागत किया और फिर दीवानी के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद मिश्रा जो पूर्व में पूर्व राज्यपाल के विधिक सलाहकार भी रह चुके हैं के चैंबर में मुंह मीठा किये जाने के दौरान अचानक लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार दी।पहली गोली सीने में,दूसरी पेट और तीसरी माथे पर मारने के बक़द उसने खुद की कनपटी पर पिस्टल लगाकर फायर कर दिया।गंभीर हालत में दोनों को अलग अलग अस्पताल ले जाया गया।दरवेश को जहां अस्पताल पहुंचते ही मृत घोषित कर दिया गया तो मनीष को गंभीर हालात में दिल्ली अपोलो अस्पताल भेजा गया है।घटना की गंभीरता को देखते हुए कई तहनो का फोर्स मौके पर पहुंच गया।खुद एडीजी अजय आनन्द भी मौके पर पहुंच गए और हालात का जायजा लिया।फिलहाल अभी हत्या की असली वजह के बारे में कोई कुछ बोलने को तैयार नही है पर अंदरखाने चर्चाओं का बाजार गर्म है।


Conclusion:बाईट एडीजी अजय आंनद

बाईट अधिवक्ता नाम बोला है।


कुछ तसवीर मेल की जा रही हैं जो इस खबर पर बहुत जरूरी है।
Last Updated : Jun 12, 2019, 8:31 PM IST
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