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आगरा : देवा गैंग के दो अपराधी हथियार समेत गिरफ्तार

यूपी के आगरा जिले के शमसाबाद पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने देवा गैंग के दो शातिर अपराधियों को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है.

हथियार के साथ दो अपराधी गिरफ्तार.
हथियार के साथ दो अपराधी गिरफ्तार.
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Published : Sep 14, 2020, 7:27 AM IST

आगरा : थानाध्यक्ष शमसाबाद अरविंद कुमार निर्वाल के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर हितेश कुमार आजाद आगरा रोड स्थित गढ़ी जहान सिंह मोड़ पर वाहन चेकिंग कर रहे थे. तभी आगरा की तरफ से बाइक पर आ रहे दो संदिग्ध युवकों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया. दोनों युवक भागने लगे. जिसके बाद पुलिस टीम ने घेराबंदी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

तलाशी के दौरान दोनों युवकों के कब्जे से पुलिस ने दो अवैध देशी पिस्टल बरामद किया है. पूछताछ में दोनों युवकों ने अपना नाम वीरू उर्फ वीरेंद्र पुत्र महावीर निवासी पुरा भगतु थाना निबोहरा और टीटू पुत्र बेताल सिंह निवासी वार्ड 17 गोपाल पूरा थाना शमसाबाद बताया है.

वीरू का है बड़ा आपराधिक इतिहास

पुलिस ने दोनों अपराधियों का आपराधिक इतिहास जानने के लिए पूछताछ की तो वीरेंद्र उर्फ वीरू ने बताया कि उसने अपने साथियों देवा, रामदत्त, पवन के साथ मिलकर 7 सितंबर 2015 को गजेंद्र की रंजिशन हत्या की थी. जिसके बाद 28 सितंबर 2015 को राजीव शर्मा के अपहरण में भी शामिल रहा. उसने बताया कि 15 अक्टूबर 2015 को वो गिरफ्तार हो गया था. गिरफ्तारी के बाद 21 जुलाई 2019 को जमानत पर रिहा हुआ. तब से वो नगला कली कहरई थाना ताजगंज में किराए पर रह रहा था. फिलहाल पुलिस ने दोनों अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है.

आगरा : थानाध्यक्ष शमसाबाद अरविंद कुमार निर्वाल के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर हितेश कुमार आजाद आगरा रोड स्थित गढ़ी जहान सिंह मोड़ पर वाहन चेकिंग कर रहे थे. तभी आगरा की तरफ से बाइक पर आ रहे दो संदिग्ध युवकों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया. दोनों युवक भागने लगे. जिसके बाद पुलिस टीम ने घेराबंदी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

तलाशी के दौरान दोनों युवकों के कब्जे से पुलिस ने दो अवैध देशी पिस्टल बरामद किया है. पूछताछ में दोनों युवकों ने अपना नाम वीरू उर्फ वीरेंद्र पुत्र महावीर निवासी पुरा भगतु थाना निबोहरा और टीटू पुत्र बेताल सिंह निवासी वार्ड 17 गोपाल पूरा थाना शमसाबाद बताया है.

वीरू का है बड़ा आपराधिक इतिहास

पुलिस ने दोनों अपराधियों का आपराधिक इतिहास जानने के लिए पूछताछ की तो वीरेंद्र उर्फ वीरू ने बताया कि उसने अपने साथियों देवा, रामदत्त, पवन के साथ मिलकर 7 सितंबर 2015 को गजेंद्र की रंजिशन हत्या की थी. जिसके बाद 28 सितंबर 2015 को राजीव शर्मा के अपहरण में भी शामिल रहा. उसने बताया कि 15 अक्टूबर 2015 को वो गिरफ्तार हो गया था. गिरफ्तारी के बाद 21 जुलाई 2019 को जमानत पर रिहा हुआ. तब से वो नगला कली कहरई थाना ताजगंज में किराए पर रह रहा था. फिलहाल पुलिस ने दोनों अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है.

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