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आगरा: 10 राज्यों के 500 बेरोजगारों से 50 लाख की ठगी, सरगना सहित दो गिरफ्तार - आगरा क्राइम न्यूज

यूपी के आगरा जिले में पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि दोनों ठगों ने पिछले ढाई साल में दस राज्यों के 500 से ज्यादा बेरोजगारों को ठगा है. गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के आगरा, मुरादाबाद, मैनपुरी, बिजनौर शहरों के अलावा बिहार, दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र आदि राज्यों में भी है. आरोपी नौकरी देने का विज्ञापन देकर बेरोजगार युवक-युवतियों से पैसों की ठगी करते थे.

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कई राज्यों में ठगी करने वाले आरोपी.
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Published : Oct 6, 2020, 4:50 AM IST

आगराः जिले में पुलिस ने नौकरी का विज्ञापन देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित दो ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने ढाई साल में दस राज्यों के 500 से ज्यादा बेरोजगारों से 50 लाख रुपये की ठगी की है. साथ ही यह भी बताया कि सरगना ने लॉकडाउन में धौलपुर (राजस्थान) में ठगी का काम बंद कर दिया और आगरा में नया ठिकाना बनाया था.

बता दें कि ठगी के शिकार बेरोजगारों ने ठग गिरोह का पता लगाया और फिर आगरा एसएसपी बबलू कुमार से शिकायत की. इस पर पुलिस ने छानबीन करके गिरोह का भंडाफोड़ किया है.‌ जगदीशपुरा थाना के प्रभारी निरीक्षक बैजनाथ सिंह ने बताया कि मुरादाबाद के ठगी के शिकार बेरोजगारों ने शिकायत की थी. सोमवार को आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-6 से ठग गिरोह का सरगना नरेश सिंह राजपूत और उसका साथी अमरेंद्र कुमार मिश्रा गिरफ्तार किया गया. आरोपी नौकरी का विज्ञापन ओएलएक्स पर फर्जी आईडी बनाकर देते थे.

ऐसे करते थे ठगी
पुलिस की पूछताछ में गिरोह के सरगना नरेश सिंह राजपूत ने खुलासा किया कि नौकरी का विज्ञापन देकर उसमें मोबाइल नंबर भी दिया करते थे. जो लोग कॉल करते थे, आरोपी उनको पीएसयू में नौकरी देने की बात कहते थे. आरोपी बेरोजगारों से पंजीकरण और प्रशिक्षण शुल्क के नाम पर 15 से 35 हजार रुपये खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करा लेते थे. फिर एटीएम से उन बैंक खातों से रकम निकाल लेते. इतना ही नहीं गिरोह ने कई लोगों से उनके बैंक खाते किराए पर ले रखे हैं तो वहीं तमाम बैंक खाते फर्जी कागजात लगाकर खुलवाये गए हैं. ठगी के इस खेल को अंजाम देने के लिए कई सिम कार्ड खरीद रखा था, जिनकी पुलिस जांच कर रही है.

10 से अधिक राज्यों के लोगों को बनाया शिकार
गिरोह के सरगना नरेश ने बताया कि गिरोह तमाम कंपनी के एचआर मैनेजर के नाम से फर्जी आईडी बनाकर नौकरी का विज्ञापन ओएलएक्स पर डालता है. इसमें शैक्षिक योग्यता तक लिखता है. गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के आगरा, मुरादाबाद, मैनपुरी, बिजनौर शहरों के अलावा बिहार, दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र, कन्याकुमारी, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में भी है. ठग गिरोह बेरोजगारों के शैक्षिण प्रमाण पत्र, ईमेल और व्हाट्सएप पर मंगवाते थे. फिर पंजीकरण शुल्क 15 हजार रुपये लेकर नियुक्ति पत्र व्हाट्सएप पर भेज देते थे. फिर बाद में सभी से प्रशिक्षण के नाम पर भी रकम जमा कराकर गायब हो जाते थे.

दो ठग गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि गिरोह का ठिकाना आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-6 में है. गिरोह का सरगना नरेश सिंह राजपूत मूलतः गांव मांगरोल, मनिया, (धौलपुर, राजस्थान) और अमरेंद्र कुमार मिश्रा मूल निवासी बरगदमा खुर्द, थाना बखिरा ( संत कबीर नगर) का है. गिरोह के अड्डे से 4500 रुपये, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल, चार सिम कार्ड, सात एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, चार पासबुक, तीन चेक बुक, दो रजिस्टर, सात शपथ पत्र, सात त्याग पत्र, दो प्रोत्साहन पत्र, दो नियुक्ति पत्र बरामद किए गए हैं. लैपटॉप में 60 से 70 नियुक्ति पत्र बने हुए मिले हैं.

आगराः जिले में पुलिस ने नौकरी का विज्ञापन देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित दो ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने ढाई साल में दस राज्यों के 500 से ज्यादा बेरोजगारों से 50 लाख रुपये की ठगी की है. साथ ही यह भी बताया कि सरगना ने लॉकडाउन में धौलपुर (राजस्थान) में ठगी का काम बंद कर दिया और आगरा में नया ठिकाना बनाया था.

बता दें कि ठगी के शिकार बेरोजगारों ने ठग गिरोह का पता लगाया और फिर आगरा एसएसपी बबलू कुमार से शिकायत की. इस पर पुलिस ने छानबीन करके गिरोह का भंडाफोड़ किया है.‌ जगदीशपुरा थाना के प्रभारी निरीक्षक बैजनाथ सिंह ने बताया कि मुरादाबाद के ठगी के शिकार बेरोजगारों ने शिकायत की थी. सोमवार को आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-6 से ठग गिरोह का सरगना नरेश सिंह राजपूत और उसका साथी अमरेंद्र कुमार मिश्रा गिरफ्तार किया गया. आरोपी नौकरी का विज्ञापन ओएलएक्स पर फर्जी आईडी बनाकर देते थे.

ऐसे करते थे ठगी
पुलिस की पूछताछ में गिरोह के सरगना नरेश सिंह राजपूत ने खुलासा किया कि नौकरी का विज्ञापन देकर उसमें मोबाइल नंबर भी दिया करते थे. जो लोग कॉल करते थे, आरोपी उनको पीएसयू में नौकरी देने की बात कहते थे. आरोपी बेरोजगारों से पंजीकरण और प्रशिक्षण शुल्क के नाम पर 15 से 35 हजार रुपये खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करा लेते थे. फिर एटीएम से उन बैंक खातों से रकम निकाल लेते. इतना ही नहीं गिरोह ने कई लोगों से उनके बैंक खाते किराए पर ले रखे हैं तो वहीं तमाम बैंक खाते फर्जी कागजात लगाकर खुलवाये गए हैं. ठगी के इस खेल को अंजाम देने के लिए कई सिम कार्ड खरीद रखा था, जिनकी पुलिस जांच कर रही है.

10 से अधिक राज्यों के लोगों को बनाया शिकार
गिरोह के सरगना नरेश ने बताया कि गिरोह तमाम कंपनी के एचआर मैनेजर के नाम से फर्जी आईडी बनाकर नौकरी का विज्ञापन ओएलएक्स पर डालता है. इसमें शैक्षिक योग्यता तक लिखता है. गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के आगरा, मुरादाबाद, मैनपुरी, बिजनौर शहरों के अलावा बिहार, दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र, कन्याकुमारी, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में भी है. ठग गिरोह बेरोजगारों के शैक्षिण प्रमाण पत्र, ईमेल और व्हाट्सएप पर मंगवाते थे. फिर पंजीकरण शुल्क 15 हजार रुपये लेकर नियुक्ति पत्र व्हाट्सएप पर भेज देते थे. फिर बाद में सभी से प्रशिक्षण के नाम पर भी रकम जमा कराकर गायब हो जाते थे.

दो ठग गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि गिरोह का ठिकाना आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-6 में है. गिरोह का सरगना नरेश सिंह राजपूत मूलतः गांव मांगरोल, मनिया, (धौलपुर, राजस्थान) और अमरेंद्र कुमार मिश्रा मूल निवासी बरगदमा खुर्द, थाना बखिरा ( संत कबीर नगर) का है. गिरोह के अड्डे से 4500 रुपये, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल, चार सिम कार्ड, सात एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, चार पासबुक, तीन चेक बुक, दो रजिस्टर, सात शपथ पत्र, सात त्याग पत्र, दो प्रोत्साहन पत्र, दो नियुक्ति पत्र बरामद किए गए हैं. लैपटॉप में 60 से 70 नियुक्ति पत्र बने हुए मिले हैं.

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